श्रम कल्याण परिषद की योजनायें महापुरूषों के नाम पर होंगी संचालित
लखनऊ, 07 मार्च। उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुनील भराला ने कहा कि श्रम परिषद के अन्तर्गत चल रही 05 योजनाओं जिसमें श्रमिक के पुत्र व पुत्रियों के प्राविधिक शिक्षा में प्रवेश पर आर्थिक सहायता वितरण योजना, श्रमिकों के मेधावी पुत्र व पुत्रियों को पुरस्कार राशि वितरण योजना, मृतक श्रमिकों की विधवाओं व आश्रितों को आर्थिक सहायता योजना, कन्यादान आर्थिक सहायता योजना व अंत्येष्टि हेतु आर्थिक सहायता योजनाओं का नाम परिवर्तित करके डा. ए.पी. जे. अब्दुल कलाम योजना, गणेश शंकर कल्याण योजना, रानी लक्ष्मीबाई कल्याण योजना, दत्तोपंत हेकड़ी कल्याण योजना तथा महाराजा हरिशचन्द्र कल्याण योजना के नाम से चलाये जाने का प्रस्ताव शासन को उपलब्ध करा दिया गया है, जो कि शीघ्र ही इन महापुरूषों के नाम से जानी जायेंगी।

उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुनील भराला आज यहां वीवीआईपी गेस्ट हाउस में श्रम कल्याण परिषद की बैठक कर रहे थे। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि श्रम कल्याण परिषद को श्रमिकों के लिए और प्रभावी बनाने के प्रयास करें। प्रदेश के समस्त जनपदों में जाकर कारखानों व दुकानों में काम करने वाले ऐसे श्रमिक जिनकी मासिक आय 15000 रुपये से कम हो उन्हें इन योजनाओं से अधिकाधिक आच्छादित कराने का प्रयास करेंगे। 

उन्होंने कहा कि अधिकारी श्रम कल्याण परिषद के अन्तर्गत आवर्त 55 से 58 आयु वर्ष के श्रमिकों को प्रदेश के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों का भ्रमण करवाने के लिए सरकार को रचनात्मक सुझाव देंगे। उन्होंने कहा कि कारखाना मालिकों से भी अनुरोध किया जाय कि यदि उनके पास श्रमिकों की कोई ऐसी धनराशि, जिसको लेने वाला कोई न हो उस धनराशि को शीघ्रातिशीघ्र श्रम आयुक्त को हस्तगत करा दें, ताकि श्रम कल्याण परिषद की योजनाओं से श्रमिकों को लाभान्वित किया जा सके। बैठक में उप श्रमायुक्त लखनऊ परिक्षेत्र श्री एस.पी. शुक्ला ने बताया कि श्रम कल्याण परिषद के अन्तर्गत इस वर्ष कुल 132 श्रमिकों के आवेदन प्राप्त हुए। बैठक में  शीशराम सिंह पूर्वसांसद बिजनौर,  एस.पी. शुक्ल उप श्रमायुक्त लखनऊ, सहायक श्रमायुक्त रवि श्रीवास्तव, एम.के. पाण्डेय व श्री अखलाक अहमद के साथ लखनऊ परिक्षेत्र के सभी श्रम प्रवर्तन अधिकारी उपस्थित थेे।