डॉक्टर दम्पति के पास 1.8० करोड़ रुपये का कोई हिसाब नहीं है

लखनऊ। रेल कोच फैक्ट्री रायबरेली में सीनियर डीएमओ के पद पर कार्यरत डॉ. सुनीता गुप्ता और केजीएमयू लखनऊ में कार्यरत उनके पति प्रो. राजीव गुप्ता सीबीआई को अपनी कुल संपत्तियों का कोई वाजिब स्रोत नहीं बता पाए। एक जनवरी 2००9 से 12 जुलाई 2०16 तक की आय के आधार पर संपत्तियों की जांच में पचा चला कि उनके पास 1.8० करोड़ रुपये का कोई हिसाब नहीं है। इस कारण सीबीआई ने अब नया मुकदमा दर्ज करके उसकी विवेचना शुरू कर दी है। सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच में नया मुकदमा सीबीआई के ही इंस्पेक्टर अनमोल सचान ने दर्ज कराया है। पति-पत्नी के पास आय से अधिक संपत्ति होने के आरोप में यह मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसकी विवेचना सीबीआई के अपर पुलिस अधीक्षक एएस तारियाल करेंगे। संपत्तियों की जांच का यह सिलसिला वर्ष 2०16 से चल रहा है। सीबीआई के छापों में मिले दस्तावेजों के आधार पर यह जांच चल रही थी, जो मूल रूप से डॉ. सुनीता गुप्ता से संबंधित थी। उनके ठिकानों पर सीबीआई के छापे तब पड़े थे, जब वह उत्तर रेलवे के मंडलीय अस्पताल में सीनियर डीएमओ के पद पर कार्यरत थीं। छापों के दौरान डॉ. सुनीता गुप्ता के ठिकानों से उस समय सीबीआई को 1.59 करोड़ रुपये नकद मिले थे। साथ ही बैंक लॉकर से 9.43 लाख रुपये भी मिले थे। इसके अलावा बैंक खाते, फिक्स डिपॉजिट, पीपीएफ, लॉकर, ज्वेलरी, एलआईसी प्रीमियम के दस्तावेज व भूखंडों के कागजात भी मिले थे। सीबीआई इंस्पेक्टर अनमोल सचान ने अपनी तहरीर में यह भी कहा है कि लखनऊ के शारदा नगर में रतन खंड स्थित भूखंड पर हुए निर्माण तथा दो बच्चों की शिक्षा पर हुए खर्च का ब्योरा नहीं जोड़ा जा सका है, क्योंकि इससे संबंधित दस्तावेज नहीं मिल पाए थे।डॉ. सुनीता गुप्ता समेत उत्तर रेलवे के लखनऊ स्थित मंडलीय अस्पताल के छह डॉक्टरों व चिकित्साकर्मियों के खिलाफ शिकायत रेलवे के अफसर ने दी थी। उत्तर रेलवे के तत्कालीन डिप्टी मुख्य सतर्कता अधिकारी विनोद कुमार ने 21 जनवरी 2०16 को सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच से शिकायत की थी। इसमें तत्कालीन सीएमएस डॉ. यू. बंसल, तत्कालीन स्टोर इंचार्ज एवं एसीएमएस डॉ. राकेश गुप्ता, सीनियर डॉ. सुनीता गुप्ता, फार्मासिस्ट एसएन गुप्ता व एसएस मिश्रा व हास्पिटल सहायक ताराचंद के विरुद्ध आईपीसी की धारा 12०बी, 4०9, 42०, 468 व 471 तथा पीसी एक्ट 1988 की धारा 13 (2) व 13(1)(डी) के तहत आरोपित किया गया था।