मनोज शुक्ला हत्याकांड का खुलासा, मुख्य आरोपित समेत 6 गिरफ्तार

पुलिस लाइन सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी ने बताया कि मुख्य आरोपित आशीष सिंह पर गुण्डा एक्ट, बलबा सहित अनेक धाराओं में पहले से मुकदमा कायम है। उन्होंने बताया कि 12 जून की अर्ध रात्रि में मनोज शुक्ला का अपहरण किया गया और लक्ष्मणपुरी स्थित कालोनी ले जाकर आशीष सिंह व उसके गुर्गों ने इतना पीटा कि ब्रेन हेमरेज के कारण मनोज शुक्ला की मौत हो गयी। 13 जून की सुबह शव को मसकनावां में रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया। 14 जून को रेलवे कर्मी मिथलेश कुमार ने पुलिस को सूचना दी कि रेलवे ट्रैक पर कटा हुआ शव पड़ा है।


एसएसपी ने बताया कि फरार अभियुक्तों में अमन सिंह पुत्र राधे सिंह निवासी महताब बाग, धमेन्द्र सिंह पुत्र राधे सिंह निवासी महताब बाग, विकास तिवारी उर्फ छोटू तिवारी पुत्र बेचन तिवारी निवासी महताब बाग, सोनू सोनकर पुत्र राजाराम निवासी चक्रतीर्थ कोतवाली अयोध्या, अनीश पाण्डेय उर्फ छोटू पाण्डेय निवासी परसपुर जनपद बस्ती, राना सिंह पुत्र विजय बहादुर सिंह निवासी बानेपुर थाना दुबौलिया जनपद बस्ती हाल मुकाम बछड़ा सुल्तानपुर कोतवाली नगर अयोध्या व मनुज मल्होत्रा पुत्र मुकेश मल्होत्रा निवासी जालपा शामिल हैं। फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए सम्भावित ठिकानों पर दबिश डाली जा रही है।


एसएसपी से जब यह पूछा गया कि नियमानुसार 72 घंटे तक मृतक की बाॅडी क्यों नहीं सुरक्षित रखी गयी तो उन्होंने कहा कि इसके लिए एसपी गोण्डा को पत्र लिखकर जांच कराने के लिए कहा गया गया है। उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर पर काफी चोट दर्शायी गयी है।मनोज की मौत का कारण उसके सर पर घातक प्रहार होने से ब्रेन हेमरेज बना है।


बहुचर्चित मनोज शुक्ला हत्याकांड से पुलिस ने जन आन्दोलन के बाद रविवार को पर्दा उठाकर मुख्य आरोपित आशीष सिंह सहित 6 अन्य को सांईं दाता कुटिया के पास से गिरफ्तार किया है। अपहरण करने के बाद मनोज शुक्ला की जमकर पिटाई की गयी थी जो उसकी मौत का कारण बनी। इसके बाद शव को मसकनवा ले जाकर रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया गया।


जनपद गोण्डा क्षेत्र के थाना छपिया पुलिस ने शव की शिनाख्त न होने पर उसका अन्तिम संस्कार कर दिया। 13 जून की दोपहर को मनोज शुक्ला के भाई राघवेन्द्र शुक्ला और बहन पूजा शुक्ला ने कोतवाली नगर में भाई मनोज शुक्ला के अपहरण की प्राथमिकी दर्ज करायी थी। अपहरण का पर्दाफाश करने के लिए पुलिस टीम गठित करके मामले की छानबीन शुरू हुई। इस दौरान अवन्तिका होटल की सीसीटीवी फुटेज को जब खंगाला गया तो पता चला कि मनोज शुक्ला का अपहरण आशीष सिंह व उसके साथियों द्वारा किया गया है। अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए सम्भावित स्थानों पर दबिश दी गयी परन्तु कोई पकड़ा नहीं जा सका।


इसी दौरान 15 जून को मसकनवां में रेलवे ट्रैक पर एक अज्ञात युवक का शव मिलने की जानकारी हुई तो पुलिस टीम छपिया भेजी गयी। पुलिस टीम के साथ मनोज के भाई राघवेन्द्र व भाई पूजा भी थे। दोनों को शव की फोटो दिखाई गई तो फोटो देखने के बाद मनोज शुक्ला होने की पुष्टि कर दी। एसएसपी ने बताया कि प्रमुख अभियुक्त लक्ष्मणपुरी कालोनी निवासी आशीष सिंह और उसके साथियों वीरेश सिंह, श्याम कुमार यादव, शिवम सिंह उर्फ शिवम लाला, विनीत कुमार पाण्डेय, श्रवण पाण्डेय उर्फ ननकऊ को घेराबंदी करके सांई दाता कुटिया के पास से गिरफ्तार कर लिया। अपहरण व हत्या में प्रयुक्त एसयूवी कार (यूपी-42 एक्यू 9990) व स्विफ्ट कार (यूपी-43 आर 0968) को भी बरामद कर लिया गया है। अपहरण कर्ताओं की निशानदेही पर मनोज शुक्ला की बाइक (यूपी 43 एसी 1450) भी बरामद हो गयी है।


उन्होंने बताया कि मनोज शुक्ला व वीरेश सिंह दोनों पुराने मित्र थे। वीरेश सिंह ऐरा मेडिकल कालेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। जब भी वीरेश फैजाबाद आता था तो मनोज शुक्ला उसे साथ लेकर शराब पीते थे। 12 जून की रात्रि में भी दोनों ने नाका पर शराब पी और सिविल लाइन स्थित अवन्तिका होटल खाना खाने पहुंचे। खाना लगाने में देरी होने पर वीरेश सिंह होटल के अन्दर गाली गलौज करने लगा जिसकी सूचना होटल मालिक मनीष शाही ने टेलीफोन से वीरेश सिंह के भाई आशीष सिंह को दे दी। आशीष अपने साथियों के साथ कार से अवन्तिका होटल पहुंचा और वीरेश को मारा-पीटा तथा मनोज शुक्ला का अपहरण कर लक्ष्मणपुरी कालोनी स्थित अपने घर ले गया जहां आशीष सिंह व उसके साथियों ने मनोज शुक्ला की हत्या कर दी। मुख्य अभियुक्त ने पुलिस को बताया कि मनोज शुक्ला उसके भाई वीरेश सिंह को शराब आदि पिलाता था जिससे घर के सभी लोग परेशान थे। जब उसे सूचना मिली कि अवन्तिका में दोनों शराब पीकर बैठे हैं तो उसने मनोज शुक्ला को रास्ते से हटाने का फैसला किया। हत्या करने के बाद कार से शव को मसकनवा रेलवे ट्रैक पर ले जाकर फेंक दिया।