बीजेपी में राष्ट्रीय अध्यक्ष के बाद ही बनेगा प्रदेश अध्यक्ष

पार्टी में बड़े बदलाव की तैयारी
लखनऊ। लोकसभा चुनाव के बाद अब भारतीय जनता पार्टी में बड़े बदलाव की तैयारी है। चुनाव प्रभार में लगाए गए बड़े नेता अपने मूल प्रदेशों में लौट सकते हैं, जबकि संगठन एक बार फिर नए सिरे से 2०22 के चुनाव की तैयारी में जुटेगा। भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष डा.महेन्द्र नाथ पाण्डेय केन्द्र की मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बन गए हैं। ऐसे में इस बदलाव के तहत सबसे पहले नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति होगी। केंद्र से प्रदेश के मुख्य चुनाव प्रभारी बनकर आए जेपी नड्डा व उनके तीन नए सह प्रभारियों की भी आगे क्या भूमिका होगी? केन्द्रीय नेतृत्व जल्द इस पर फैसला लेगा।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने मार्च के पहले सप्ताह में चुनाव संचालन व प्रबंधन के लिए 32 सदस्यीय टीम का गठन किया था। इस टीम में प्रदेश के सभी पदाधिकारियों को अलग-अलग तरीके की जिम्मेदारी दी गई थी। अब टीम की प्रासंगिकता न रही तो यह स्वत: निष्क्रिय हो गई है। चुनाव से पहले जनवरी के मध्य में केन्द्रीय नेतृत्व ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी.नड्डा को प्रदेश का मुख्य चुनाव प्रभारी बनाया। उनके सहयोग के लिए गोरधन झड़फिया, नरोत्तम मिश्र और दुष्यंत गौतम को सह प्रभारी बनाया गया। सुनील ओझा पहले से ही सह प्रभारी थे। प्रभारी नई दिल्ली और सह प्रभारी अपने-अपने राज्यों में चले गए।
पार्टी सूत्रों के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष डा. महेन्द्र नाथ पाण्डेय के मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बन जाने के बाद भाजपा नेतृत्व नए प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए कोई जल्दबाजी करने के मूड में नहीं है। अभी तो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बारे में फैसला होना है। चूंकि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह केन्द्र सरकार में मंत्री बन गए हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त हो जाने के बाद ही प्रदेश अध्यक्ष के बारे में फैसला लिया जाएगा। उसी दौरान प्रदेश संगठन में भी बदलाव होगा।