क्या 29 सवारियों से भरा पिकअप किसी पुलिस वालों को दिखाई नहीं दिया

लखनऊ,। मुख्यमंत्री के आदेशों का पुलिस वाले जमकर उल्लंघन कर रहे हैं। यातायात सुरक्षा सप्ताह फिसड्डी साबित हो रहा है। कई थानों से होकर गुजारा सवारियों से भरा हुआ पिकअप आखिर में यहां तक कैसे पहुंच गया। यदि यातायात सुरक्षा सप्ताह का पालन किया जाता तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती थी। नगराम से बाराबंकी तक 29 सवारियों से भरा पिकअप क्या किसी पुलिस वालों को दिखाई नहीं दिया था। इसका मतलब यह है कि मुख्यमंत्री के आदेशों का भी जमकर उल्लंघन किया जा रहा है।
मामला पटवा खेड़ा नगराम का है, यहां पांडेय सराए बाराबंकी से फतेह बहादुर अपने साढ़ू के बेटे की शादी समारोह में शामिल होने आए थे। यहां से बुधवार रात दो बजे करीब लगभग 29 लोग पिकअप में सवार होकर वापस जा रहे थे। बताया जा रहा है कि नहर के पास एक पतली पगडंडी पर पिकअप फंस गया। जिस पर ड्राइवर ने बायीं ओर मोड़ना चाहा, लेकिन जगह न होने की वजह से पिकअप इंदिरा नहर में जा गिरा। हादसा के बाद वहां चीख-पुकार मच गई। लोगों ने किसी तरह से एक-दूसरे को खींचकर नहर से बाहर निकाला। हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया। देर रात क्रेन की मदद से पिकअप को बाहर निकाला गया, जिसके बाद सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ।
वाहन में 29 लोग सवार थे ये सभी नगराम से शादी समारोह से लौट रहे थे। हादसे में सात बच्चे पानी में लापता हो गए, जिसमें से तीन बच्चों के शव 13 घंटे की मशक्कत के बाद मिल गए हैं। तीनों शव घटनास्थल से करीब ढाई सौ मीटर दूर मिले हैं। पिकआप सवार सभी लोग बाराबंकी के रहने वाले थे। सूचना पर पुलिस के अलावा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें अत्याधुनिक उपकरणों से रेस्क्यू में लगी हैं।
नहर से कई लोग तैरकर बाहर आ गए। कुछ लोगों ने बच्चों को भी बाहर निकाला, लेकिन कई परिजनों को उनके बच्चे नहीं मिल पाए। रात भर घरवाले बच्चों की तलाश में बदहवास रहे। बच्चों के डूब जाने के डर से परिजनों में रोना-पीटना मच गया। सुबह चार बजे करीब एनडीआरएफ की टीम ने सर्च अभियान शुरू किया। इस काम में स्थानीय गोताखोरों की भी मदद ली गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लिया है और एसएसपी और एसडीआरएफ को निर्देश दिया है कि वे डूबे हुए व्यक्तियों की खोज और बचाव के लिए हर संभव प्रयास करें। सुबह चार बजे से एसडीआरएफ और स्थानीय गोताखोरों की मदद से सर्च ऑपरेशन चल रहा है, लेकिन बच्चों का पता नहीं लग पाया। घटनास्थल पर डीएम कौशल राज और एसएसपी कलानिधि नैथानी भी मौजूद हैं। उनकी ही निगरानी में सर्च ऑपरेशन चल रहा है। बच्चों के नहीं मिलने से घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है।
सात लापता हुए बच्चों में सचिन (6), सजन (4), सनी (5), सौरभ (6), मानसी (4), मानसी (6), अमन (1०) शामिल हैं। करीब चौदह घंटे की खोजबीन के बाद अमन, सनी और सौरभ के शव मिल गए। बाकी की तलाश अभी जारी है। बताया जा रहा है कि ड्राइवर नशे में था। हादसे के बाद ग्रामीणों ने उसे जमकर पीटा, जिसके बाद से ड्राइवर मौके से फरार है। नहर में बच्चों को खोजने के लिए एसडीआरएफ के 15 जवान और 4 गोताखोरों को लगाया गया है।
एसएसपी कलानिधि नैथानी भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों से पूछताछ की। उनकी देखरेख में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। आइजी रेंज लखनऊ एसके भगत ने कहा कि अब तक 22 लोगों को बचाया जा चुका है। सात बच्चे मिसिग थे, जिनमें से तीन के शव बरामद हो चुके हैं। अभियान जारी है।