पीड़ित हिन्दू महिलाएं भी भाजपा सरकार से न्याय और सम्मान चाहती हैं: रालोद

लखनऊ,। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने शनिवार को कहा कि देशभर में लम्बित पारिवारिक मामलों के लिए केन्द्र और प्रदेश सरकार मिलकर 'फास्ट ट्रैक कोर्ट' की स्थापना कराए ताकि हिन्दू महिलाओं को जल्द न्याय मिल सके।
रालोद के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने संसद में पेश किये गये तीन तलाक बिल का स्वागत करते हुये कहा कि समाज के किसी भी वर्ग में फैली कुरीतियों और रूढ़ियों को दूर करना अच्छी बात है,लेकिन केन्द्र सरकार और उसके मुखिया को देश में सबके बारे में समग्र रूप से सोचना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश के समस्त जनपदों के पारिवारिक न्यायालयों में कुल मिलाकर करोड़ों मुकदमें हिन्दू वर्ग के पंजीकृत और लम्बित हैं। हिन्दू विवाह अधिनियम के अधीन जब तक मुकदमों का निस्तारण नहीं हो जाता तब तक पुनर्विवाह सम्भव नहीं है। इसलिए आज युवा अवस्था में पंजीकृत मुकदमों का निस्तारण वृद्धावस्था तक नहीं हो पाता है। कई मुकदमों में वादी और प्रतिवादी में से किसी एक की मृत्यु भी हो जाती है, परन्तु न्याय नहीं मिल पाता है। इसलिए पीड़ित हिन्दू महिलाएं भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार से न्याय और सम्मान चाहती हैं।
केन्द्र सरकार ने केवल मुस्लिम महिलाओं के सम्मान की बात करके हिन्दू महिलाओं का अपमान किया है। 'सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास' का नारा झूठ का पुलिदा साबित हुआ है। प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्र सरकार पूर्ण रूप से आंख और कान बंद किये हैं। यही कारण है कि वह हिन्दू महिलाओं को न्याय दिलाने की तरफ नहीं सोच रही है।
उन्होंने केन्द्र और प्रदेश सरकार से मांग करते हुये कहा कि देश के समस्त पारिवारिक न्यायालयों में लम्बित मुकदमों की प्रतिदिन सुनवाई करने करने के लिए 'फास्ट ट्रैक कोर्ट' की स्थापना की जाए, ताकि हिन्दू महिलाओं को समय से न्याय मिल सके। यदि केन्द्र सरकार ऐसा नहीं करती है तो उसकी सार्वभौमिकता पर स्वयं प्रश्न चिन्ह लग जाएगा।