रसूखदारों पर मेहरवान हैं एलडीए के आलाधिकारी
अवैध निर्माण करने वालों में रसूखदारों की संख्या ज्यादा
आवासीय भूखंड पर बनाए जा रहे हैं व्यावसायिक भवन
रेस्टोरेंट, शोरूम बैंक व अस्पतालों पर नहीं हो रही कार्रवाई
त्रिनाथ के.शर्मा
लखनऊ। कानपुर रोड योजना में धड़ल्ले से अवैध निर्माण जारी है। एलडीए के अफसरों और अभियंताओं को यहां अवैध निर्माण नजर नही आ रहे हैं। अवैध निर्माण करने वालों में रसूखदारों की संख्या ज्यादा है। इस वजह से एलडीए के अभियंता बड़ों पर कार्रवाई नहीं कर पाते और अफसर भी चुप्पी साधे रहते हैं। कानपुर रोड योजना क्षेत्र में लंबे समय से आवासीय भवनों में व्यावसायिक प्रतिष्ठान संचालित होने के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। तब भी अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि एलडीए के अभियंताओं को सालों से अवैध निर्माणाधीन बिल्डिंगें क्यों नहीं दिखती हैं।
महायोजना की पूरी प्लानिग को धता बताते हुए आवासीय प्लाटों पर मानचित्र के विपरीत अवैध निर्माण बड़े-बड़े शो रूम, निर्माणाधीन अवैध कॉम्प्लेक्स, रेस्टोरेंट ,प्लाज़ा,अवैध मैरिज हॉल,अवैध होटल,हॉस्पिटल खुल गए हैं, तो कहीं रेस्टोरेंट, दुकानें व स्कूल और अस्पताल तक चल रहे हैं। उन्होंने व्यावसायिक नक्शा पास कराने की जरूरत ही नहीं समझी है। भू उपयोग के विपरीत लखनऊ विकास के भूखंडों पर चल रही गतिविधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
आरटीआई, मुख्यमंत्री जनसुवाई पोर्टल पर शिकायतों के माध्यम से प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को जानकारी भी है, लेकिन उसके बाद सुधार नहीं हो रहे हैं। आवासीय भूखंड में बड़े पैमाने पर व्यावासायिक अवैध निर्माण किये गये हैं। रजनी खण्ड,सेक्टर एच,सेक्टर के, सेक्टर जी, सेक्टर बी ,रुचिखण्ड, रतन खण्ड आदि जगहों पर बिना नक्शा पास कराये व्यावसायिक निर्माण कर लिया गया। शहर में कई रसूखदारों के लिए नियमों के कोई मायने नहीं हैं। सरकार और अधिकारी बदलने के बाद भी नियमों का पालन कराने में लखनऊ विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष,सचिव,अधिशासी अभियन्ताओं के कानों जू नहीं रेग रहा हैं।
कड़ी सख्ती के बावजूद कानपुर रोड की बिगड़ रही है सूरत। रसूखदारों पर मेहरबान एलडीए के अधिकारियों को अवैध निर्माणाधीन शोरूम,व्यावसायिक काम्प्लेक्स,अवैध भवन नहीं आ रहा हैं नजर। जोन दो में आवासीय भूखण्डों पर व्यवसायिक निर्माणों पर हालात लगातार बद से बदतर होते जा रहे हैं। पुराने निर्माणों पर कार्यवाही तो दूर की बात है उल्टा नए अवैध निर्माण लगातार जारी हैं।
लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिशासी अभियन्ता, अवर अभियन्ता की भूमाफियाओं और बिल्डरों से मिलीभगत के चलते जोन दो में सैकड़ों से अधिक अवैध निर्माण अब तक हो चुके हैं। पटेल नगर से लेकर तेलीबाग पीजीआई, ट्रांसपोर्ट नगर से लेकर आलमबाग चन्दन नगर, कैलाशपुरी तक, बंगला बाज़ार भदरुख से लेकर आशियाना, एलडीए कॉलोनी कानपुर रोड तक अवैध निर्माण क्षेत्रीय अराजकता और अपराध के नए अड्डे के तौर पर विकसित हो रहे हैं।
प्राधिकरण के अधिकारियों की नाक के नीचे कार्रवाई करने की बजाय, शासन से लेकर प्राधिकरण के अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं। जबकि प्राधिकरण के वीसी और सचिव के आदेश पर निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार आवासीय प्लाटों पर अवैध निर्माणों को लेकर दिन-प्रतिदिन सीलिग के आदेश जारी होते रहते है, लेकिन अधिशासी अभियन्ता और अवर अभियन्ताओं की रसूखदारों, भूमाफियाओं और बिल्डरों से मिलीभगत के चलते मानचित्र के विपरीति निरन्तर अवैध निर्माण जारी है।
रजनी खण्ड 1/23 पर बन रहा अवैध निर्माण, भूखण्ड संख्या सी 1 सेक्टर एच पर निर्माणाधीन अवैध कॉम्प्लेक्स, सेक्टर के-भूखण्ड संख्या 7०7 व सेक्टर के 7०6 पर बना अवैध राजलक्ष्मी रेस्टोरेंट व बैंक्वेट हॉल, सेक्टर के भूखण्ड संख्या 16 पर बना विवेक प्लाज़ा, सेक्टर के भूखण्ड संख्या 42 पर अवैध खनन कर निर्माण कार्य चालू है, 1/23 रुचिखण्ड पर बन रहा अवैध मैरिज हॉल, सेक्टर जी मे भूखण्ड संख्या बी 16 पर बन रहा मानचित्र के विपरीत होटल, सेक्टर बी निकट फीनिक्स मॉल पर बना अवैध निर्माण, सेक्टर एच में भूखण्ड संख्या सी -2 पर बन रहा हॉस्पिटल, रतन खण्ड में बना आरबीएम प्लाज़ा, सेक्टर एच के भूखण्ड संख्या डी -3, सेक्टर के भूखण्ड संख्या 431 व 432 पर बना सुभाष स्वीट हाउस जिसमंे गत दिनों हाल में आग लग चुकी है उस समय आग बुझाने के कोई भी उपकरण मौजूद नहीं थ्ो। सेक्टर एफ विस्तार में भूखण्ड संख्या 2/2० पर अवैध मैरिज हॉल बन रहा है।
इसी इलाके में कई दर्जन से अधिक आवासीय भूखण्डों पर बड़े बड़े शो रूम, हॉस्पिटल, स्कूल, होटल, रेस्टॉरेंट, शॉपिग मॉल आदि बड़े पैमाने पर बन चुके हैं और बन भी रहे हैं।
पीजीआई थाने के अंतर्गत तेलीबाग में जावित्री नîसग होम के मालिक द्बारा बनाया गया अवैध निर्माण ध्वस्तीकरण व सीलिग के आदेश के बाद आज न केवल बनकर तैयार है बल्कि व्यवसायिक रूप से उसका उपयोग भी चालू है।
आशियाना थाने के अंतर्गत तमाम बड़े आवासीय भूखण्डों को व्यवसायिक बना दिया गया, आशियाना थाने के अंतर्गत आने वाली अंसल की आशियाना कॉलोनी का सेक्टर जे, सेक्टर के, सेक्टर एम और सेक्टर एन हो या फिर विकास प्राधिकरण की बनाई आवासीय योजना के अंतर्गत आने वाली कॉलोनी के सेक्टर आई, सेक्टर एल, सेक्टर जी, सेक्टर एच, रजनी खण्ड, रुचि खण्ड, रश्मि खण्ड की कॉलोनी, भदरुख , बंगला बाजार आदि जगहों पर आवासीय भूखण्डों को अवैध व्यवसायिक निर्माण कर दिया गया है।
इसमे आशियाना के सेक्टर जे में बना आस्था कृष्णधाम ओयो होटल न केवल बनकर तैयार हुआ है बल्कि कई बार सीलिग के आदेशों के बाद भी आज व्यवसायिक रूप से इस्तमाल भी हो रहा है। इसके अलावा सेक्टर के आशियाना के आवासीय भूखण्ड 712 में मॉडल शॉप का संचालन पुलिस और एलडीए की नाक के नीचे हो रहा है। सेक्टर के ही भूखण्ड संख्या 7०7 व 7०6 पर राजलक्ष्मी स्वीट हाउस व बैंक्वेट हॉल अवैध रूप से बनकर चालू है, जबकि इसी के बगल में भूखण्ड संख्या 7०5 पर भी एक बड़ा व्यवसायिक प्रतिष्ठान बनकर तैयार हो रहा है। इसके अलावा के-16 पर बने विवेक प्लाजा में संचालित मोतीमहल डीलक्स रेस्टॉरेंट व सुपर मार्केट सहित पूरे सेक्टर के में अनेक अवैध व्यवसायिक निर्माण हो चुके हैं और इन पर कार्यवाही होने की जगह अनेक नए निर्माण अब भी जारी हैं ।
इसी तरह कृष्णा नगर कोतवाली के अंतर्गत आने वाली एलडीए की कॉलोनी का सेक्टर डी , सेक्टर सी , सेक्टर बी , सेक्टर डी -1, बरिगंवा, हिन्द नगर बदाली खेड़ा इसी तरह सरोजनी नगर के अंतर्गत आने वाली कॉलोनी सेक्टर ई ,सेक्टर एफ, सेक्टर एफ विस्तार, सेक्टर ओ,सेक्टर पी औरंगाबाद खालसा, ट्रांसपोर्ट नगर में भी अवर अभियन्ताओं के नाक के नीचे अवैध निर्माण कर दिये गये है।
पीजीआई व आलमबाग कोतवाली के अंतर्गत आने वाली तमाम निजी व सरकारी कॉलोनी अवैध निर्माणों का एक बड़ा गढ़ बनकर उभर चुका है।
यही हाल सेक्टर जी , सेक्टर एच , सेक्टर एल , सेक्टर डी , सेक्टर डी -1, सेक्टर एफ , सेक्टर ई , सेक्टर आई का भी है जहाँ अनेक आवासीय भूखण्ड व्यवसायिक शो रूमों , नîसग होम हॉस्पिटल , होटलों , रेस्टॉरेंट , शॉपिग कॉम्प्लेक्स आदि में बदल गए हैं या बदल रहे हैं।
क्षेत्रीय नागरिको ने आरोप लगाते हुए अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इन अवैध निर्माणों करने वाले भूमाफिया बिल्डर दबंग और ऊँचे रसूख वाले हैं। इन भूमाफिया बिल्डर दबंग और ऊँचे रसूखदारों को क्ष्ोत्रीय एलडीए के अधिशासी अभियन्ता, अवर अभियन्ताओं और पुलिस विभाग पर उनका सिक्का चलता है।
खास बात यह है कि इन अवैध निर्माणों से नगर निगम,जल संस्थान व्यवसायिक कर भी वसूल रहा है,और विद्युत विभाग नियम के विपरीत अवैध निर्माणों पर व्यावसायिक बिजली कनेक्शन जारी कर देता है ।
विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के सूत्रों की माने तो कुछ भ्रष्ट अधिशासी अभियन्ता और अवर अभियन्ताओं द्बारा मानचित्र के विपरीत और मनमाफिक निर्माण करने की एवज में भूमाफियाओं और बिल्डरों से बड़ी मोटी रकम वसूली जाती है। बेसमेंट और प्रत्येक मंज़िल के हिसाब से अलग-अलग रेट तय होते हैं साथ ही साथ सीलिग की नौबत आने पर इस रकम में बड़ा इज़ाफ़ा भी हो जाता है।
इन अवैध निर्माणों के सम्बन्ध में जब एलडीए के सचिव मंगला प्रसाद सिह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आज मुझे आप के अखबार लखनऊ ब्यूरो के माध्यम से अवैध निर्माण से जुड़ा मामला संज्ञान में आया है । बहुत जल्द मौके का निरीक्षण कराया जाएगा और नियमानुसार कार्रवाई होगी।
रसूखदारों पर मेहरवान हैं LDA के VC