उप्र के पानी से जूझ रहे 36 जिलों में जल संचयन प्रबंधन में शामिल होगा वन विभाग

एक जुलाई से चलना है अभियान, केंद्र के जल शक्ति मंत्रालय का आया पत्र


लखनऊ, । प्रदेश में एक जुलाई से शुरू होने वाले जल शक्ति अभियान में वन विभाग भी जुड़ेगा। केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के शुक्रवार को मिले पत्र में विभाग को प्रदेश के जल स्तर में गिरावट वाले 36 जिलों में जल संचयन के उपायों पर विचार करने और उसके अनुसार पौधरोपण करने के निर्देश दिये गये हैं। पत्र मिलते ही इसकी तैयारियों में वन विभाग जुट गया है। वन विभाग के अरण्य भवन में अधिकारियों ने इसके लिए बैठक कर रणनीति बनाई। एक अधिकारी ने बताया कि इन जिलों में वहीं पौधे लगाए जाएंगे, जिनके लिए पानी की कम आवश्यकता होती है। इसके साथ ही शासन के आदेशानुसार जल संचय के अन्य कार्यों को भी किया जाएगा। इसके लिए विभाग तैयारी कर रहा है। भारत में कुल 718 जिलों में केंद्र सरकार के सर्वे के अनुसार 255 जिलों में पानी की कमी है। इसमें 36 जिले उत्तर प्रदेश में हैं। इन जिलों में ही जल शक्ति अभियान एक जुलाई से चलाया जाना है। इसके लिए उत्तर प्रदेश शासन के सभी विभाग अपने अपने ढंग से जल संचयन के प्रबंधन के लिए जागरूकता अभियान और अन्य कार्यों को करेंगे।  इन जिलों में एटा, जौनपुर, बिजनौर, सहारनपुर, रामपुर, रायबरेली, फतेहपुर, बदायूं, अलीगढ़, प्रतापगढ़, संभल, ज्योतिबा फूले नगर, मेरठ, वाराणसी, मैनपुरी, संत रविदास नगर, शामली, कानपुर नगर, हापुड़, आगरा, फिरोजाबाद, कन्नौज, महोबा, गौतम बुद्ध नगर, चित्रकूट, गाजियाबाद, बागपत, प्रयागराज, मथुरा, मुजफ्फरनगर, कासगंज, मुरादाबाद, मिर्जापुर, बुलंदशहर, हाथरस और कौशांबी हैं।