स्वामी विवेकानन्द ने ज्ञान और शब्दों के आधार पर सबका सम्मान प्राप्त किया : नाईक
लखनऊ,। राज्यपाल राम नाईक ने गुरुवार को कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने देश व दुनिया को नई सोच और नई दिशा दी। उन्होंने देशवासियों में स्वाभिमान व राष्ट्रीय चेतना का संचार किया। भारतीय वेदांत दर्शन और अध्यात्म पर सारे विश्व के सामने अपने विचार रखे। वह स्वामी विवेकानन्द की 117वीं पुण्यतिथि के अवसर पर विवेकानन्द पालीक्लीनिक एवं इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साईंस में आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार रख रहे थे। राज्यपाल ने कहा कि वे ऐसे समाज की कल्पना करते थे, जिसमें धर्म या जाति के आधार पर कोई भेदभाव न हो। स्वामी विवेकानन्द ने शिकागो में आयोजित विश्व धर्म परिषद में जो व्याख्यान दिया उससे पूरे विश्व में भारत एवं भारतीयता की एक छवि बनी थी।  नाईक ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने ज्ञान और शब्दों के आधार पर सबका सम्मान प्राप्त किया। धार्मिक एवं सांस्कृतिक राजदूत के रूप में जब उन्होंने शिकागो में अपनी बात रखी तो पूरा माहौल बदल गया। 'भाईयों-बहनों' के सम्बोधन से लेकर उन्होंने भारतीय संस्कृति की अवधारणा 'वसुधैव कुटुम्बकम' की बात कहकर भारत को ऐसे देश में नई पहचान दिलाई, जहां भारतीय लोगों का सम्मान नहीं होता था।  इस मौके पर महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने अल्प समय में पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान बनाई। विवेकानन्द से प्रेरणा लेकर आज के युवा भारत को विश्वगुरु बनाने की दिशा में कार्य करें।