आम्बेडकर के सपने को साकार करने में एससी/एसटी उद्यमियों की अहम भूमिका

जब गरीब का उत्थान होगा, तभी देश आगे बढ़ेगा: चैधरी उदयभान सिंह


अनुसूचित जाति के लोग नौकरी मांगने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनेंगे: लालजी प्रसाद निर्मल


वर्ष 2025 तक एक लाख 25 हजार एससी/एसटी उद्यमी बनाने हैं: मिलिन्द काम्बले




बाबा साहब के विचारों से प्रेरणा लेकर निर्धन वर्ग में जन्में लोग उद्यमी बनकर दूसरों को रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं



लखनऊ । उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्यमंत्री चैधरी उदयभान सिंह ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के उद्यमियों ने बाबा साहब भीमराव आम्बेडकर के सपने को साकार करने के लिए सराहनीय योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब के विचारों से प्रेरणा लेकर निर्धन वर्ग में जन्में लोग उद्यमी बनकर दूसरों को रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं।  उन्होंने निर्धन बेरोजगारों को रोजगार प्रदान करने वाले उद्यमियों की उन्मुक्त कंठ से प्रसंशा भी की। श्री सिंह आज गन्ना संस्थान के सभागार में दलित इण्डियन चैम्बर आॅफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (डिक्की) एवं सिडबी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित ‘स्वावलम्बन संकल्प कार्यक्रम’ में उद्यमियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब गरीब का उत्थान होगा, तभी देश आगे बढ़ेगा। औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए बैंकों को पूरा सहयोग करना चाहिए, क्यांेकि देश मजबूत तब होगा, जब एससी/एसटी वर्ग के लोग भी कल-कारखाने लगाकर स्वावलम्बी बनेंगे। उन्होंने डिक्की के इस आयोजन को औद्योगीकरण दिशा में सार्थक पहल बताया। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2016 में स्टैण्ड-अप इण्डिया कार्यक्रम की शुरूआत की गई थी। इससे युवाओं को स्वारोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से एससी/एसटी उद्यमियों को सहूलियतें प्रदान की जा रही हंै।


उ.प्र. वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा कि डिक्की ने पूरे देश में दलित उद्यमिता के विकास के लिए नया अध्याय शुरू किया है। दलित नौकरी मांगने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनेंगे। दलित का उत्पीड़न आर्थिक सशक्तीकरण के माध्यम से समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एससी/एसटी महिलाओं के लिए सिलाई मशीन एवं आटा चक्की योजना चलाकर स्वावलम्बन की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है।


उन्होंने स्वारोजगार को बढ़ावा देने के लिए बैंकों से अपेक्षित सहयोग की अपेक्षा भी की।डिक्की के फाउण्डर चेयरमैन श्री मिलिन्द काम्बले ने कहा कि देश में वर्ष 2025 तक एक लाख 25 हजार एससी/एसटी उद्यमी बनाने हैं। इसके लिए देश भर में तमाम प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कराया जायेगा। स्वावलम्बन का पहला कार्यक्रम आज लखनऊ में आयोजित किया गया है। देश के प्रत्येक राज्य में इसी प्रकार के 30 कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। स्टैण्ड-अप इण्डिया कार्यक्रम से अधिक से अधिक एससी/एसटी समाज के लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के सार्थक प्रयास किये जायेंगे।  कार्यक्रम में डिक्की के नेशनल वर्किंग प्रेसिडेंट रवि कुमार नर्रा सहित विभिन्न बैकों के अधिकारी एवं बड़ी संख्या में उद्यमी शामिल हुए।