कुष्ठ रोग का इलाज संभव है : आलोक कुमार त्रिपाठी

कुष्ठ रोग पीड़ितों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयास की जरूरत है  


कुष्ठ रोगी ठीक होने के बाद समाज के उत्पादक सदस्य के रूप में अपना जीवन जी सकते हैं :आलोक कुमार त्रिपाठी


भारत देश में भी कुष्ठ रोग पर काफी नियंत्रण किया जा चुका है 




कुष्ठ रोग पीड़ितों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयास की जरूरत है : त्रिपाठी


कुष्ठ आश्रम में रोगियों के साथ पत्रकारों ने मनाया नया साल



लखनऊ जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने बांटे फल और मिठाई


लखनऊ। आमतौर पर लोग नव वर्ष काफी हर्षोल्लास से व भव्य तरीके से मनाते हैं। कोई पार्टी करता है, कोई तेज म्युजिक का मजा लेता है तो कोई घूमने निकल जाता है। लखनऊ जर्नलिस्ट एसोसिएशन के पत्रकार साथियों ने नव वर्ष अपने ही ढंग से मनाया।
एसोसिएशन के अध्यक्ष आलोक कुमार त्रिपाठी के आह्वान पर पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी पत्रकार साथी आलमबाग-बाराविरवा स्थित कुष्ठ आश्रम पर जुटे तथा कुष्ठ रोग पीड़ितों का मुंह मीठा कराकर उन्हे फल वितरित किए। आश्रम के प्रधान प्रेम सिह ने लखनऊ जर्नलिस्ट एसोसिएशन के सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए सभी की प्रगति के लिए प्रार्थना की।
इस अवसर पर एसोसिएशन के अध्यक्ष आलोक कुमार त्रिपाठी ने कहा कि कुष्ठ रोग पीड़ितों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयास की जरूरत है। भारत देश में भी इस रोग पर काफी नियंत्रण किया जा चुका है। जिन कुष्ठ रोगियों को समाज धिक्कारता है, उन कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्तियों से हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी काफी स्नेह और सहानुभूति रखते थे। क्योंकि वो जानते थे कि इस रोग के क्या सामजिक आयाम हैं। इसलिए राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने अपने जीवन में कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों की काफी सेवा की और कुष्ठ रोगियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए काफी प्रयास किये। कहा जाए तो हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के प्रयासों की वजह से ही भारत सहित कई देशों में अब कुष्ठ रोगियों को सामजिक बहिष्कार का सामना नहीं करना पड़ता। अब समाज का अधिकतर तबका समझ गया है कि कुष्ठ रोग कोई दैवीय आपदा नहीं बल्कि एक बीमारी है जो कि किसी को भी हो सकती है, और इसका इलाज संभव है। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी द्बारा कुष्ठ रोगियों को समाज की मुख्य धारा में जोड़ने के प्रयासों की वजह से ही हर वर्ष 30 जनवरी उनकी पुण्यतिथि को कुष्ठ रोग निवारण दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारत सरकार कुष्ठ रोग का नि:शुल्क इलाज उपलब्ध कराती है। हालांकि बहुत से लोग उनके साथ होने वाले भेदभाव और समाज में फैली गलत अवधारणाओं के कारण अपना इलाज नहीं करवाते हैं। कुष्ठ रोगी ठीक होने के बाद समाज के उत्पादक सदस्य के रूप में अपना जीवन जी सकते हैं।
इस अवसर पर एसोसिएशन के अध्यक्ष आलोक कुमार त्रिपाठी, उपाध्याय विजय आनंद वर्मा, रवि उपाध्याय,मंत्री अर्जुन द्बिेदी, विशेष आमंत्रित सदस्य मो. इनाम खान,अजय गुप्ता, राजेश वर्मा, सुनील कुमार पांडेय, रवि शर्मा, त्रिनाथ शर्मा, राम बाबू, रंजीत सिह आदि बड़ी संख्या में पत्रकार उपस्थित रहे।
इस अवसर पर एसोसिएशन के अध्यक्ष आलोक कुमार त्रिपाठी ने कहा कि कुष्ठ रोगियों के साथ नया साल मनाने से सुकून मिलता लगता है इसी लिए हम लोग नया साल मनाने कहीं और न जाकर कुष्ठ आश्रम आते हैं।