लखनऊ । ब्रह्माकुमारीज के तीन दिवसीय महाशिवरात्रि पर्व का आज विधिवत समापन हो गया।शिव कलियुग में छाए अज्ञानता केतिमिरऔर दुख का नाश कर, ज्ञान का प्रकाश फैलाने व सतयुगकी दुनिया के निर्माण के लिए अवतरित होते हैं। उनका अवतरण हीशिवजयंती है, जिसे भक्त महाशिवरात्रि के रूप में मनाते हैं।टैंक पार्क गोमती नगर में सजी झांकी में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शकों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए। यहां लगी अध्यात्म चित्र प्रदर्शनी में आत्मा और परमात्मा के स्वरूप, उनके परस्पर संबंध व कर्तव्य को समझाते हुए ब्रम्हाकुमारी बहनों ने बताया कि मोटर रूपी शरीर की शक्ति व संचालक आत्मा है।
आत्मा ही वह शक्ति है जो देह को संचालित करती है। आत्मा अजर अमर अविनाशी है। विश्व की समस्त आत्माएं परमपिता परमात्मा शिव की संतान हैं। वर्तमान में विश्व बारूद के ढेर पर खड़ा है और हिंसा का माहौल है। संबंधों में कटुता आ गई है, मानव दुखों से घिरा है। वैज्ञानिकों ने कयामत की घड़ी (Doom’sday clock) द्वारा चेताया भी है कि महाविनाश को बस एक ही मिनट शेष रह गया है।ब्रम्हाकुमारी के 'सृष्टि – चक्र’ संबंधी चित्र में भी दर्शाया गया है कि घोर कलयुग की समाप्ति होने वाली है।वर्तमान समयसंगम युग है जिसमें शिव पिछले 83 वर्षों सेसतयुग की स्थापना का कार्य गुप्त रीति से अपने मददगार बच्चों द्वारा करा रहे है।
आज कबीर पुरा स्थित विशाल परिसर में निर्माणाधीन ब्रह्माकुमारीज के आध्यात्मिक केंद्र 'गुलज़ार उपवन' में शिव जयंती धूमधाम से मनाई गई तथा शिव-ध्वज लहराया गया ।