राज्य व केन्द्र सरकार की योजनाओं को प्राथमिकता से पूरा किया जाए: रवीन्द्र जायसवाल 
राज्य व केन्द्र सरकार की योजनाओं को प्राथमिकता से पूरा किया जाए: रवीन्द्र जायसवाल 

 

स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन राज्यमंत्री ने जिला योजना समिति की बैठक की अध्यक्षता की 

 

लखनऊ। जनपद संत कबीरनगर के प्रभारी एवं प्रदेश के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन श्री रवीन्द्र जायसवाल की अध्यक्षता में आयोजित स्थानीय कलेक्ट्रेट सभागार में जिला योजना समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में जनपद के वार्षिक योजना वर्ष 2020-21 के लिए जनपद के विकासगत विभिन्न योजनाओं के सापेक्ष रू0 319 करोड़ 60 लाख के परिव्यय का अनुमोदन किया गया। इसमें वचनबद्ध खर्चे, अपूर्ण कार्यो की प्राथमिकता, पुनरोनिधानित योजनाओं के दीर्धकालीन परिव्यय की व्यवस्था करना है। राज्य सरकार एवं भारत सरकार के संचालित कार्यक्रमों को प्राथमिकता देते हुए जनपद के छोटे-बड़े 42 विभागों, सेक्टरों को शामिल किया गया है। कृषि सम्वर्गीय योजनाएं (कृषि, गन्ना, पशुपालन, दुग्ध विकास, सहकारिता, एवं वन विभाग) केे लिए रू0 2927.98 लाख, शिक्षा (प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा एवं प्राविधिक शिक्षा) के लिए रू0 2360 लाख, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य (एलोपैथिक, परिवार कल्याण, आयुर्वेदिक तथा होम्योपैथिक) के लिए रू0 3957.74 लाख, ग्रामीण स्वच्छता (पंचायती राज) के लिए रू0 4836.56 लाख, आवास (ग्रामीण एंव पूल्ड) के लिए रू0 4700 लाख, ग्रामीण रोजगार एवं मनरेगा के लिए रू0 8000 लाख, सड़क एवं पुल हेतु रू0 1349.55 लाख, अन्य कल्याणकारी योजनाएं (अनुसूचित जाति कल्याण, पिछड़ी जाति कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, सामान्य छात्रवृत्ति, समाज कल्याण, विकलांग कल्याण, महिला एवं बाल कल्याण) के लिए रू0 3069.28 लाख की योजनाएं सम्मिलित की गयी है।

प्रभारी मंत्री श्री जायसवाल ने जिलाधिकारी रवीश गुप्ता के अनुरोध पर जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी से मदवार सभी योजनाओं के सापेक्ष परिव्यय की जानकारी प्राप्त करते हुए परीक्षणोपरान्त अनुमोदन का प्रस्ताव जिला योजना समिति की सहमति से मंजूरी प्रदान की। जिला योजना समिति की बैठक के दौरान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार, कृषि निर्यात, श्री राम चैहान भी उपस्थित रहें। बैठक के दौरान प्रभारी मंत्री ने स्थानीय जन प्रतिनिधियों के द्वारा उठाये गये प्रश्नों पर विचार करते हुए कतिपय योजनाओं के सापेक्ष निर्धारित बजट में आवश्यकतानुसार संशोधन के भी निर्देश दिये। 

बैठक में जनपद के गन्ना किसानों के बकाया भुगतान में विलम्ब की स्थिति पर मंत्री ने जिला गन्ना अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि सरकार द्वारा बकाया भुगतान करने के बावजूद किसानों को भुगतान न होने की दशा में सम्बंधित के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाए। इस  मामलें में बैंक की लापरवाही पाये जाने पर जिलाधिकारी को कार्यवाही के निर्देश दिये हैं। बैठक में जनपद के विकासगत अन्य विन्दुओ पर समीक्षा के दौरान प्रभारी मंत्री ने बेसहारा पशुओं को पालने हेतु सरकार द्वारा प्रति पशु 900 रू0 प्रति माह की दी जाने वाली सहायता के बेहतर प्रचार-प्रसार हेतु जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा गांवों में चैपाल लगाकर योजना के बारे में ग्रामीणों को अवगत कराने को कहा जिससे एक परिवार अधिकतम 04 पशु को पालकर रू0 3600 प्रतिमाह की सरकारी सहायता प्राप्त कर स्वंय तथा पशुओं का पालन कर सकता है। 

श्री जायसवाल ने जनपद की शिक्षा व्यवस्था के बारे में भी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी तथा जिला विद्यालय निरीक्षक से विस्तृत चर्चा की तथा बी.एड, बीटीसी प्रशिक्षु शिक्षकों को टेªेनिंग के दौरान ऐसे विद्यालयों में तैनाती के निर्देश दिये जहां शिक्षकों की कमी है। जनपद में निर्देशों के बावजूद कुछ शिक्षा मित्रों को उनके मूल स्थान पर अभी तक वापस न किये जाने के संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिये गये।  प्रभारी मंत्री श्री जायसवाल ने बैठक के दौरान संत कबीर के दोहे का उद्धरण देते हुए कहा कि उसका असर जनपद की कार्य शैली पर दिखना चाहिए। जनपद में नहरों एवं शिल्ट की सफाई हेतु विभागीय अधिकारी को निर्देशित किया गया। प्रभारी मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार जीरो करप्शन की नीति अपनाई जाएं और यदि कोई भी अधिकारी भष्टाचार में लिप्त पाया जाता है तो इसके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाए।

जनपद के प्रभारी मंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने जिला योजना समिति की बैठक सम्पन्न होने के तुरन्त बाद जिला चिकित्सालय का स्थलीय निरीक्षण किया।  निरीक्षण के दौरान प्रभारी मंत्री ने चिकित्सालय में भर्ती मरीजों का हाल जानते हुए उनसे उपलब्ध सेवाओं को मुहैया कराने सम्बधी व्यवस्था के बारे में पूछा। प्रभारी मंत्री ने मरीजो के पंजीकरण पटल पर जा कर मरीजो की संख्या आदि के बारे में भी पूछताछ की। उन्होंने नवजात शिशु कक्ष, आईसीयू, सीटी स्कैन सेन्टर, मेडिकल एवं सर्जिकल वार्ड सहित चिकित्सालय में साफ-सफाई की व्यवस्था आदि का भी निरीक्षण करते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी तथा चिकित्साधीक्षक को चिकित्सीय सेवाओं को सुचारू रूप से उपलब्ध कराने तथा इसमें लापरवाही ना बरतने का निर्देश दिया। प्रभारी मंत्री द्वारा महिला चिकित्सालय हेतु नवनिर्मित भवन का भी निरीक्षण किया गया।