स्ंागीत नाटक अकादमी ने किया विद्वानों व कलाकारों को सम्मानित

लखनऊ । उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के यहां संत गाडगेजी प्रेक्षागृह गोमतीनगर में आयोजित सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि माननीय राज्यपाल श्रीमती आनन्दी बेन पटेल ने विद्वानों और कलाकारों को ताम्रपत्र, अंगवस्त्र व राशि इत्यादि देकर सम्मानित किया। उन्होंने वर्ष 2009 से लेकर वर्ष 2019 तक के अकादमी पुरस्कार संगीत-नृत्य, नाट्य आदि विभिन्न विधाओं के कलाकारों व लेखकों को वितरित किये। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर संस्कृति व पर्यटन मंत्री डा.नीलकण्ठ तिवारी, अकादमी अध्यक्ष डा.पूर्णिमा पाण्डे व उपाध्यक्ष धन्नूलाल गौतम के संग प्रमुख सचिव संस्कृति श्री जितेन्द्र कुमार, विभागीय अधिकारी व अकादमी के सचिव श्री तरुण राज भी कलाकारों के बीच उपस्थित रहे।
इस अवसर पर राज्यपाल ने सम्मानित जनों को बधाई देने के साथ स्वाधीनता संग्राम और राष्ट्र निर्माण मंे उत्तर प्रदेश के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश पूरे विश्व में गौरवपूर्ण स्थान रखता है। यह प्रदेश संगीत और नाट्य के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रदेश सांस्कृतिक दृष्टि से बहुत ही समृ़द्ध है, हमारी कलाओं का समाज में स्वस्थ संदेश फैलाने में प्रभावी उपयोग किया जा सकता है। जीवन को समृ़़द्ध करने वाली कलाएं और परम्पराएं हमें विरासत में मिली हैं। हमें अपने पूर्वजों से मिली परम्पराएं और विरासत का सम्मान करना चाहिए। साथ ही अगली पीढ़ी के लिए उनका संरक्षण भी करना चाहिए। संविधान के लिहाज से भी हर नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह संस्कृति के विकास में भागीदार बने।
संस्कृति मंत्री डा.नीलकण्ठ तिवारी ने कहा कि संस्कृति की रक्षा में कलाकारों का बड़ा योगदान रहा है। अकादमी का सम्मान 2009 से रुका हुआ था। प्रदेश की वर्तमान सरकार ने कलाकारों के सम्मान के इस काम को आगे बढ़ाया।  
अकादमी की अध्यक्ष डा.पूर्णिमा पाण्डे ने कहा कि उत्तर प्रदेश भारतीय संस्कृति का केन्द्र है। यहां से कई संस्कृतियां निकली हैं। यह बहुत से संतों और कलाकारों का जन्म और कर्मस्थल रहा है। यहां संगीत, नृत्य और अन्य कलाएं समृद्ध हुई हैं। समारोह का संचालन अकादमी के सचिव तरुण राज व अलका ने किया। सचिव ने सम्मानित विद्वानों व कलाकारों का परिचय भी सबके सम्मुख रखा।
समारोह में वर्ष 2009 का अकादमी रत्न सदस्य सम्मान श्री वि.वि.श्रीखण्डे, वर्ष 2010 की रत्न सदस्यता श्री सत्यभान शर्मा को, वर्ष 2011 की रत्न सदस्यता श्री चितरंजन ज्योतिषी चित्तरंग को, वर्ष 2012 की रत्न सदस्यता पद्मश्री पं.राजेश्वर आचार्य को व वर्ष 2013 की रत्न सदस्यता पद्मश्री मालिनी अवस्थी को प्रदान की गयी। राष्ट्रीय स्तर के बीएम शाह पुरस्कार में 25 हजार रुपये की राशि, सफदर हाशमी पुरस्कार व अकादमी पुरस्कार में 10-10 हज़ार की राशि के चेक भी प्रदान किये गये। इस अवसर पर अकादमी के कथक केन्द्र की एक छोटी प्रस्तुति ‘गंगावतरण’ भी मंच पर प्रदर्शित की गई।
वर्ष 2009 के अकादमी पुरस्कार शास्त्रीय गायक उस्ताद राशिद खान, तबला वादन पं.पूरण महाराज पखावज वादक  राजकुमार झा, नौटंकी कलाकार सुश्री कृष्णा कुमारी माथुर, रंगनिर्देशक सलीम आरिफ, नौटंकी गायिका सुश्री कमलेश लता, वायलिन वादक प्रो. गोपाल चन्द्र नन्दी, सारंगी वादक उस्ताद नसीर खाँ, भरतनाट्यम् नृत्यांगना सुश्री लक्ष्मी श्रीवास्तव व छायाकार श्री सुरेन्द्र श्रीवास्तव को दिये गये।
वर्ष 2010 के अकादमी पुरस्कार शास्त्रीय गायकी राॅबिन चटर्जी, सरोद वादक, शिवदास चक्रवर्ती, तबला वादक स्वपन सिन्हा, नक्कारा वादक श्री हरिश्चन्द्र, नौटंकी अभिनेता श्री मुन्ना मास्टर, रंगकर्मी श्री हरिशंकर अवस्थी उर्फ राजा अवस्थी, कथक नृत्यांगना श्रीमती बीना सिंह, लेखिका डाॅ.विद्या बिन्दु सिंह व कला समीक्षक श्री संतोष कुमार वाल्मीकि को प्रदान किये गये।
वर्ष 2011 के अकादमी पुरस्कार उपशास्त्रीय गायक पं.सुरेन्द्र मोहन मिश्र, क्लैरिनेट वादक पं.रामकृष्ण, हारमोनियम वादक उस्ताद मेहराज खां, विचित्र वीणा वादक श्री कृष्ण चन्द्र गुप्ता, आल्हा गायक श्री बच्चा सिंह, लोकगायक श्री लक्ष्मीशंकर शुक्ला, अवधी प्रकाश संयोजक श्री अरुण कुमार त्रिवेदी, रंगमंच निर्देशक श्री शैलेश श्रीवास्तव, कथक नृत्यांगना डाॅ.मीरा दीक्षित व कला उन्नयन के लिये सुश्री मीरा माथुर को प्रदान किये गयेे।
वर्ष 2012 के अकादमी पुरस्कार शास्त्रीय गायक श्री विद्याधर प्रसाद मिश्र, पखावज वादक श्री गौरी शंकर सिरवैया, नौटंकी अभिनेत्री श्रीमती मधु अग्रवाल, रंगकर्मी डाॅ.परितोष प्रसाद भट्टाचार्य, भोजपुरी गायिका डाॅ. श्रीमती शैलेश श्रीवास्तव, लोकगायक श्री रामचन्द्र दुबे अजेय, इसराज वादक श्रीकुमार मिश्रा, बांसुरी वादक श्री रविराज शंकर, लोकगायक श्री उदय चन्द्र परदेसी, कथक नृत्यांगना सुश्री रेनू शर्मा व तबला वादक श्री किशोर कुमार मिश्र को दिये गये।
वर्ष 2013 के अकादमी पुरस्कार सुगम गायिका सुश्री ऊषा टंडन (सुश्री ऊषा सेठ), लोक गायक डाॅ.मन्नू यादव, गिटार वादिका डाॅ.कमला शंकर, तबला वादिका डाॅ.नीलू शर्मा, तबला वादक मो.अकरम खान, रंगकर्मी श्री जरीफ मलिक आनन्द, कथक नृत्यांगना डाॅ. विधि नागर, कथक नृत्यांगना, श्रीमती रुचि शर्मा, शास्त्रीय गायिका डाॅ. सृष्टि माथुर, अभिनेता श्री अम्बरीश बाॅबी व रंगमंच अभिनेत्री सुश्री भानुमती सिंह को प्रदान किया गया।
वर्ष 2014 के अकादमी पुरस्कार सितार वादक प्रो.पं.साहित्य कुमार नाहर, तबला वादक श्री पुण्डलीक कृष्ण भागवत, तबला वादक  नन्द किशोर मिश्र, हारमोनियम वादक मुख्तार अहमद, रंगकर्मी श्रीमती चित्रा सिंह, कुचिपुड़ी नृत्यांगना सुश्री मीनू ठाकुर, सुगम गायक अग्निहोत्री बन्धु (राकेश-देवेश), नाट्य लेखक  राजेश कुमार, कथक नृत्यांगना डाॅ.रुचि खरे, अभिनेता मनोज जोशी व नौटंकी कलाकार श्री खेमचन्द्र यदुवंशी को प्रदान किये गये।
वर्ष 2015 के अकादमी पुरस्कार कव्वाली के लिये सुश्री चंचल भारती, बांसुरी वादक पं.सुनील कान्त गुप्ता, रंगमंच निर्देशक प्रवीण शेखर, उपशास्त्रीय गायिका श्रीमती सुचरिता गुप्ता, नाट्य निर्देशक श्री केशव प्रसाद सिंह, तबला वादक पं.अनुपम राय, तबला वादक  कुबेर नाथ मिश्र, सरोद वादक  अभिजीत राय चैधरी, संगीत विद्वान डाॅ.सुधांशु पाण्डे, रंगकर्मी विजय तिवारी व कला उन्नयन के लिये कार्यरत  गिरीश चन्द्र मिश्र को प्रदान किये गयेे।
वर्ष 2016 के अकादमी पुरस्कार ध्रुपद गायक सुखदेव चतुर्वेदी, शास्त्रीय गायक श्री देवाशीष डे, सितार वादिका सुश्री रेशमा श्रीवास्तव, लोक गायक  राकेश उपाध्याय, ब्रज लोक कलाकार सुश्री वन्दना सिंह, कला समीक्षक आलोक पराड़कर, लेखक अशोक हमराही, गायक  किशोर चतुर्वेदी, सरोद वादक  मुकेश शर्मा, रंग निर्देशक  अलोपी वर्मा व संगीत विद्वान डाॅ.अमित कुमार वर्मा को प्रदान किये गये।
वर्ष 2017 के अकादमी पुरस्कारों में बी.एम.शाह पुरस्कार रंग निर्देशक  देवेन्द्र राज अंकुर को व सफदर हाशमी रंगकर्मी सुश्री पूर्वा नरेश को और अकादमी पुरस्कार शास्त्रीय गायक श्री भोलानाथ मिश्र कजरी गायिका सुश्री अजीता श्रीवास्तव, रंगकर्मी  अभिषेक पंडित, रंगकर्मी  के.बी.सक्सेना संगीत निर्देशक  विवेक प्रकाश, लोक कलाकारसंजय कुमार शर्मा, नाटककार विभांशु वैभव, शास्त्रीय गायिका  रश्मि चैधरी, रंगकर्मी  प्रभात कुमार बोस, कथक नृत्यांगना सुश्री सुरभि सिंह व कला समीक्षक  आत्मप्रकाश मिश्र को दिये गये।
वर्ष 2018 के पुरस्कारों में बी.एम.शाह पुरस्कार मूकाभिनय के लिए श्री निरंजन गोस्वामी को, सफदर हाशमी पुरस्कार रंग निर्देशन के लिये   भूपेश जोशी को और अकादमी पुरस्कार सुगम संगीत कलाकार डाॅ.विजय कपूर, सुगम गायिका डाॅ.राज्यश्री बनर्जी, पखावज वादक   विजय रामदास, रंग अभिनेता मो.जब्बार अकरम, रंगमंच निर्देशक डिम्पी मिश्रा, रंगमंच निर्देशक, सुश्री विधु खरे दास, ढोलक वादक डाॅ.श्रीकांत शुक्ल, नक्कारा वादक सुनील कुमार विश्वकर्मा, नाट्य लेखक श्री धरमश्री सिंह, भरतनाट्यम नर्तक श्री अमृत सिन्हा व कथक नृत्यांगना श्रीमती सुरभि शुक्ला को प्रदान किये गये।
वर्ष 2019 के पुरस्कारों में बी.एम.शाह पुरस्कार रंगनिर्देशन के लिये  रंजीत कपूर को व सफदर हाशमी पुरस्कार रंगमंच अभिनय के लिये  टीकम जोशी और अकादमी पुरस्कार ध्रुवपद गायक  राधा गोविन्द दास, सारंगी वादक पं.भारत भूषण गोस्वामी, तबला वादक  कामेश्वर नाथ मिश्रा, कथक नर्तक युगल पं.माता प्रसाद मिश्र एवं पं.रवि शंकर मिश्र (प्रिय बंधु), लोकगायिका श्रीमती उर्मिला शुक्ला, रंग निर्देशक सुरेश शर्मा, प्रकाश संयोजक  राघव प्रकाश मिश्र, संगीत विद्वान प्रो.श्रीमती स्वतंत्र शर्मा, तबला वादक श्री ललित कुमार, नौटंकी कलाकार अमित कुमार दीक्षित व कला उन्नयन के लिये कार्य करने वाले श्री विनोद मिश्र को प्रदान किया गया।
समारोह में देवेन्द्र राज अंकुर, रंजीत कपूर, पूर्वा नरेश जैसे कुछ कलाकार उपस्थित नहीं हुए, कुछ कलाकारों का सम्मान उनके परिवारीजनों व प्रतिनिधियों ने ग्रहण किय।
मंच पर उतरी गंगा
इस अवसर पर अकादमी कथक केन्द्र के कलाकारों ने पृथ्वी पर सगर पुत्रों के तारण के लिए भगीरथ तप से अवतरित हुई और गोमुख से शुरू होकर गंगासागर में विलीन होती जीवन दायिनी गंगा की कथा को मंच पर उतारा। नीता जोशी के नृत्य निर्देशन, कमलाकांत के गायन व संगीत निर्देशन तथा राजीव शुक्ला के तबला वादन व छंद संयोजन में प्रस्तुत इस कथक संरचना गंगा अवतरण में प्रशिक्षक नीता जोशी व श्रुति शर्मा के साथ शरण्या शुक्ला, प्रियम यादव, अनंत शक्तिका सिंह, प्रीति वर्मा, काजल नेगी, मनीषा सिंह व शगुन यादव मंच पर उतरीं। बांसुरी पर दीपेंद्र कुंवर ने साथ निभाया।