धारावाहिकों में काम करने वाले कलाकारों को संसद में प्रदर्शन का मौका मिला

धारावाहिकों में काम करने वाले कलाकारों को संसद में प्रदर्शन का मौका मिला


रामायण,और महाभारत जैसे धारावाहिकों में काम करने वाले लोकप्रियता का लाभ उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी


महाभारत में द्रोपदी का किरदार निभाने वाली रूपागांगुली इन दिनों राज्यसभा के सदस्य है


रामायण में सीता की भूमिका निभाने वाली दीपिका चिखलिया भी भारतीय जनता पार्टी की ओर से वर्ष1991 में संसद में प्रतिनिधित्व कर चुकी है


रामायण में हनुमान का किरदार निभाने वाले दारा सिंह को संसद में प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला


रावण यानि अरविन्द त्रिवेदी को वर्ष 1991 में गुजरात के साबरगाठा जिले से सांसद चुने गए थे



998 के लोकसभा चुनाव में जमशेदपुर से सांसद रह चुके है महाभारत श्रीकृष्ण नीतिश  




 लखनऊ। 1991 में जब भाजपा की लहर चल रही थी तब पार्टी ने रामायण,और महाभारत जैसे धारावाहिकों में काम करने वाले कुछ पात्रों को चुनाव मैदान मे ंउतारकर उनकी लोकप्रियता का लाभ उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। महाभारत में द्रोपदी का किरदार निभाने वाली रूपागांगुली इन दिनों राज्यसभा के सदस्य है। 2015 में वह राजनीति में आ गयी और 2016 में उन्होंने पश्चिम बंगाल की हावड़ा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन तृणमुल कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व क्रिकेटर लक्ष्मीरतन शुक्ला से वह हार गयी। बाद में उन्हे नवजोत सिंह सिद्वू की रिक्त राज्यसभा सीट से राज्यसभा भेजा गया। इस समय वह राज्य सभा से सांसद हैं। रामायण में सीता की भूमिका निभाने वाली दीपिका चिखलिया भी भारतीय जनता पार्टी की ओर से वर्ष1991 में संसद में प्रतिनिधित्व कर चुकी है। 1991 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उनकी लोकप्रियता का लाभ उठाते हुए दीपिका को बड़ोदरा से टिकट दिया था। इसी तरह रामायण में हनुमान का किरदार निभाने वाले दारा सिंह जिन्होंने पहलवानी के साथ अपनी अदाकारी से फिल्मी दुनिया में मुकाम बनाया उन्हे भी संसद में प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। दारा सिंह धारावाहिक रामायण में काम करने से पहले पिल्मों में चरित्र भूमिका निभाया करते थे रामायण में हनुमान की भूमिका निभाने से पहले वे कई फिल्मों हनुमान की भूमिका निभा चुका थे। अभिनय के साथ ही दारा सिंह ने कई फि ल्मों में अभिनय के अतिरिक्त निर्देशन व लेखन भी किया।

अटल सरकार के दौरान उन्हें राज्य सभा का सदस्य मनोनीत किया। वे अगस्त 2003 से अगस्त 2009 तक पूरे छह वर्ष राज्य सभा के सांसद रहे। इसी तरह रामायण के अन्य अहमं किरदार रावण यानि अरविन्द त्रिवेदी गुजराती रंगमंच के मंझे हुए कलाकार रहे हैं। रामायण सीरियल में आने से पहले वे अपने भाई उपेन्द्र त्रिवेदी के साथ गुजराती फिल्मों में खूब काम किया। अरविंद त्रिवेदी को वर्ष 1991 में गुजरात के साबरगाठा जिले से सांसद चुने गए थे। साबरकांठा गुजरात का वहीं निर्वाचन क्षेत्र है जहां से कभी पूर्व प्रधानमंत्री गुलजारी लाल नंदा चुनाव जीतते थे। इन दिनों अरविंद त्रिवेदी की आयु 82 वर्ष हैं। और जब लाकडाउन की अवधि में रामायण का प्रसारण हो रहा है तब वे एक बार फिर उस अपने अभिनीत धारावाहिक को देखकर भावुक होने के साथ अभिभूत हो रहे है।

 

लाकडाउन की अवधि में एक बार फिर रामायण,और महाभारत जैसे धारावाहिकों की धूम है। यह दोनों सीरियल तीनदशक पहले पहले छोटेपर्दे पर धूम मचाए हुए थे। आज लोगों को भले लाकडाउन की अवधि में इन दोनों धारावाहिकों को देखने का अवसर मिल रहा है जबकि अस्सी के दशक में यह दोनों धारावाहिक प्रसारित होते थे तब भी सड़कों पर आज जैसे लांकडाउन की स्थिति हो जाती थी। लाकडाउन की अवधि में जब इन दोनों धारावाहिकों का पुर्नप्रसारण हो रहा है तो इन दोनों धारावाहिकों में काम करने वाले प्रमुख पात्रों का जिक्र होना लाजिमी है। इन दोनों धारावाहिकों में कई प्रमुख पात्र इस फानी दुनिया से अलविदा कह चुके है।इन दोनों धारावाहिकों में काम करने वाले कलाकारों ने जहां अपनी अदाकारी से छोटेपर्दे पर अपना जलवा बिखेरा तो इनमें से कुछ को संसद में योग्यता क्षमता के प्रदर्शन का मौका मिला।

बीआर चोपड़ा प्रोडक्शन के बैनर तले जब टीवी सीरियल महाभारत का प्रसारण शुरू हुआ तो इसके प्रमुख पात्र भगवान श्रीकृष्ण हर किसी के ह्रदय में बस गए। भगवान श्रीकृष्ण की तरह मोहक मुस्कान वाले मराठी रंगमंच के कलाकार और पेशे से डाक्टर नीतिश भारद्वाज को लोग भगवान कृष्ण की तरह पूजने लगे तो भाजपा ने एक बार फि र इस लोकप्रियता को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और उन्हे 1998 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की तरफ से जमशेदपुर लोकसभा सीट से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया। नीतिश की लोकप्रियता का आलम यह रहा कि उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी इंदर सिंह नामधारी को लम्बे अंतर से चुनाव हरा दिया। इंदर सिंह नामधारी बाद में झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे।


 द्रोपदी-रूपा गांगुली -: राजनीतिक संघर्ष


2016 में पश्चिम बंगाल विधानसभा के चुनाव होने वाले थे, इससे ठीक पहले रूपा ने राजनीति में अपने लिए संभावनाएं तलाशने की कोशिश की। इसी मिशन के तहत 2015 में वह बीजेपी में शामिल हुईं। वह हावड़ा नॉर्थ से बीजेपी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव भी लड़ीं लेकिन ममता लहर के सामने टिक नहीं सकीं। टीएमसी कैंडिडेट लक्ष्मी रतन शुक्ला से उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा। हालांकि बीजेपी नेतृत्व ने उनकी काबिलियत को सम्मान दिया। पार्टी ने अक्टूबर 2016 में उन्हें सीधे राज्यसभा भेजा। इस वक्त वह संसद की उच्च सदन में सांसद हैं।


साल 1988-90 के दौरान अगर आपने दूरदर्शन पर महाभारत सीरियल देखा है, या फिर महाभारत ग्रंथ को पढ़ा है तो आप द्रौपदी के किरदार से जरूर परिचित होंगे। इस किरदार को टीवी स्क्रीन पर जीने वाली अभिनेत्री का नाम है रूपा गांगुली. द्रौपदी  के रोल में रूपा गांगुली ने एक मजबूत औरत के किरदार को उभारा, जो अपने साथ हुए अपमान का बदला लेने के लिए 'महाभारत' होने की एक वजह बन बैठी। रूपा गांगुली का जन्म 25 नवंबर 1966 को पश्चिम बंगाल में कोलकाता के निकट कल्याणी में हुआ। रूपा को कला का संस्कार बंगाली पारिवारिक माहौल में मिला । आगे चलकर ये विशेषताएं उनके व्यक्तित्व में निखरीं. कोलकाता से ही स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई शुरू करने के बाद रूपा अभिनय के रास्ते पर चल पड़ीं। उनकी स्कूली शिक्षा बेलतल्ला गर्ल्स हाई स्कूल से हुई। इसके बाद कोलकाता यूनिवर्सिटी से उन्होंने स्नातक की डिग्री ली। 


 सीता-दीपिका चिखलिया:-  80 के दशक का पॉपुलर शो रामायण एक बार फिर दूरदर्शन पर प्रसारित हो रहा है।  रामायण से घर-घर में राम और सीता के नाम से पहचाने जाने वाले अरुण गोविल और दीपिका चिखलिया आज भी उसी रूप में लोगों के मन में बसे हैं।  फर्क बस इतना है कि अब दोनों कलाकारों की उम्र हो चुकी है। भारतीय टेलीविजन पर प्रसारित हुए ऐतिहासिक धारावाहिकों में से एक रामायण एक बार फिर से छोटे पर्दे पर वापसी कर रहा है। दूरदर्शन पर इसे सुबह 9 बजे और रात को 9 बजे प्रसारित किया जाएगा। जिस शो को देखने के लिए कभी गलियां सुनसान हो जाया करती थीं, अब उसी शो के जरिए अब लॉकडाउन के माहौल में दर्शकों को मनोरंजन किया जा सकेगा। रामायण शो के बनने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। पिछले दिनों द कपिल शर्मा शो पर शो की स्टार कास्ट आई थी और ढेरों किस्से साझा किए थे। सीता की भूमिका निभाने वाली दीपिका बड़ोदरा से रही सांसद। 


 हनुमान-दारा सिंह :- उन्हें  अटल सरकार के दौरान की सरकार ने  राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया। वे अगस्त 2003 से अगस्त 2009 तक पूरे छ: वर्ष राज्य सभा के  सांसद रहे। 33 साल पहले बने इस सीरियल के हर कलाकार ने अपना किरदार बखूबी निभाया। शो में हनुमान जी का किरादार अभिनेता दारा सिंह ने निभाया था। भले ही अब दारा सिंह हमारे बीच न हों लेकिन उनका ये किरदार आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है। साल 2012 में दारा सिंह का 83 साल की उम्र में निधन हो गया। पहलवानी से अपना करियर शुरू करने वाले दारा सिंह ने अभिनेता, निर्देशक और निर्माता के तौर पर बेहतरीन काम किया। साल 1976 आई फिल्म बजरंगबली में उन्होंने हनुमान जी का किरदार निभाया था। इसके बाद वो रामानंद सागर की रामायण में हनुमान बने।


 रावण-अरविंद त्रिवेदी:-  लॉकडाउन की वजह से रामायण के जरिए टीवी पर 80 का दशक फिर से लौट आया है। इसी के साथ इस शो के किरदार भी इन दिनों चर्चा में हैं। रामायण लगातार सोशल मीडिया पर ट्रेंड में हैं। अरुण गोविल और दीपिका के साथ इन दिनों रामानंद सागर की रामायण के रावण भी खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं। टीवी पर सीता का हरण कर विश्व भर में लोकप्रियता बटोरने वाले रावण यानी अरविंद त्रिवेदी रियल लाइफ में श्रीराम के अनन्य भक्त हैं।  रावण बन चुके अरविंद त्रिवेदी साबरकांठा से रहे सांसद।


 कृष्ण-नीतिश भारद्वाज  :- नितीश ने महाभारत में भगवान कृष्ण की मुख्य भूमिका निभाई हैंl नितीश का मानना है कि यह कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच परिवारों को लॉकडाउन का समय महाभारत देखते समय उन्हें साथ लाएगा। उनके अनुसार यह युवा पीढ़ी के लिए इससे सीखने का अवसर है। महाभारत का युग 1988 में महाभारत पहली बार टीवी पर प्रसारित हुआ था, नीतीश उन दिनों को याद करते हैं और बताते है कि जब टीवी एक आवश्यकता नहीं बल्कि एक लक्जरी था  । जमशेदपुर से सांसद रह चुके है महाभारत श्रीकृष्ण नीतिश।