प्रधानमंत्री द्वारा किया गया लॉकडाउन यहंा के हालात बेकाबू नहीं होने देंगे

भारत का तापमान, अनुवांशिकी, जीवन शैली और प्रधानमंत्री द्वारा किया गया लॉकडाउन यहंा के हालात बेकाबू नहीं होने देंगे


भारतीय रोजमर्रा की ङ्क्षजदगी में बैक्टीरिया से जूझते रहते हैं


भारत में नमस्ते द्वारा अभिवादन, गर्म भोजन करने की परम्परा भी हमें संक्रमण से बचाती है


शोध में पाया गया कि इनमें सांस रोधी रोगों की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है


लिहाजा हमारी प्रतिरोधक क्षमता यूरोपीय देशों से अधिक है


यह शोध प्रसिद्ध जनरल सेल में प्रकाशित हुआ है


खाने से पहले हाथ धोना भी इसमें सहायक है 



 

लखनऊ।  लखनऊ के राममनोहर लोहिया आयुॢवज्ञान संस्थान के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रो$फेसर डॉ. विक्रम ङ्क्षसह का यह कहना है कि। वह यूपी में राज्य सरकार द्वारा बनाई गई टीम का हिस्सा हैं और कोरोना के राज्य नोडल अधिकारी भी। बातचीत में उन्होंने अमरीका की जॉन हॉप्किंस यूनिवॢसटी के 'सेंटर फॉर डिजीज डायनमिक्स एंड इकोनॉमिक पॉलिसी द्वारा प्रकाशित शोध के तथ्यों को खारिज किया है। इस शोध में कहा गया था कि भारत में 25 अप्रैल के बाद बड़े पैमाने पर लोग बीमार हो सकते हैं। डॉ. ङ्क्षसह के मुताबिक फ्रांस के पेरिस स्थित इंस्टीट्यूट के प्रो$फेसरों द्वारा रोग प्रतिरोधक क्षमता पर किए शोध के अनुसार अफ्रीकन अनुवांशिकी के मनुष्यों में प्रतिरोधिक क्षमता अन्य देशों के लोगों से अधिक होती है। भारतीय भी अफ्रीकन अनुवांशिकी में आते हैं। शोध में पाया गया कि इनमें सांस रोधी रोगों की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, जिससे संक्रमण की कम संभावना होती है। शोध में यह भी कहा गया है कि आनुवांशिक कारणों से जींस में भी फर्क होता है, लिहाजा हमारी प्रतिरोधक क्षमता यूरोपीय देशों से अधिक है। यह शोध प्रसिद्ध जनरल सेल में प्रकाशित हुआ है।

डॉ. ङ्क्षसह का कहना है कि वुहान में 15 जनवरी के बाद संक्रमण बढ़ा था, तब वहां का तापमान 3 से 14 डिग्री सेल्सियस था। इटली में सबसे ज्यादा मामले 15 फरवरी के बाद आए जब वहां का तापमान 13 से 19 डिग्री था। भारत में अप्रैल में तापमान 20 से 38 डिग्री सेल्सियस तक रहने की उम्मीद है। उच्च तापमान कोरोना वायरस के किसी सतह पर भजदा रहने की अवधि को कम करता है। भारतीय रोजमर्रा की ङ्क्षजदगी में बैक्टीरिया से जूझते रहते हैं। जैसे शुद्ध पेयजल न पीना, ढाबे आदि पर कम साफ-सफाई में बना भोजन करना, कॉलेज कैंटीन आदि में भोजन से शरीर ऐसे संक्रमण के विरुद्ध प्रतिरोधक क्षमता पैदा कर लेता है। इसे प्राकृतिक वैक्सिनेशन भी कहते हैं। भारत में नमस्ते द्वारा अभिवादन, गर्म भोजन करने की परम्परा भी हमें संक्रमण से बचाती है। खाने से पहले हाथ धोना भी इसमें सहायक है।

भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के हालात यूरोपीय देशों जैसे अनियंत्रित होने की संभावना बहुत कम है। प्रमुख चार कारण भारत का तापमान, अनुवांशिकी, जीवन शैली और प्रधानमंत्री द्वारा किया गया लॉकडाउन यहंा के हालात बेकाबू नहीं होने देंगे। इसके अलावा भारतीयों की प्रतिरोधक क्षमता भी यूरोपीय लोगों से बेहतर होती है, इसलिए भी वायरस का भारत में कम असर होने की प्रबल संभावना है।