...अब तक 8 लाख प्रवासी मजदूर यूपी वापस लौट चुके हैं

वापस लौटने के लिए प्रदेश सरकार के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है 


एक दिन में 42 हजार लोग ट्रेनों से यूपी पहुंच रहे हैं


20-25 दिनों में सभी मजदूर वापस अपने घर लौट सकते हैं









 लखनऊ। प्रदेश सरकार के अनुसार विभिन्न माध्यमों से अब तक 8 लाख हैं। पिछले तीन दिनों में 80 ट्रेनों से करीब 1.25 लाख मजदूर यूपी पहुंच चुके हैं। राजस्थान व हरियाणा से बसों से भी मजदूर वापस लाए जा रहे हैं। हाल ही में 9 हजार मजदूरों को राजस्थान से लाया गया, जबकि 30 हजार मजूदरों को रोडवेज की बसों से लाया जा रहा है। 

देश के विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में फंसे मजदूरों को वापस लाने की यूपी सरकार की हरसंभव कोशिशों के बावजूद लक्ष्य अभी दूर है। मजदूरों को वापस लाने की ये कोशिशें लगातार जारी रहीं तो भी इस अभियान में कम से कम 20 दिन और लगेंगे। अभी ट्रेनों से प्रतिदिन औसतन 42 हजार लोग यूपी पहुंच पा रहे हैं।

रजिस्ट्रेशन के मुताबिक शनिवार तक देश के 36 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों से 6.37 लाख मजदूरों के आवेदन अभी भी लंबित हैं। मजदूरों के परिवार के सदस्यों को मिलाकर इन आवेदनों के साथ अब तक 870828 लोगों ने वापस लाए जाने का अनुरोध किया है। रेलवे की मदद से मजदूरों को लेकर प्रदेश में औसतन 35 ट्रेनें आ रही हैं। एक ट्रेन में आमतौर पर 1200 लोग होते हैं, जो निर्धारित रेलवे स्टेशन पर उतारे जाते हैं। फिर उन्हें बसों से उनके गृह जिलों में भेजा जाता है। इस तरह मोटे तौर पर एक दिन में 42 हजार लोग ट्रेनों से यूपी पहुंच रहे हैं। कभी-कभी पड़ोसी राज्यों से आने वाली बसों को भी मिलाकर वापस आने वाले प्रवासी मजदूरों की संख्या 50-55 हजार तक पहुंच जाती है। प्रदेश सरकार के इन प्रयासों के बदौलत यह अनुमान लगाया जा सकता है कि 20-25 दिनों में सभी मजदूर वापस अपने घर लौट सकते हैं।