लाॅकडाउन के दौरान पेट्रोलिंग बढ़ाने के निर्देश: योगी
उ.प्र. सरकार अपने सभी प्रवासी कामगारों/श्रमिकों का ट्रेन का किराया वहन करते हुए इन्हें प्रदेश में निःशुल्क ला रही

 

अब तक राज्य सरकार ने 16 लाख से अधिक प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की प्रदेश में सकुशल व सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की

 

क्वारंटीन सेन्टर तथा कम्युनिटी किचन व्यवस्था को और सुदृढ़ करते हुए आवश्यकतानुसार सी.सी.टी.वी. कैमरे स्थापित किए जाएं

 

प्रत्येक जनपद में एक टेस्टिंग लैब स्थापित होगी, इसके लिए चिकित्सा शिक्षा मंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री कार्यवाही को आगे बढ़ाएं

 

क्वारंटीन सेन्टर में पल्स आॅक्सीमीटर की व्यवस्था की जाए

 

प्रदेश में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहना चाहिए, हर जरूरतमंद परिवार को आवश्यकतानुसार खाद्यान्न उपलब्ध कराने के निर्देश

 

जनपदों में भेजे गए नोडल अधिकारी प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की समस्याओं का समाधान करने के लिए वहीं कार्य करेंगे

 

हाॅटस्पाॅट क्षेत्रों, क्वारंटीन सेन्टर तथा होम क्वारंटीन वाले लोगों के घरों को सेनिटाइज किया जाए

 

आई.सी.एम.आर. द्वारा अनुमोदित टेस्टिंग लैब ही कोविड-19 के संक्रमण की जांच कर सकती

 

प्रत्येक जनपद में मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सहयोग प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग एक वरिष्ठ अधिकारी को भेजने की व्यवस्था करे

 

संक्रमण से बचाव के उद्देश्य से मण्डियों को बड़े व खुले स्थान पर संचालित कराया जाए

 

मार्ग दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस एवं परिवहन विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें : योगी

 

मनरेगा कार्याें की संख्या बढ़ाकर अधिक से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराएं: योगी


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने कहा कि कोई भी राज्य सरकार उत्तर प्रदेश के प्रवासी कामगारों/श्रमिकों से ट्रेन से किराया न ले। उत्तर प्रदेश सरकार अपने सभी प्रवासी कामगारों/श्रमिकों का ट्रेन का किराया वहन करते हुए इन्हें प्रदेश में निःशुल्क ला रही है। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश वापस आने के इच्छुक प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को लाने के लिए सभी सम्बन्धित राज्यों से ट्रेन संचालित की जाए।
मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अब तक राज्य सरकार ने 16 लाख से अधिक प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की प्रदेश में सकुशल व सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की है। विभिन्न राज्यों से 8.52 लाख प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को लेकर 656 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें प्रदेश में आ चुकी हैं। अगले दो दिन में 258 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें और आएंगी। इस प्रकार कुल 914 ट्रेनों की व्यवस्था कर दी गयी है। राज्य सड़क परिवहन निगम की 12 हजार बसों के माध्यम से प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को उनके गृह जनपद में भेजने की व्यवस्था की गयी है। इसके अलावा, प्रत्येक जिलाधिकारी के निवर्तन पर 200 बसें रखते हुए इस प्रकार सभी 75 जनपदों में 15 हजार बसें अतिरिक्त रूप से उपलब्ध करायी गयी हैं। 16 लाख से अधिक प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के बाद लगभग इतनी संख्या में प्रवासी कामगार/श्रमिक अभी और आ सकते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए उन्होंने क्वारंटीन सेन्टर तथा कम्युनिटी किचन व्यवस्था को वर्तमान की भांति आने वाले समय में भी सुचारू और व्यवस्थित बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि क्वारंटीन सेन्टर तथा कम्युनिटी किचन व्यवस्था को और सुदृढ़ करते हुए आवश्यकतानुसार सी0सी0टी0वी0 कैमरे स्थापित किए जाएं। साफ-सफाई तथा सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की जाए। क्वारंटीन सेन्टर/आश्रय स्थल में प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को शुद्ध एवं पर्याप्त मात्रा में भोजन उपलब्ध कराया जाए। क्वारंटीन सेन्टर में पल्स आॅक्सीमीटर की व्यवस्था की जाए, जिससे शरीर में आॅक्सीजन की मात्रा की जांच की जा सके। क्वारंटीन सेन्टर से होम क्वारंटीन के लिए घर भेजे जाने पर प्रवासी कामगारो/श्रमिकों को अनिवार्य रूप से राशन किट उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहना चाहिए। उन्होंने हर जरूरतमंद परिवार को आवश्यकतानुसार खाद्यान्न उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए हैं।
मुख्यमंत्री  ने निर्देश दिए कि क्वारंटीन सेन्टर/आश्रय स्थल तथा कम्युनिटी किचन में कार्यरत कर्मियों को संक्रमण से बचाव के साधन उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने कहा कि जनपदों में भेजे गए नोडल अधिकारी प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की समस्याओं का समाधान करने के लिए वहीं कार्य करेंगे। उन्होंने मनरेगा कार्याें की संख्या बढ़ाकर अधिक से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने कन्टेनमेन्ट जोन में होम डिलीवरी सुविधा को जारी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि हाॅटस्पाॅट क्षेत्रों, क्वारंटीन सेन्टर तथा होम क्वारंटीन वाले लोगों के घरों को सेनिटाइज किया जाए। हाॅटस्पाॅट क्षेत्र के प्रत्येक घर को सेनिटाइज किया जाए। उन्होंने लाॅकडाउन के दौरान पेट्रोलिंग बढ़ाने के निर्देश देते हुए कहा कि हाई-वे, एक्सप्रेस-वे पर पी0आर0वी0 112 के माध्यम से तथा बाजारों आदि में फुट पेट्रोलिंग की जाए। ग्रामीण इलाकों में सघन पेट्रोलिंग के लिए होमगार्ड तथा पी0आर0डी0 कार्मिकों के साथ-साथ 60 वर्ष से कम आयु के भूतपूर्व सैनिकों की सेवाएं ली जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं पर भी भीड़ एकत्र न होने पाए।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रत्येक जनपद में एक टेस्टिंग लैब स्थापित होगी। इसके लिए चिकित्सा शिक्षा मंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री कार्यवाही को आगे बढ़ाएं। उन्होंने टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि के निर्देश देते हुए कहा कि इस सम्बन्ध में पूल टेस्टिंग को अपनाया जाए। 10-10 के भी पूल टेस्ट कराये जाएं, जिससे अधिक संख्या में टेस्ट हो सकें। मेडिकल संक्रमण से बचाव में प्रशिक्षण के महत्व पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि चिकित्सा कर्मियों की ट्रेनिंग पूरी गम्भीरता से करायी जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि मेडिकल काॅलेजों में पी0पी0ई0 किट की कमी न होने पाये। इसके लिए कारगर व्यवस्था लागू की जाए। सभी जनपदों से पी0पी0ई0 किट, एन-95 मास्क, ट्रिपल लेयर मास्क, ग्लव्स, सेनिटाइजर, दवाई, बेड शीट आदि लाॅजिस्टिक्स की उपलब्धता की नियमित रिपोर्ट प्राप्त की जाए। उन्होंने अल्ट्रा रेड थर्मामीटर तथा पल्स आॅक्सीमीटर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आई0सी0एम0आर0) द्वारा अनुमोदित टेस्टिंग लैब ही कोविड-19 के संक्रमण की जांच कर सकती है। उन्होंने निर्देश दिए कि आई0सी0एम0आर0 की अनुमति के बगैर कोविड-19 की जांच करने पर टेस्टिंग लैब के विरुद्ध कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सहयोग प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग एक वरिष्ठ अधिकारी को भेजने की व्यवस्था करे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संक्रमण से बचाव के उद्देश्य से मण्डियों को बड़े व खुले स्थान पर संचालित कराया जाए। सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि मण्डियों में ग्राहक तथा व्यापारी सहित सभी लोग अनिवार्य रूप से मास्क का उपयोग करें। उन्होंने मण्डियों में इंफेक्शन से बचाव के लिए सेनिटाइजर आदि साधनों की व्यवस्था के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्ग दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस एवं परिवहन विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें। शहरी व ग्रामीण इलाकों में गठित निगरानी समितियों के सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से नियमित संवाद बनाते हुए समिति के कार्याें की जानकारी ली जाए। उन्होंने पुलिस को ग्राम प्रहरियों से संवाद स्थापित करने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री  जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग, मुख्य सचिव आर.के. तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त  संजीव मित्तल, पुलिस महानिदेशक  हितेश सी. अवस्थी, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल तथा  संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव एम.एस.एम.ई. नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।