लखनऊ के मोहनलालगंज के टिकरनखेडा में रविवार की तीन सौ से अधिक टिड्डियों के दल ने धावा

लखनऊ के मोहनलालगंज के टिकरनखेडा में रविवार की तीन सौ से अधिक टिड्डियों के दल ने धावा









लखनऊ। राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज के टिकरनखेडा में रविवार की तीन सौ से अधिक टिड्डियों के दल ने धावा बोल दिया। टिड्डियों ने सबसे पहले ब्रजेश कुमार के मदार के पेड़ को चट गई। उसके बाद अन्य पेड़ों को चट करने लगी। किसानों में दहशत फैल गई। लोगो ने विधायक व कृषि विभाग को सूचना दी। कृषि विभाग के टीए दिलीप कुमार दोहरे मौके पर पहुंचे और क्लोर पायरी फास दवा का छिड़काव करवाया। उन्होंने पाकिस्तान से आई टिड्डियों के दल होने की बात से इनकार किया।


आपको बता दें कि टिड्डियों के हमले मुख्यतः शुष्क क्षेत्रों में होते हैं। यही वजह है अफ्रीका से होते हुए अफगानिस्तान, पाकिस्तान के जरिए भारत में प्रवेश कर रही हैं। वह गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश समेत शुष्क प्रदेशों में खेतों की खड़ी फसल को चट कर रही हैं। उन्होंने बताया कि आमतौर पर यह एक स्थान पर रहती हैं। कभी-कभी यह तेजी से हमला करती हैं। इस दौरान उनके शरीर की संरचना बदल जाती है। हरे-पीले रंग की टिड्डियों के शरीर का रंग बदल कर हल्का भूरा व गुलाबी हो जाता है। माइग्रेशन के दौरान पिछले पैरों की हड्डियों का आकार भी बदल जाता हैं। इतना ही नहीं, इनकी प्रजनन की क्षमता माइग्रेशन के दौरान 100 गुना तक बढ़ सकती है। ये जहां भी रुकती हैं, वहां अंडे जरूर देती हैं। इन अंडे को वे गड्ढों में दबा देती हैं। जहां से 15 से 20 दिन बाद अंडे फूटने लगते हैं।