प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की सम्मानजनक व सुरक्षित वापसी के लिए केन्द्र एवं उप्र सरकार ने निःशुल्क ट्रेन तथा बस की व्यवस्था की: मुख्यमंत्री
प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को ट्रेन तथा बस की सुरक्षित यात्रा के सम्बन्ध में जागरूक किया जाए: मुख्यमंत्री
प्रदेश की सीमा में प्रवेश करते ही प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को भोजन तथा पेयजल उपलब्ध कराया जाए: मुख्यमंत्री
कम्युनिटी किचन के माध्यम से 15 लाख लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के प्रबन्ध किए जाएं
होम क्वारंटीन अवधि पूरा करने वाले प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को एक हजार रु0 का भरण-पोषण भत्ता अवश्य दिया जाए
प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त तथा कृषि उत्पादन आयुक्त को वृहद कार्ययोजना तैयार करें
एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों में कुल बेड की संख्या को बढ़ाकर 75 हजार बेड किया जाए
संक्रमण से सुरक्षा सम्बन्धी प्रोटोकाॅल का पूरी तरह पालन करते हुए अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाओं को संचालित किया जाए
फ्रंट लाइन कोरोना वाॅरियर्स को मेडिकल इंफेक्शन से सुरक्षित रखने के लिए इन्हें सभी सुरक्षा साधन उपलब्ध कराए जाएं
सोशल डिस्टिेंसिंग का कड़ाई से पालन कराने तथा भीड़ को एकत्र न होने देने के लिए पुलिस द्वारा प्रभावी पेट्रोलिंग की जाए: मुख्यमंत्री
लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की सम्मानजनक व सुरक्षित वापसी के लिए केन्द्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार ने निःशुल्क ट्रेन तथा बस की व्यवस्था की है। प्रवासी कामगार/श्रमिक स्वयं व परिवार के हितों को ध्यान में रखते हुए पैदल अथवा अवैध एवं असुरक्षित वाहनों से यात्रा न करें। उनकी सकुशल व सुरक्षित यात्रा के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार ने सभी प्रबन्ध किये हैं। उन्होंने प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को ट्रेन तथा बस की सुरक्षित यात्रा के सम्बन्ध में जागरूक किए जाने के निर्देश दिए हैं। अब तक प्रदेश में 838 श्रमिक एक्सप्रेस से 14 लाख से अधिक प्रवासी कामगार/श्रमिक पहुंचे हैं। अगले दो दिन में 206 ट्रेने और आएंगी। इस प्रकार 1,044 ट्रेनों की व्यवस्था कर दी गई है।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी मण्डलायुक्त अपने-अपने मण्डल में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के आगमन, तत्पश्चात प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को बस द्वारा उनके गृह जनपद भेजे जाने की व्यवस्थाओं की नियमित माॅनिटरिंग करें। उन्होंने कहा कि राज्य सड़क परिवहन निगम की 12 हजार बसें प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को उनके गृह जनपद पहुंचा रही हैं। इसके अलावा राज्य सरकार ने प्रत्येक जिलाधिकारी के निवर्तन पर 200 बस की व्यवस्था की है। इस प्रकार सभी 75 जनपदों में जिलाधिकारियों को कुल 15 हजार बसें अतिरिक्त रूप से उपलब्ध कराई गई हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की सीमा में प्रवेश करते ही प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को भोजन तथा पेयजल उपलब्ध कराया जाए। इसके बाद इनकी स्क्रीनिंग करते हुए उन्हें सुरक्षित व सकुशल उनके गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने बाॅर्डर क्षेत्र के साथ-साथ टोल प्लाजा एक्सप्रेस-वे तथा प्रमुख चैराहों पर भी प्रवासी कामगारों/श्रमिकों के लिए भोजन एवं पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश में कोई भी भूखा न रहे। कम्युनिटी किचन के माध्यम से सभी जरूरमंदों को भोजन उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने समस्त पात्र परिवारों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी भी बड़ी संख्या में प्रवासी कामगारों/श्रमिकों का आगमन सम्भावित है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश में क्वारंटीन सेन्टरों की कुल क्षमता को 15 लाख तक किए जाने की व्यवस्था की जाए। इसी प्रकार कम्युनिटी किचन के माध्यम से 15 लाख लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए सभी जरूरी प्रबन्ध किए जाएं। उन्होंने क्वारंटीन सेन्टर तथा कम्युनिटी किचन में साफ-सफाई तथा सुरक्षा के पुख्ता इन्तजाम सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्क्रीनिंग के पश्चात होम क्वारंटीन के लिए घर भेजते समय प्रवासी कामगारो/श्रमिकों को राशन किट उपलब्ध कराई जाए। होम क्वारंटीन अवधि पूरा करने वाले प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को एक हजार रुपए का भरण-पोषण भत्ता अवश्य दिया जाए। साथ ही, उनका राशन कार्ड बनवाते हुए खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने प्रत्येक गांव में अल्ट्रारेड थर्मामीटर की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए है।
मुख्यमंत्री ने प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त तथा कृषि उत्पादन आयुक्त को वृहद कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने औद्योगिक विकास विभाग तथा एमएसएमई विभाग को ऐसी कार्यक्रम तैयार करने को कहा जिनके माध्यम से प्रवासी कामगारों/श्रमिकों के लिए रोजगार का प्रबन्ध किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी कामगारों/श्रमिकों के लिए मनरेगा, ओडीओपी विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, महिला स्वयं सहायता समूह, डेयरी, दुग्ध समितियों, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, गौ-आश्रय स्थल, पौध नर्सरी, काॅमन सर्विस सेन्टर तथा स्कूल-काॅलेजों में रोजगार सृजन की सम्भावनाओं को चिन्हित किया जाए। प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए इनकी दक्षता की जानकारी आवश्यक है। इसलिए इनकी स्किल मैपिंग का कार्य निरन्तर जारी रखा जाए। इस सम्बन्ध में एक पोर्टल विकसित करने पर भी विचार किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों में कुल बेड की संख्या को बढ़ाकर 75 हजार बेड किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन अस्पतालों की व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त रखा जाए। साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। नियमित सेनिटाइजेशन सुनिश्चित किया जाए। बायो-मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के समुचित प्रबन्ध किए जाएं। टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि के लिए पूल टेस्टिंग की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फ्रंट लाइन कोरोना वाॅरियर्स को मेडिकल इंफेक्शन से सुरक्षित रखने के लिए इन्हें संक्रमण से सुरक्षा के सभी साधन उपलब्ध कराए जाएं। संक्रमण से सुरक्षा सम्बन्धी प्रोटोकाॅल का पूरी तरह पालन करते हुए अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाओं को संचालित किया जाए। सभी जनपदों में पी0पी0ई0 किट, एन-95 मास्क, ट्रिपल लेयर मास्क, सेनिटाइजर, दवाई, अल्ट्रारेड थर्मामीटर, पल्स आॅक्सीमीटर आदि की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। जनपदों में कार्यरत मुख्य चिकित्सा अधिकारियों तथा उप मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से नियमित संवाद रखते हुए कार्याें के सम्बन्ध में नियमित रिपोर्ट प्राप्त की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार की नवीनतम गाइडलाइन्स के क्रम में लाॅकडाउन अवधि में अनुमन्य गतिविधियों का दायरा बढ़ा है। इसके दृष्टिगत सोशल डिस्टिेंसिंग का कड़ाई से पालन कराने तथा भीड़ को एकत्र न होने देने के लिए पुलिस द्वारा प्रभावी पेट्रोलिंग की जाए। पुलिस द्वारा बाजार आदि में नियमित तौर पर फुट पेट्रोलिंग की जाए। ग्रामीण इलाकों में भी सघन पेट्रोलिंग की जाए। हाई-वे, एक्सप्रेस-वे पर पी0आर0वी0-112 के माध्यम से पेट्रोलिंग का कार्य किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मूल्य समर्थन योजना के तहत किसानों से गेहूं की खरीद की जा रही है। किसानों की सुविधा के लिए प्रदेश में क्रय केन्द्र स्थापित किये गये हैं। उन्होंने गेहूं क्रय केन्द्रों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये, ताकि अधिक से अधिक किसान योजना का लाभ उठाकर अपनी उपज का सही मूल्य प्राप्त कर सकें।
इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री श्री जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग, मुख्य सचिव आर.के. तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, पुलिस महानिदेशक हितेश सी. अवस्थी, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस.पी. गोयल तथा श्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव एम.एस.एम.ई. नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी मण्डलायुक्त अपने-अपने मण्डल में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के आगमन, तत्पश्चात प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को बस द्वारा उनके गृह जनपद भेजे जाने की व्यवस्थाओं की नियमित माॅनिटरिंग करें। उन्होंने कहा कि राज्य सड़क परिवहन निगम की 12 हजार बसें प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को उनके गृह जनपद पहुंचा रही हैं। इसके अलावा राज्य सरकार ने प्रत्येक जिलाधिकारी के निवर्तन पर 200 बस की व्यवस्था की है। इस प्रकार सभी 75 जनपदों में जिलाधिकारियों को कुल 15 हजार बसें अतिरिक्त रूप से उपलब्ध कराई गई हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की सीमा में प्रवेश करते ही प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को भोजन तथा पेयजल उपलब्ध कराया जाए। इसके बाद इनकी स्क्रीनिंग करते हुए उन्हें सुरक्षित व सकुशल उनके गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने बाॅर्डर क्षेत्र के साथ-साथ टोल प्लाजा एक्सप्रेस-वे तथा प्रमुख चैराहों पर भी प्रवासी कामगारों/श्रमिकों के लिए भोजन एवं पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश में कोई भी भूखा न रहे। कम्युनिटी किचन के माध्यम से सभी जरूरमंदों को भोजन उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने समस्त पात्र परिवारों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी भी बड़ी संख्या में प्रवासी कामगारों/श्रमिकों का आगमन सम्भावित है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश में क्वारंटीन सेन्टरों की कुल क्षमता को 15 लाख तक किए जाने की व्यवस्था की जाए। इसी प्रकार कम्युनिटी किचन के माध्यम से 15 लाख लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए सभी जरूरी प्रबन्ध किए जाएं। उन्होंने क्वारंटीन सेन्टर तथा कम्युनिटी किचन में साफ-सफाई तथा सुरक्षा के पुख्ता इन्तजाम सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्क्रीनिंग के पश्चात होम क्वारंटीन के लिए घर भेजते समय प्रवासी कामगारो/श्रमिकों को राशन किट उपलब्ध कराई जाए। होम क्वारंटीन अवधि पूरा करने वाले प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को एक हजार रुपए का भरण-पोषण भत्ता अवश्य दिया जाए। साथ ही, उनका राशन कार्ड बनवाते हुए खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने प्रत्येक गांव में अल्ट्रारेड थर्मामीटर की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए है।
मुख्यमंत्री ने प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त तथा कृषि उत्पादन आयुक्त को वृहद कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने औद्योगिक विकास विभाग तथा एमएसएमई विभाग को ऐसी कार्यक्रम तैयार करने को कहा जिनके माध्यम से प्रवासी कामगारों/श्रमिकों के लिए रोजगार का प्रबन्ध किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी कामगारों/श्रमिकों के लिए मनरेगा, ओडीओपी विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, महिला स्वयं सहायता समूह, डेयरी, दुग्ध समितियों, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, गौ-आश्रय स्थल, पौध नर्सरी, काॅमन सर्विस सेन्टर तथा स्कूल-काॅलेजों में रोजगार सृजन की सम्भावनाओं को चिन्हित किया जाए। प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए इनकी दक्षता की जानकारी आवश्यक है। इसलिए इनकी स्किल मैपिंग का कार्य निरन्तर जारी रखा जाए। इस सम्बन्ध में एक पोर्टल विकसित करने पर भी विचार किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों में कुल बेड की संख्या को बढ़ाकर 75 हजार बेड किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन अस्पतालों की व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त रखा जाए। साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। नियमित सेनिटाइजेशन सुनिश्चित किया जाए। बायो-मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के समुचित प्रबन्ध किए जाएं। टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि के लिए पूल टेस्टिंग की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फ्रंट लाइन कोरोना वाॅरियर्स को मेडिकल इंफेक्शन से सुरक्षित रखने के लिए इन्हें संक्रमण से सुरक्षा के सभी साधन उपलब्ध कराए जाएं। संक्रमण से सुरक्षा सम्बन्धी प्रोटोकाॅल का पूरी तरह पालन करते हुए अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाओं को संचालित किया जाए। सभी जनपदों में पी0पी0ई0 किट, एन-95 मास्क, ट्रिपल लेयर मास्क, सेनिटाइजर, दवाई, अल्ट्रारेड थर्मामीटर, पल्स आॅक्सीमीटर आदि की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। जनपदों में कार्यरत मुख्य चिकित्सा अधिकारियों तथा उप मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से नियमित संवाद रखते हुए कार्याें के सम्बन्ध में नियमित रिपोर्ट प्राप्त की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार की नवीनतम गाइडलाइन्स के क्रम में लाॅकडाउन अवधि में अनुमन्य गतिविधियों का दायरा बढ़ा है। इसके दृष्टिगत सोशल डिस्टिेंसिंग का कड़ाई से पालन कराने तथा भीड़ को एकत्र न होने देने के लिए पुलिस द्वारा प्रभावी पेट्रोलिंग की जाए। पुलिस द्वारा बाजार आदि में नियमित तौर पर फुट पेट्रोलिंग की जाए। ग्रामीण इलाकों में भी सघन पेट्रोलिंग की जाए। हाई-वे, एक्सप्रेस-वे पर पी0आर0वी0-112 के माध्यम से पेट्रोलिंग का कार्य किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मूल्य समर्थन योजना के तहत किसानों से गेहूं की खरीद की जा रही है। किसानों की सुविधा के लिए प्रदेश में क्रय केन्द्र स्थापित किये गये हैं। उन्होंने गेहूं क्रय केन्द्रों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये, ताकि अधिक से अधिक किसान योजना का लाभ उठाकर अपनी उपज का सही मूल्य प्राप्त कर सकें।
इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री श्री जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग, मुख्य सचिव आर.के. तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, पुलिस महानिदेशक हितेश सी. अवस्थी, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस.पी. गोयल तथा श्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव एम.एस.एम.ई. नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।