उत्तर प्रदेश सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिए कृतसंकल्पित: मुख्यमंत्री
अन्य राज्यों से प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की चरणबद्ध वापसी के लिए प्रदेश सरकार प्रभावी कदम उठा रही है
सभी श्रमिकों का अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए: मुख्यमंत्री
जनपद आगरा और कानपुर नगर में अतिरिक्त प्रशासनिक तथा डेडिकेटेड मेडिकल टीम भेजने के निर्देश
मरीज की स्थिति को देखते हुए उसे एल-1, एल-2 अथवा एल-3 कोविड चिकित्सालय में भर्ती किया जाए
कोरोना को परास्त करने के लिए मेडिकल इन्फेक्शन को रोकना आवश्यक: मुख्यमंत्री
डिजिटल बैंकिंग को प्रोत्साहित करने से बैंकों में भीड़ नहीं लगेगी
बाहर से आ रहे श्रमिकों को उनकी कार्य दक्षता के अनुरूप रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जा सकें
लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिए कृतसंकल्पित है। कोविड-19 के कारण बाधित आर्थिक गतिविधियों से प्रभावित श्रमिकों व कामगारों के हितार्थ राज्य सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। अन्य राज्यों से प्रदेश के प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की चरणबद्ध वापसी के लिए प्रदेश सरकार प्रभावी कदम उठा रही है।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अब तक दिल्ली से लगभग 04 लाख प्रवासी श्रमिकों एवं कामगारों तथा हरियाणा से 12 हजार श्रमिकों की प्रदेश में सुरक्षित वापसी हो चुकी है। इसी प्रकार अन्य राज्यों से भी चरणबद्ध रूप से प्रवासी श्रमिकों की वापसी सुनिश्चित करायी जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि एक बार में एक राज्य के प्रवासी कामगार/श्रमिकों को प्रदेश वापस लाने की कार्यवाही की जाए। इस सम्बन्ध में यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सम्बन्धित राज्य सरकार ऐसे श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण करके ही उन्हें आने दें। यह भी ध्यान रखा जाए कि वापस आ रहे सभी कामगारों/श्रमिकों का नाम, पता एवं मोबाइल नम्बर युक्त विवरण उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि आने वाले प्रवासी श्रमिकों व कामगारों को तात्कालिक रूप से रखने के लिए क्वारंटीन सेन्टर/शेल्टर होम तैयार किये जाएं। इनमें कम्युनिटी किचन, शौचालय व सुरक्षा सहित सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि कम्युनिटी किचन के द्वारा लोगों को भरपेट भोजन उपलब्ध हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वापस आये सभी श्रमिकों का अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए। स्वस्थ श्रमिकों को राशन किट के साथ 14 दिन के होम क्वारंटीन के लिए घर भेजा जाए। जिनके स्वास्थ्य में कमी मिले, ऐसे श्रमिकों और कामगारों को संस्थागत क्वारंटीन के तहत क्वारंटीन सेन्टर में रखकर उपचार की व्यवस्था की जाए।
प्रदेश के बाॅर्डर को पूरी तरह सील करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सतर्कता बरती जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि बगैर अनुमति कोई प्रदेश में आने न पाये। मुख्यमंत्री हेल्प लाइन के माध्यम से ग्राम प्रधानों तथा नगरों के पार्षदों से संवाद स्थापित करते हुए यह सुनिश्चित कराया जाए कि कोई भी चोरी-छिपे न आये। ऐसे लोगों की कोरोना कैरियर होने की सम्भावना रहती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मरीज की स्थिति को देखते हुए उसे एल-1, एल-2 अथवा एल-3 कोविड चिकित्सालय में उपचार के लिए भर्ती किया जाए। सभी जनपदों में इमरजेन्सी सेवाओं का संचालन किया जाए। टेलीमेडिसिन तथा टेली कन्सल्टेंसी के माध्यम से चिकित्सीय परामर्श प्रदान करने वाले सरकारी एवं निजी चिकित्सकों की सूची समाचार पत्रों में प्रकाशित करायी जाए।
मुख्यमंत्री ने पूल टेस्टिंग में वृद्धि करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर उपलब्ध गुणवत्तापरक टेस्टिंग किट को प्राप्त करने पर विचार किया जाए। बैठक में उन्हें अवगत कराया गया कि लखनऊ स्थित सी0डी0आर0आई0, आई0आई0टी0आर0 तथा बी0एस0आई0पी0 में टेस्टिंग कार्य हेतु माइक्रो बायोलाॅजिस्ट सहित अन्य मानव संसाधन उपलब्ध करा दिया गया है। इन संस्थानों में कल शनिवार से टेस्टिंग कार्य प्रारम्भ हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि एल-1, एल-2 तथा एल-3 अस्पतालों की क्षमता में वृद्धि करते हुए 52 हजार बेड की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। प्राइवेट इंजीनियरिंग काॅलेज, डेन्टल काॅलेज तथा नर्सिंग काॅलेज में आवश्यकतानुसार एल-1, एल-2 चिकित्सालय स्थापित करने की कार्य योजना बनायी जाए। उन्होंने जनपद आगरा और कानपुर नगर में अतिरिक्त प्रशासनिक एवं डेडिकेटेड मेडिकल टीम भेजने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सावधानी एवं सतर्कता से ही कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है। कोरोना को परास्त करने के लिए मेडिकल इन्फेक्शन को रोकना आवश्यक है। इमरजेन्सी सेवा उपलब्ध कराने वाले अस्पतालों में पी0पी0ई0 किट, एन-95 मास्क सहित सुरक्षा के सभी आवश्यक मानक अपनाये जाए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ जंग में पुलिस कर्मी फ्रण्टलाइन पर कार्य कर रहे हैं। इन्हंे संक्रमण से बचाने के लिए सभी सुरक्षा उपकरण प्रदान किये जाएं तथा मेडिकल प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाए। प्रशिक्षण के लिए मास्टर ट्रेनर नियुक्त किये जाए तथा इस सम्बन्ध में एक एप भी डेवलप किया जाए। पुलिस लाइन, थाने आदि को सेनेटाइज किया जाए। रोडवेज बसों के चालकों को मास्क तथा ग्लव्स उपलब्ध कराए जाए।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न राज्यों के लिए नोडल अधिकारियों के कार्याें की जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देश दिये कि समस्त नोडल अधिकारी फोन पर उपलब्ध रहते हुए लोगों की दिक्कतों को सुनें एवं उनका समाधान कराएं। मण्डियों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए भीड़ एकत्र न होने दी जाए। उन्होंने कहा कि डिजिटल बैंकिंग को प्रोत्साहित करने से बैंकों में भीड़ नहीं लगेगी। इसके दृष्टिगत रुपे कार्ड से लेन-देन को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि बाहर से आ रहे श्रमिकों के कौशल का विवरण संकलित करते हुए सूची तैयार की जाए, जिससे इन श्रमिकों को उनकी कार्य दक्षता के अनुरूप रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जा सकें।
इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग, मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, पुलिस महानिदेशक हितेश सी.अवस्थी, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ. रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस.पी. गोयल एवं संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव एम0एस0एम0ई0 नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव खाद एवं रसद श्रीमती निवेदिता शुक्ला वर्मा, प्रमुख सचिव कृषि डाॅ. देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव पशुपालन भुवनेश कुमार, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।