बगैर फेस कवर/मास्क पहने घर से बाहर निकलने या सार्वजनिक जगहों पर थूकने के लिए पहली और दूसरी बार 100 रुपये, जबकि तीसरी बार और आगे हर बार 500 रुपये जुर्माना
लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को पहली बार में 100 से 500 रुपये तक, दूसरी बार में 500 से 1000 रुपये तक और आगे हर बार 1000 रुपये का जुर्माना
दोपहिया वाहन पर एक से अधिक व्यक्ति होने पर पहली बार 250 रुपये, दूसरी बार 500 रुपये, तीसरी बार 1000 रुपये और चैथी बार पकड़े जाने पर ड्राईविंग लाइसेंस के निलंबन या निरस्तीकरण की कार्रवाई
लखनऊ। उत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 (द्वितीय संशोधन) विनियमावली 2020 की अधिसूचना जारी की गई, राज्यपाल की मंजूरी के बाद प्रमुख सचिव चिकित्सा अमित मोहन प्रसाद ने अधिसूचना जारी की है। जिसमंे बगैर फेस कवर/मास्क पहने घर से बाहर निकलने या सार्वजनिक जगहों पर थूकने के लिए पहली और दूसरी बार 100 रुपये, जबकि तीसरी बार और आगे हर बार 500 रुपये जुर्माना देना होगा। लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को पहली बार में 100 से 500 रुपये तक, दूसरी बार में 500 से 1000 रुपये तक और आगे हर बार 1000 रुपये का जुर्माना देना होगा। दोपहिया वाहन पर एक से अधिक व्यक्ति होने पर पहली बार 250 रुपये, दूसरी बार 500 रुपये, तीसरी बार 1000 रुपये और चैथी बार पकड़े जाने पर ड्राईविंग लाइसेंस के निलंबन या निरस्तीकरण की कार्रवाई होगी। विशेष परिस्थिति में दोपहिया वाहन पर एक से अधिक व्यक्ति के लिए मजिस्ट्रेट द्वारा दी जाएगी सशर्त अनुमति, दूसरे व्यक्ति द्वारा हेलमेट पहनने के साथ-साथ मास्क और ग्लव्स पहनने पर ही अनुमति दी जाएगी। संबंधित न्यायालय, कार्यपालक मजिस्ट्रेट, चालान वसूल करने वाले इंस्पेक्टर रैंक तक के पुलिस अधिकारी एपिडेमिक एक्ट के उल्लंघन का जुर्माना वसूलने के लिए अधिकृत होंगे।
इस विनियमावली के किसी उपबन्ध का उल्लंघन करते हुए पाया गया कोई व्यक्ति/संस्था/संगठन, भारतीय दण्ड संहिता 1860 (अधिनियम संख्या-45 सन् 1860) की धारा 188 के अधीन दण्डनीय कोई अपराध किया गया समझा जाएगा। सक्षम प्राधिकारी ऐसे किसी व्यक्ति/संस्था/संगठन को दण्डित कर सकता है, यदि वह इस विनियमावली के उपबन्धों या इस विनियमावली के अधीन सरकार द्वारा जारी किन्हीं अन्य अग्रतर आदेशों का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है। अग्रतर यह कि किसी महामारी के दौरान सेवारत किसी स्वास्थ्य देखभाल सेवाकर्मी के विरुद्ध किसी व्यक्ति द्वारा किए गए हिंसात्मक कार्य अथवा महामारी के दौरान किसी सम्पत्ति की किसी प्रकार की क्षति या नुकसान करने के कारण वह भारत सरकार द्वारा जारी महामारी (संशोधन) अध्यादेश, 2020 के अधीन दण्डनीय होगा।