कृषि मंत्री ने आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय का निरीक्षण किया और विश्वविद्यालय में संचालित विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा की
छोटे छोटे प्रोजेक्ट्स बनाकर शोध कार्यों को बढ़ावा दें और शोध कार्यों में गुणवत्ता लाई जाए
गांवों को गोद लेकर वहां के किसानों को कृषि संसाधनों की नवीनतम जानकारी देकर प्रशिक्षित किया जाए
जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुये नई नई प्रजाति के बीज तैयार किए जाएं: सूर्य प्रताप शाही
एग्री बिजनेस को खड़ा करने की दिशा में तेजी से कार्य करें: सूर्य प्रताप शाही
लखनऊ। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने आज कुमारगंज, अयोध्या स्थित आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय का निरीक्षण किया और विश्वविद्यालय में संचालित विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा की। श्री शाही ने कोविड 19 के दृष्टिगत विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रहित में लिए गए निर्णयों एवं शैक्षणिक गतिविधियों का जायजा लिया। उन्होंने इस अवसर पर शोध निदेशालय द्वारा बीजोत्पादन एवं शोध कार्यों की प्रगति पर भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने शोध के कार्यों को बढ़ावा देते हुये शोध कार्यों में गुणवत्ता लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि छोटे छोटे प्रोजेक्ट बनाकर शोध कार्यों को बढ़ावा दिया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि आस पास के गांवों को गोद लेकर वहां के किसानों को कृषि संसाधनों की नवीनतम जानकारी देकर प्रशिक्षित किया जाए। साथ ही एग्री बिजनेस को खड़ा करने की दिशा में तेजी से कार्य करें। इसके अतिरिक्त उन्होंने जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुये नई नई प्रजाति के बीज तैयार करने के निर्देश दिये।
कृषि मंत्री को अवगत कराया गया कि कोविड 19 के कारण किसी भी छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बाधित न हो के दृष्टिगत विश्व विद्यालय के समस्त छात्र एवं छात्राओं के मोबाइल नंबर, व्हाट्सएप नंबर, ईमेल आईडी एवं वर्तमान पता का डेटाबेस तैयार कर गूगल क्लास रूम और जूम आदि माध्यमों से जोड़ा गया है। विश्व विद्यालय के सभी महाविद्यालयों के स्नातक, परास्नातक एवं पीएचडी के पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को गूगल क्लासरूम, जूम, फेसबुक, व्हाट्सएप, यूट्यूब, ईमेल के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाकर 5 जून तक सभी कोर्स पूरे कर दिए गए हैं। विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में इस सेमेस्टर में चल रहे आर0ए0डब्ल्यू0ई0, इंटर्नशिप, इन-प्लांट, इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग जैसे कोर्स को पूरा करने के लिए छात्रों को उनके वर्तमान निवास स्थान के निकट किसानों/औद्योगिक उपक्रमों/सामाजिक संस्थानों/मानव एवं पशु चिकित्सालयों में कार्य अनुभव एवं प्रशिक्षण के लिए निर्देशित किया गया है। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय के छात्रों को ऑनलाइन शिक्षण सेवाओं में दक्ष बनाने के लिए ऑनलाइन शिक्षण के अलावा कुछ अन्य ऑनलाइन कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।
श्री शाही को बीजोत्पादन एवं शोध प्रगति के बारे में अवगत कराते हुए बताया गया कि खरीफ 2020 में बीज उत्पादन कार्यक्रम के अंतर्गत धान 200.20 हेक्टेयर, अरहर 32 हेक्टेयर, मूंग 5 हेक्टेयर, उर्द 7 हेक्टेयर तथा अरहर (न्यूक्लियस) 0.25 हेक्टेयर निर्धारित है। धान की सीधी बुवाई ड्रमसीडर द्वारा 30 हेक्टयर में कई जा चुकी है और रोपाई हेतु नर्सरी तैयार की जा रही है। जायद में मूंग एडीएम-1 का बीज उत्पादन 2 हेक्टयर शस्य विज्ञान शोध प्रक्षेत्र पर किया जा रहा है। मंत्री जी को अवगत कराया गया कि कोविड 19 के प्रकोप को दृष्टिगत रखते हुए जिला प्रशासन की मांग पर विश्विद्यालय के 2 छात्रावास, हिरणावती एवं रोहिणी को क्वारेंटिंन सेंटर बनाने के लिए तैयार कर दिया गया है।