सैनेटाइजर से होने वाली आमदनी से भी गन्ना मूल्य भुगतान करेंगी चीनी मिलें

सैनेटाइजर से होने वाली आमदनी से भी गन्ना मूल्य भुगतान करेंगी चीनी मिलें


 

लखनऊ। प्रदेश की जिन चीनी मिलों में सैनिटाइजर का उत्पादन हो रहा है वह मिलें सैनेटाइजर की बिक्री से होने वाली आय का इस्तेमाल भी किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान में करेंगी। प्रदेश के गन्ना विकास व चीनी उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय आर.भूसरेड्डी ने यह जानकारी दी है। 

श्री भूसरेड्डी ने बताया कि इस वर्ष कुछ चीनी मिलों द्वारा सैनिटाइजर का उत्पादन भी किया जा रहा है, जिससे चीनी मिलों को अतिरिक्त आय सृजित हो रही है। इसलिए किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान सुनिश्चित कराने के मद्देनजर सैनिटाइजर उत्पादन करने वाली चीनी मिलों के लिए सेनेटाइजर के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले एथनॉल के विक्रय मूल्य का 65 प्रतिशत अंश गन्ना मूल्य भुगतान के लिए टैग करने के आदेश पारित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के गन्ना किसानों को त्वरित गन्ना मूल्य भुगतान कराने की शीर्ष प्राथमिकता के क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देशों एवं गन्ना मंत्री सुरेश राणा के मार्गदर्शन में गन्ना विकास विभाग लगातार प्रयासरत है। श्री भूसरेड्डी ने बताया कि चीनी मिलों में उत्पादित चीनी, शीरा, बगास, प्रेसमड की बिक्री से उपलब्ध होने वाली धनराशि का 85 प्रतिशत अंश गन्ना मूल्य भुगतान के लिए नियत(टैग) किया गया है।जिन चीनी मिलों में कोजन एवं आसवनी इकाइयां स्थापित हैं और वह अपने उत्पादित बगास व शीरे का उपयोग कर रही हैं, ऐसी चीनी मिलों को शीरे व बगास के मूल्य के 85 प्रतिशत धनराशि के समतुल्य धनराशि आसवनी-कोजन इकाई से भुगतान के निर्देश दिए गए हैं। सी-ग्रेड शीरे से उत्पादित एथनॉल के मूल्य का 30 प्रतिशत गन्ना मूल्य के लिए नियत किया गया है। 

ऐसी चीनी मिलें जो बी-हैवी शीरे अथवा सीधे गन्ने के रस से एथनॉल बना रही हैं, इन चीनी मिलों में उत्पादित होने वाले एथनॉल के मूल्य का 55 प्रतिशत एवं सीधे गन्ने के रस से उत्पादित होने वाले एथनॉल के मूल्य का 80 प्रतिशत अंश गन्ना मूल्य भुगतान के लिए टैग किया गया है। उन्होंने बताया कि चीनी मिल के सभी उत्पादों एवं उपउत्पादों के विक्रय मूल्य की गन्ना मूल्य भुगतान से टैभगग करने के कारण ही लगभग रुपये 5954 करोड़ का भुगतान लॉकडाउन की अवधि में गन्ना किसानों को किया गया है।