विकास दुबे की गिरफ्तारी यूपी पुलिस के गाल पर वह तमाचा  

खाकी व खादी की जरायम कोख से पैदा दुर्दांत अपराधी ने बार-बार दिया यूपी पुलिस को गच्चा


 चीखते हालात दे रहे गवाही! विकास के पीछे हैं कई बड़े सफेदपोश रहनुमा


सवाल है कि क्या विकास के जरायम पालनहारों का पर्दाफाश कर पाएगी योगी सरकार 


अपराधी के महाकाल योग ने यूपी पुलिस की जमकर किरकिरी कर दी है ?


विकास दुबे की गिरफ्तारी यूपी पुलिस के गाल पर वह तमाचा  


विकास दुबे का महाकाल योग एक बार फिर यूपी पुलिस को आइना दिखा गया है ?


योगी की पुलिस पर भारी ! पचलखिया विकास का महाकाल योग ?


कृष्ण कुमार द्विवेदी( राजू भैया)


बाराबंकी।  पचलखिया दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के सामने उत्तर प्रदेश पुलिस बार-बार पिटती रही। यह शातिर हत्यारा 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद इधर से उधर घूमता हुआ उज्जैन जा पहुंचा और पुलिस गच्चा खाती रही? संकेत है कि इसके पीछे लगे सफेदपोश रहनुमाओं के चेहरों का पर्दाफाश होना जरूरी है। इस अपराधी के महाकाल योग ने एक बार फिर योगी सरकार की पुलिस की जमकर किरकिरी कर दी है? खाकी व खादी की जरायम कोख से पैदा यह अपराधी इस बात का भी प्रतीक है कि आज हमारे देश का सिस्टम गद्दार भेदियों की वजह से चिंतनीय स्थिति में जा पहुंचा है?


देश में पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद चर्चा का विषय बने दुर्दांत अपराधी एवं पांच लाख के इनामी विकास दुबे की गिरफ्तारी नाटकीय अंदाज में उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में गुरुवार को हो गई है। यह गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश पुलिस के गाल पर वह तमाचा है जिसे वह भरसक छुपाने की कोशिश करें लेकिन उसका दर्द हर जागरुक व्यक्ति महसूस कर ही लेगा। हालात पर नजर डालें! विकास दुबे पुलिसकर्मियों की हत्या करता है। वह कानपुर के पास शिवली में 2 दिनों तक रुकता है!  दिल्ली बदरपुर पर देखा जाता है! यही नहीं फरीदाबाद में भी उसे पहचाना -जाना जाता है? लेकिन दिलचस्प यह है कि इतनी यात्रा के बीच में भी उसकी भेंट उत्तर प्रदेश की उस पुलिस से नहीं होती जिस पुलिस के आठ लोगों की उसने जघन्य हत्या कर दी है? 


सवाल है कि जब पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाला हत्यारा प्रदेश की सीमा को पार कर जाता है। जिले के बॉर्डर को पार कर जाता है। तब एक आम इंसान की हत्या करने वाला कोई भी हत्यारा यूपी पुलिस के लिए कितना मायने रखता है इसका अंदाजा भी सहज लगाया जा सकता है ? 5 लाख  इनाम का सेहरा सिर पर बांधने वाले विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन के महा प्रसिद्ध मंदिर महाकालेश्वर में पकड़ा जाता है। उसकी मा सरला देवी कहती हैं वह हर साल महाकालेश्वर जाता रहा।  महाकाल ने उसे बचा लिया। अब प्रश्न है कि यह गिरफ्तारी है या फिर आत्मसमर्पण? क्योंकि जिस तरह से विकास दुबे चिल्ला चिल्ला कर अकड़ के साथ कह रहा था कि मैं कानपुर वाला विकास दुबे हूं। मैं कानपुर का विकास दुबे हूं यह लोग मुझे पकड़ कर ले जा रहे हैं। यह दर्शाता है कि वह अपनी इस स्थिति की जानकारी तमाम लोगों को दे रहा था? 


सवाल यह भी है कि वहां मीडिया कर्मी कैसे पहुंचे? एक खबर और आ रही है कि 1 दिन पूर्व की रात में वहां डीएम व एसपी ने बैठकर मंदिर परिसर में बैठक की? सुबह गुरुवार को पचलखिया विकास की गिरफ्तारी हो गई? यही नहीं ऐसे कौन से लोग थे जो पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद लगातार विकास से जुड़े रहे? वह कौन सा सफेदपोश रहनुमा था जो विकास को इधर जाओ - उधर जाओ की सलाह देता रहा? जाहिर है कि विकास दुबे जैसा दुर्दांत अपराधी तब पैदा होता है जब उसे खाकी व खादी जरायम कोख मिली हो ? पूर्व मंत्री संतोष शुक्ला की हत्या में बरी होने के बाद विकास दुबे अपराधों के मामले में परवान चढ़ता गया। वह सपा नेता भी था? वह बसपा नेता भी रहा और कुछ दिन भाजपा नेता भी रहा ? इस अपराधी को समय-समय पर लगभग हर दल के नेताओं ने पाला ? अब भले ही राजनीतिक दल के नेता यह बोले कि यह मेरे दल में नहीं था। यह तुम्हारे दल में था। दुनिया की नौटंकी करें ? बकैती करें ? लेकिन साफ है कि नेताओं और राजनीतिक दलों का चरित्र एक बार फिर उजागर हो गया है ? कि उनके यहां कोई भी अपराधी आसानी से इंट्री पा जाता है ?


 विकास दुबे का उज्जैन में गिरफ्तार होना महज संयोग है या फिर सोची-समझी रणनीति का कोई हिस्सा ? इसका पता तो आगे ही चलेगा लेकिन वह कोटा से उज्जैन सड़क मार्ग से पहुंचा ! तो उसे लेकर जाने वाली गाड़ी कौन है। दो अन्य लोग जो हिरासत में लिए गए उनका उस से क्या संबंध है ? उसने अपनी फरारी के दिनों में किन-किन लोगों से वार्ता की ? यह तो पुलिस की जांच का विषय है। लेकिन यह कटु सत्य है कि इस पचलखिया दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के महाकाल योग के आगे योगी सरकार का योग फेल होता दिखाई दिया है! यही नहीं योगी सरकार की पुलिस दुर्दांत अपराधी विकास के सामने मरी भी! तो कहने में कोई संकोच नहीं है कि उसके उज्जैन तक पहुंचने पर वह बार-बार पिटी भी!


 योगी सरकार के लिए यह भी चुनौती है कि क्या वह इमानदारी से इस हत्यारे के पीछे ताकत प्रदान करने वाले सफेदपोश नेता या फिर बड़े अधिकारियों के चेहरों को उजागर कर पाएगी? या फिर बड़े स्तर पर ऐसा खेल होगा कि पुलिस की गाड़ी पंचर होगी ? वह मौका पाकर भागेगा और पुलिस विकास दुबे को एनकाउंटर में मार देगी ? इसके साथ ही सारे राज दफन हो जाएंगे ?जरूरी है कि वह सफेदपोश प्रदेश व देश के सामने आए जो ऐसे दुर्दांत अपराधियों को अपने गोद में बिठाकर दूध पिलाते हैं ? पुलिस तथा अन्य नागरिकों की मौत का सामान तैयार करते हैं। फिलहाल विकास दुबे का महाकाल योग एक बार फिर योगी की यूपी पुलिस को आइना दिखा गया है ? भले ही मध्यप्रदेश एवं यूपी पुलिस इस मुद्दे पर श्रेय लेने के लिए शेखी बघारे! लेकिन यह तय है कि इस पूरे मामले में कहीं न कहीं दाल में काला कुछ जरूर है?