यूपी: 3 करोड़ उपभोक्ताओं में से 1.39 करोड़ ने कभी नहीं भरे बिजली के बिल

यूपी: 3 करोड़ उपभोक्ताओं में से 1.39 करोड़ ने कभी नहीं भरे बिजली के बिल


 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को लेकर एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। राज्य में 35 प्रतिशत उपभोक्ता ऐसे हैं, जिन्होंने कनेक्शन लेने के बाद कभी भी बिजली बिल भरा ही नहीं। ये जानकारी उस वक्त सामने आई हैं जब 4000 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे की भरपाई के लिए उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) बिजली की कीमतों को बढ़ाने की तैयारी कर रही है।

उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकंात शर्मा ने लखनऊ स्थित शक्ति भवन में 15 जुलाई को एक वर्चुअल मीभटग की थी। इसमें एक रिपोर्ट पर चर्चा हुई, जिसमें इस बात का जिक्र था कि राज्य के 3 करोड़ सक्रिय उपभोक्ताओं में से 1.39 करोड़ ने कनेक्शन लेने के बाद कभी बिल ही नहीं भरे।  

बिल जमा न करने वाले उपभोक्ताओं में से लगभग 1.35 करोड़ ग्रामीण और अर्ध-ग्रामीण क्षेत्रों के हैं, जबकि शेष लगभग 40,000 शहरों के हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, केवल 65 प्रतिशत उपभोक्ता ही बिल का भुगतान करते हैं। बिजली बिल नहीं भरने वाले सबसे अधिक उपभोक्ताओं की संख्या पीयूवीवीएनएल (वाराणसी) में है। इस कंपनी के करीब 40.26 लाख उपभोक्ताओं ने कभी बिल का भुगतान ही नहीं किया। यूपीपीसीएल के स्वामित्व वाली वाराणसी डिस्कॉम पूर्वी यूपी के जिलों में बिजली सप्लाई करती है। बिल न भरने वाले उपभोक्ताओं की संख्या लखनऊ (एमवीवीएनएल) में 31.52 लाख, आगरा (डीवीवीएनएल) में 21.86 लाख और मेरठ (पीवीवीएनएल) में 10.25 लाख है।

ऊर्जा मंत्री श्रीकंात शर्मा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिल जमा न करने की एक समस्या थी, इस कारण बिजली कंपनी का घाटा बढ़ते गया। इसके बाद हमने जनप्रतिनिधियों से कहा कि आप बिजली बिल भरने के लिए अपने क्षेत्र की जनता को प्रोत्साहित करिए। इसके अलावा हमने कर्मचारियों से भी कहा कि वे सही बिल जारी करें ताकि जनता को परेशानी न हो।

इसी रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि राज्य में 13 लाख ऐसे उपभोक्ता थे, जिन्हें मीटर के हिसाब से कभी बिल जारी ही नहीं हुआ। दूसरी तरफ 16.41 लाख उपभोक्ताओं के मीटर ही नहीं लगा जबकि 55 हजार के कनेक्शन में खराब मीटर लगे। मीटर रीभडग के हिसाब से बिल नहीं मिलने का सिलसिला ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में ही देखने को मिला। राज्य में ऐसे 12.82 लाख उपभोक्ता थे, जिन्हें मीटर यूनिट के हिसाब से बिल नहीं भेजा जाता था। सूत्रों ने बताया कि बिना मीटर रीभडग के आधार पर बिल बनाने को टेबल बिभलग कहा जाता है, जिसमें उपभोक्ताओं को अनुमान के आधार पर बिल भेजा जाता है। वहीं नियमित रूप से बिल जारी नहीं करना और गलत बिल भी यूपीपीसीएल की तरफ से भेजा जाता है। इतनी बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं द्वारा बिल नहीं भरने के पीछे ये सब महत्वपूर्ण कारक हैं।