चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों को गुणवत्ता युक्त कृषि निवेश उपलब्ध कराये जायेंगे

ब्याज मुक्त ऋण पर कृषि निवेशों के वितरण एवं उसका समायोजन गन्ना मूल्य से करने हेतु प्रदेश की 72निजी चीनी मिलों को अनुमति

चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों को उनकी सहमति तथा आवश्यकता के अनुरूप गुणवत्ता युक्त कृषि निवेश उपलब्ध कराये जायेंगे

कृषि निवेशों आदि के वितरण पर किसी प्रकार का ब्याज गन्ना कृषकों से नहीं लिया जायेगा

चीनी मिलों द्वारा व्यावसायिक गतिविधि के रूप में लाभ के लिए कृषि निवेशों का वितरण नहीं किया जा सकेगा


लखनऊ। प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना कृषकों के हित में प्रदेश की 72 निजी चीनी मिलों को गन्ना खेती के लिए आवश्यक कृषि निवेश यथा-गन्ना बीज, कीटनाशक, खाद, मशीनरी आदि निवेशों के ब्याज मुक्त वितरण की अनुमति सख्त प्रतिबंधों के साथ प्रदान की गयी हैं, जिससे चीनी मिलें अपने निहित लाभ हेतु दुरूपयोग नहीं कर सकेंगी तथा गन्ना किसानों को समय पर कृषि निवेशों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।



        कृषि निवेशों के वितरण हेतु जारी निर्देशों के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना किसानों को कृषि निवेशों का वितरण उनके वास्तविक गन्ना क्षेत्रफल के सापेक्ष अनुमन्य मात्रा तक सीमित होगा तथा कृषकों की आवश्यकता के अनुरूप ही दिया जायेगा। चीनी मिलों द्वारा व्यावसायिक गतिविधि के रूप में कोई लक्ष्य निर्धारित कर किसी किसान को बिना उसकी सहमति एवं आवश्यकता के कृषि निवेशों का वितरण नहीं किया जायेगा। गन्ना किसानों को उपलब्ध कराये जाने वाले यंत्रों की गुणवत्ता ठप्ै मानकों, उर्वरकों की गुणवत्ता तथा कीटनाशकों की गुणवत्ता 2019 के अनुरूप होगी तथा कृषि निवेशों के मूल्य की वसूली किसान द्वारा आपूर्तित गन्ने की अन्तिम पर्चियों से की जायेगी।



 गन्ना आयुक्त द्वारा जारी दिशा-निर्देश में यह भी निर्देशित किया गया है कि कृषि निवेशों पर राज्य सरकार व भारत सरकार को देयकरों के भुगतान का दायित्व निवेश वितरित करने वाली चीनी मिल का होगा,यदि कहीं यह पाया गया कि देय करों को नियमानुसार राजकोष में जमा नहीं किया गया है तो इसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व सम्बन्धित चीनी मिल का निर्धारित कर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। एग्री इनपुट के वितरण एवं गन्ना मूल्य से उसके समायोजन की अनुमति प्राप्त करने वाली चीनी मिलों को पांच लाख रूपये की बैंक गारंटी भी देनी होगी, यदि चीनी मिलों द्वारा उक्त सुविधा का दुरूपयोग किया जाता हैया कृषि निवेशों के मूल्य की वसूली अन्तिम पर्चियों से न करके अन्य प्रकार की जाती है, तो बैंक गारंटी को जब्त कर लिया जायेगा तथा कृषि निवेशों के वितरण की अनुमति भी वापस ले ली जायेगी। श्री भूसरेड्डी ने यह भी बताया कि इन प्रतिबंधों के साथ चीनी मिलों द्वारा ब्याज मुक्त कृषि निवेशों के वितरण से प्रति हे. गन्ना उत्पादकता में वृद्वि होगी तथा गन्ना कृषकों को भी उनकी आय बढाने एवं लागत घटाने में मदद मिल सकेगी।