लखनऊ। महिला हेल्प लाइन 181 के संचालन हेतु सरकार ने सत्रह करोड़ अठारह लाख रुपये आवंटित कर दिये गए हैं, उधर वेंडर्स ने विभाग पर भुगतान न करने का आरोप लगाया है। महिला हेल्प लाइन में लगे 70 बोलेरो मालिकान के सामने दो सौ चालको का मानदेय देने के लिए बजट नहीं है,वजह यह है कि वेंडर्स का भुगतान जीवीके कंपनी ने अपने पास डंप कर रखा है। वेंडर्स को विभाग द्वारा आश्वासन पिछले 18 महीने से दिया जा रहा है। इससे आजिज आकर पत्रकार वार्ता करते हुए बताया कि हम चार वेंडर्स के विभाग में छः करोड़ नौ लाख निन्यानवे हजार फंसे है, जिसके भुगतान के लिए पिछले कई महीने से हीलाहवाली हो रही है। हमें वहाँ से भुगतान न हो पाने की दशा में चालक और मैन पावर के मानदेय भी अठारह महीने से पेंडिंग पड़े हैं ।
ज्ञात हो कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने महिला हेल्पलाइन 181 की शुरुआत की थी। इस हेल्पलाइन के जरिए महिलाओं को पुलिस, मेडिकल, कानूनी सलाह, काउंसिलिंग समेत 11 सुविधाएं जिले के आशा ज्योति केंद्र की एक छत के नीचे मिलेंगी। इसकी जिम्मेदारी 102 और 108 एंबुलेंस की संचालन कर रही कंपनी जीवीके-ईएमआरआई को दिया गया है।
मालूम हो कि यूपी में महिला सुरक्षा के लिए बनी ‘181’ हेल्पलाइन सेवा में कार्यरत महिलाकर्मियों को वेतन नहीं मिलने से जुलाई मेंनाराज महिलाकर्मी कई दिन से अलग-अलग तरीके से धरना प्रदर्शन किया था । महिला कर्मियों ने लखनऊ के ईको गार्डन में धरना प्रदर्शन किया, जो आधी रात तक चला था। लखनऊ के आशियाना स्थित हेल्पलाइन के मुख्यालय में काम करने वाली महिला कर्मियों का आरोप था कि कंपनी ने उनका वेतन देने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही करीब 300 महिलाकर्मियों की सेवा को भी खत्म कर दिया है।