राज्य सरकार ने पूर्वांचल में उद्योगों की स्थापना पर फोकस किया है

पूर्वांचल में औद्योगिकरण पर यूपी सरकार का फोकस, आईटी की कई योजनाएं


 

लखनऊ। राज्य सरकार ने पूर्वांचल में उद्योगों की स्थापना पर फोकस किया है। क्षेत्र की क्षमता के आधार पर आईटी, इलेक्ट्रिक वाहन, खाद्य प्रसंस्करण, लाजिस्टिक, मशीन पार्ट्स, कृषि मशीनरी से संबंधित उद्योगों की स्थापना के लिए उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। पूर्वांचल में बड़ी तादाद में आईटी प्रतिभा को देखते हुए पूर्वांचल के कई जिलों में स्टार्ट-अप इंक्यूबेटर, बीपीओ प्रमोशन स्कीम के तहत काम शुरू किया गया है। 

 

पूर्वांचल के जिलों के समग्र विकास के संबंध में विभागों द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण गुरुवार को मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी के समक्ष की गई।  प्रस्तुतिकरण के माध्यम से बताया गया कि पूर्वांचल में पर्यटन विकास की असीम संभावनाएं हैं। 'बुद्ध ऐप को हिन्दी, अंग्रेजी के अलावा मंदारिन, कोरियाई, थाई एवं भसहली भाषा में तैयार करने का प्रस्ताव है। जिसमें बुद्ध सॢकट के प्रमुख पर्यटक स्थलों की जानकारी, रूट, परिवहन, हास्पिटल, पुलिस, आपातकालीन मदद, लाभजग-बोॄडग, खानपान, टुअर पैकेज आदि विवरण दिए जाएंगे। मुख्य सचिव ने 'एप में पूरे पर्यटन सॢकट को जोडऩे तथा उसके अनुसार पैकेज तैयार कराकर शामिल करने के साथ ही बुद्धा स्टडी सेंटर गौतम बुद्ध यूनिवॢसटी ग्रेटर नोएडा को भी जोडऩे को कहा।  अधिकारियों ने बताया कि पूर्वांचल में आईटी प्रतिभा की उपलब्धता को देखते हुए प्रयागराज में स्टार्टअप इन्क्यूबेटर चलाने का काम शुरू कर दिया गया है। वाराणसी तथा गोरखपुर में स्टार्टअप इंक्यूबेटर का कार्य प्रगति पर है। गोरखपुर में स्टार्टअप इन्क्यूबेटर का निर्माण कार्य दिसम्बर 2020 तक पूरा हो जाएगा।

 

आईटी लाजिस्टिक्स के लिये प्रयागराज और देवरिया में डिजिटल प्रोग्राम के अंतर्गत बीपीओ इकाई की स्थापना की जा चुकी है। बीपीओ प्रमोशन स्कीम के तहत देवरिया, वाराणसी, प्रयागराज, लखीमपुर खीरी, अयोध्या, कानपुर, बरेली, उन्नाव में इकाईयां स्थापित की जा चुकी हैं।  सौर ऊर्जा से संचालित बोरवेल की स्थापना के लिए प्रदेश का लक्ष्य करीब 8000 है, जिसमें से 35 प्रतिशत करीब 2500 बोरवेल पूर्वांचल के जिलों के लिए हैं। मुख्य सचिव ने कृषि अनुसंधान परिषद के माध्यम से थारू जनजाति के पारंपरिक उत्पादों को चिन्हित कर उनकी गुणवत्ता में सुधार, फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने तथा मार्केभटग की व्यवस्था करने को कहा।

पूर्वांचल क्षेत्र में जैविक खेती के तहत 15 चयनित जिलों में 100-200 एकड़ जमीन पर पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने का प्रस्ताव है। कान्ट्रैक्ट फाॄमग के तहत आलू, कटहल, बेल, अमरूद, आम, केला, मिर्च-मसाले एवं अन्य पारंपरिक उत्पादों की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए मल्टीनेशनल कंपनियों से दीर्घकालीन अनुबंधों पर समझौता किया जाएगा। गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग द्वारा पूर्वांचल की 14 जिलों में किसानों के लिए भसगल बड चिप विधि से सीडभलग के उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाएगा।