राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को समग्र रूप से प्रदेश के शिक्षण संस्थाओं में क्रियान्वयन हेतु में गठित टास्क फोर्स की दूसरी बैठक सम्पन्न

उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन किए जाने की दिशा में हुआ विचार विमर्श



लखनऊ:। राष्ट्रीय शिक्षा नीति.2020 को समग्र रूप से प्रदेश के शिक्षण संस्थाओं में क्रियान्वयन हेतु उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में गठित 16 सदस्यीय टास्क फोर्स की दूसरी बैठक आज यहां विधानसभा स्थित कार्यालय संख्या-80 में बैठक आयोजित की गई। बैठक में उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति. 2020 के क्रियान्वयन किए जाने की दिशा में विभिन्न बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया। इस अवसर पर टास्क फोर्स सदस्यों द्वारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रदेश में क्रियान्वयन के संबंध में बहुमूल्य सुझाव भी दिए गए। कमेटी की अगली बैठक आगामी 28 अक्टूबर को होगी।



उपमुख्यमंत्री तथा टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ दिनेश शर्मा के निर्देश पर बेसिक, माध्यमिक, उच्च एवं प्राविधिक शिक्षा विभाग द्वारा विभागीय स्तर पर स्टीयरिंग कमेटी का गठन कर लिया गया है तथा विभागीय स्टीयरिंग कमेटी द्वारा बनाई गई ठोस कार्ययोजना को 16 सदस्यीय टास्क फोर्स के समक्ष प्रस्तुत किया गया जिस पर टास्क फोर्स द्वारा अनेक सुझाव भी दिए गए, जिसके आधार पर क्रियान्वयन के लिए मंथन किया गया।



अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा श्रीमती आराधना शुक्ला ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के माध्यमिक शिक्षा विभाग में क्रियान्वयन के संबंध में कार्य .योजना प्रस्तुत करते हुए बताया गया कि विभाग द्वारा गठित स्टीयरिंग कमेटी द्वारा 07 फोकस एरिया चिन्हित करते हुए करिकुलम और पेडागाॅजी, मूल्यांकन तथा परीक्षा व्यवस्था में सुधारए शिक्षकों का क्षमता संवर्धन एवं शिक्षक भर्ती, व्यवसायिक शिक्षा और कौशल विकास, विद्यार्थी समर्थन व्यवस्था, शिक्षा में तकनीकी के प्रयोग तथा कुशल संसाधन और प्रभावी गवर्नेंस हेतु 07 वर्किंग ग्रुप बनाया गया है।



    अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा ने बताया कि करिकुलम और पेडागॉजी के अंतर्गत पाठ्यक्रम के लोड में कमी, विषय चयन हेतु सत्र 2021-22 में राजकीय/वित्तपोषित विद्यालयों में भौतिक सुविधा, जनशक्ति तथा स्थानीय मांग के आधार पर स्कूल मैपिंग, प्रायोगिक आधारित अधिगम पर जोर, इनोवेटिव पेडागॉजी, करिकुलम प्लाॅनिंग, भाषा शिक्षण संबंधी आदि अन्य बिंदुओं पर विचार विमर्श किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मूल्यांकन तथा परीक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए गठित वर्किंग ग्रुप द्वारा परीक्षा प्रणाली का सरलीकरण, प्रश्न पत्रों के ब्लूप्रिंट और डिजाइन में परिवर्तन से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर विचार विमर्श किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शिक्षकों की क्षमता संवर्धन एवं शिक्षक भर्ती तथा व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास के संबंध में गठित वर्किंग ग्रुप द्वारा भी विभिन्न बिंदुओं पर विचार विमर्श किया जा रहा है।



     श्रीमती आराधना शुक्ला ने बताया कि विद्यार्थी समर्थन व्यवस्था के तहत दिव्यांग बच्चों के विद्यालयों में प्रवेश एवं अन्य सुविधाएं, सामाजिक व आर्थिक रूप से वंचित बच्चों के लिए विशेष प्रबंध किए जाने, प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को विशेष तकनीकी सहयोग किए जाने की दिशा में विभिन्न बिंदुओं पर विचार विमर्श किया जा रहा है।  उन्होंने बताया कि इसके साथ ही शिक्षा में तकनीकी के प्रयोग को बढ़ावा दिए जाने के लिए गठित वर्किंग ग्रुप द्वारा डिजिटल लिटरेसी, पाठ्यक्रम एवं टेक्नोलॉजी आधारित पेडागॉजी की दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कुशल संसाधन और प्रभावी गवर्नेंस के संबंध में गठित वर्किंग ग्रुप द्वारा विद्यालय संकुल व्यवस्था एवं विद्यालयों के संबद्धीकरण से संबंधी बिंदुओं पर विचार विमर्श किया जा रहा है।



     अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्रीमती मोनिका एस. गर्ग द्वारा इस अवसर पर अवगत कराया गया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन हेतु गठित स्टीयरिंग कमेटी द्वारा 17 वर्चुअल बैठकों का आयोजन किया जा चुका है जिसके क्रम में यू0जी0 एवं पी0जी पाठयक्रम निर्धारण एवं प्रवेश प्रक्रिया तथा एकेडमिक क्रेडिट बैंक की स्थापना, कौशल विकास को उद्योगों से जोड़ना, जी0ई0आर0 में वृद्धि समसामयिक विषयों के शोध पर संकेन्द्रण, सम्बद्धता की व्यवस्था को समाप्त करते हुए महाविद्यालयों को स्वायत्तता प्रदान किया जाना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन हेतु समय सीमा का निर्धारण तथा नैक मूल्यांकन आदि प्रमुख उप विषयों पर विषद चर्चा की जा चुकी है। यह भी अवगत कराया गया कि प्रदेश के समस्त शिक्षाविदों, अध्यापकों, विद्यार्थियों के मध्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु तथा इस विषय पर उनके सुझाव प्राप्त करने के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर 36 वेबिनार/वेबिकान्स एवं महाविद्यालय स्तर पर 120 वेबिनार/वेबिकान्स आयोजित किए गये हैं जिसके द्वारा प्राप्त निष्कर्षो एवं सुझावों का उपयोग उत्तर प्रदेश के विशेष संदर्भ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के सफल क्रियान्वयन में किया जा सकेगा।



श्रीमती गर्ग ने अवगत कराया कि ई-कंटेन्ट पोर्टल दिनांक 05 सितम्बर, 2020 को प्रयोगात्मक रूप से क्रियाशील कर दिया गया है, जो उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा डिजिटल लाईब्रेरी के नाम से जाना जायेगा। छात्रों के हित में ई-कंटेन्ट को बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों द्वारा अधिक से अधिक ई-कंटेन्ट उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से माह सितम्बर-अक्टूबर, 2020 को विद्यादान माह के रूप में मनाये जाने का निर्णय लिया गया है, जिसका उददेश्य विद्यार्थियों को ऑफलाइन माध्यम के अतिरिक्त गुणवत्तायुक्त ऑनलाइन पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराना है। डिजिटल लाइबे्ररी में विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के शिक्षको के माध्यम से अधिक से अधिक विषय के समस्त पाठयक्रमों से सम्बन्धित सभी शीर्षकों के ई-कंटेंट उपलब्ध कराये जा रहे हंै, जिसके माध्यम से विद्यार्थिंयों की शिक्षा पूरी तरह से ऑनलाइन किए जाने के स्थान पर ऑनलाइन व ऑफलाइन शिक्षण में समन्वय स्थापित किया जा सके। अद्यतन 18 विश्वविद्यालयों द्वारा यूजी एवं पीजी पाठ्यक्रमों में कुल 5548 ई-कंटेन्ट की गुणवत्ता की परख कर डिजिटल लाईब्रेरी पर अपलोड किया जा चुका है।



बैठक में अध्यक्ष उत्तर प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद डॉ गिरीश चंद्र त्रिपाठी, अपर मुख्य सचिव प्राविधिक शिक्षा एवं व्यवसायिक शिक्षा सुश्री एस. राधा चैहान, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्रीमती मोनिका एस गर्ग, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा श्रीमती आराधना शुक्ला, पूर्व माध्यमिक शिक्षा निदेशक  कृष्ण मोहन त्रिपाठी, पूर्व अध्यक्ष केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अशोक गांगुली, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान वाचस्पति मिश्र, प्रोफेसर अरविंद मोहन अर्थशास्त्र विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय, अंग्रेजी विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय डॉ. निशा पाण्डेय उर्दू विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय डॉ. अब्बास नैयर तथा महानिदेशक सर्व शिक्षा अभियान एवं सदस्य सचिव  विजय किरण आनंद, विशेष सचिव उच्च शिक्षा  अब्दुल समद विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा, उदय भान त्रिपाठी एवं अन्य उपस्थित थे। इसके साथ ही जूम एप के माध्यम से पूर्व माध्यमिक शिक्षा निदेशक, वी.पी. खंडेलवाल भी बैठक में शामिल हुए।