...अब तक यूपी में आ चुके हैं निवेश के लिए 16000 करोड़ के प्रस्ताव

यूपी में निवेश के लिए जापान, यूके व दक्षिण कोरियाई कंपनियों ने जताई इच्छा, भेजा प्रस्ताव 


...अब तक यूपी में आ चुके हैं निवेश के लिए 16000 करोड़ के


प्रस्ताव


...अब योगी की मुहिम रंग ला रही है विदेशी निवेश लाने की 


 दर्जन भर से ज्यादा देशों के राजदूतों व उच्चायुक्तों के जरिए विदेशी निवेशकों से संपर्क कर निवेश के लिए प्रेरित कर चुकी है


महेंद्र शुक्ल









 लखनऊ। कोविड-19 की चुनौतियों के बीच भी भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास संगठन (अंकटाड) द्वारा प्रकाशित वैश्विक निवेश रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत 2019 में सबसे अधिक एफडीआई आकर्षित करने वाले देशों की सूची में नौवें स्थान पर है। 2018 में भारत 12वें स्थान पर था। इस साल भी भारत अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करने वाला देश दिखाई दे रहा है। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार, वर्ष 2019-20 में रिकॉर्ड 49.97 अरब डॉलर का एफडीआई आया। यह पिछले साल की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक और विगत चार वित्त वर्ष की तुलना में एफडीआई की सबसे तेज वृद्धि है। 

 

 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मेहनत अब रंग लाने लगी है। योगी द्वारा कोरोना काल में शुरू की गई विदेशी निवेश लाने की मुहिम अब रंग ला रही है। यूपी में  इस दौरान अब तक 7000 करोड़ रुपये के 26 निवेश प्रस्ताव आ चुके हैं जबकि 9000 करोड़ रुपये के 31 प्रस्ताव घरेलू कंपनियों के हैं। इन सबने यूपी में निवेश की इच्छा जाहिर की है।  जर्मनी, जापान, यूके व दक्षिण कोरिया की कंपंनियां अपने  प्रस्ताव को लेकर गंभीर हैं और यूपी के संपर्क में हैं। 


यूपी सरकार दर्जन भर से ज्यादा देशों के राजदूतों व उच्चायुक्तों के जरिए विदेशी निवेशकों से संपर्क कर निवेश के लिए प्रेरित कर चुकी है। यह कंपनियां लॉजिस्टिक, इंडस्ट्रियल व आईटी पार्क, डाटा सेंटर, फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्रों पर खास फोकस कर रही हैं। खाद्य व प्रसंस्करण  के क्षेत्र में ब्रिटानिया 300 करोड़ रुपये की लागत से लखनऊ के निकट बाराबंकी या हरदोई  में निवेश करना चाहता है। कैपिटल फूड  100 करोड़ व बाला जी वाफेरर्स 175 करोड़ रुपये की लागत से लखनऊ के नजदीक प्लांट लगाना चाहता है। 


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना काल में सरकार ने नए निवेशकों को तुरंत सहयोग के लिए राज्य में हेल्पडेस्क बनाने व निवेशकों से सहयोग समन्वय करने के निर्देश दिए। कई विदेशी कंपनियों ने खाद्य प्रसंस्करण, मत्स्य पालन, डेयरी, आईटी व अन्य क्षेत्रों में निवेश के प्रस्ताव भेजे हैं। पिछले साढ़े तीन साल में 152 निवेश परियोजनाओं में वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हो गया है। यह निवेश  परियोजनाएं  49,147 करोड़ रुपए की हैं। जापानी कंपनियों के निवेश प्रस्ताव मत्स्य पालन, सोलर पार्क, एग्रो पार्क आदि क्षेत्रों के लिए भी आ रहे हैं। 


विदेशों से प्रस्तावित निवेश 



जापान :  याजाकी कार्प  इंजेक्शन मोल्डिंग फैसिलिटी के क्षेत्र में 2000 करोड़ रुपये के  निवेश की तैयारी कर रहा है। इसके लिए नोएडा ग्रेटर नोएडा को चुना गया है। इसके अलावा जापान की कंपनी  मियाची कार्प भी यूपी में निवेश की योजना बना रहा है।  
जर्मनी : वान वैलिक्स 25 करोड़ की लागत से फुटवियर निर्माण केंद्र खोलना चाहता है। इसके लिए उसने आगरा को चुना है। 
यूके :  एबी मौरी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 375 करोड़ से मध्यांचल में बेकरी प्लांट लगाने की योजना बनाई है    
दक्षिण कोरिया :  एडीसन मोटर्स चार करोड़ के निवेश तीन चरणों में करना चाहता है। वह यूपी में इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माण संयंत्र लगाने को इच्छुक है।