लखनऊ, 8 अक्टूबर। । राष्ट्रीय पुस्तक मेला समिति और लखनऊ पुस्तक मेला समिति द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ऑनलाइन प्रतियोगिताओं के क्रम में आज राजस्थानी, गुजराती, दक्षिण भारतीय प्रदेषों के लोक नृत्यांे को बाल युवा वर्ग प्रतिभागियों ने प्रस्तुत किया और कथा रंग के व्यस्क सदस्यों ने बच्चों के लिए कहानी पेष की। प्रधानमंत्री के हाल के मन की बात कार्यक्रम में सभी को कथा कहने के लिए प्रेरित किया था, इसी क्रम में कल बच्चे अपराह्न तीन बजे से प्रचलित कहानियों को कहते हुए कहानी कहो प्रतियोगिता में भाग लेंगे।
कहानी पाठ से पूर्व वरिष्ठ रेडियो कलाकार नूतन वशिष्ठ ने बताया कि वे बच्चांे के लिये कहानी पाठ कार्यशाला का आयोजन भी करती हैं ताकि बच्चे कहानी पाठ के गुर सीख सके। इसके बाद अन्नपूर्णा नंद वर्मा की कहानी अकबरी लोटा का वाचन अनुपमा शरद ने सूत्रधार, सोम गांगुली ने पण्डित बिलवासी मिश्रा, शालिनी सिंह ने लाला की पत्नी के साथ आयुष वर्धन सिंह, सत्या मिश्रा इत्यादि ने चरित्रों का रोचक पाठ किया। सचिव अनुपमा ने कार्यक्रम में घोषणा की कि नवंबर के प्रत्येक शुक्रवार बच्चांे के लिये विशेष कहानी पाठ ऑनलाइन किया जायेगा ताकि ढेर सारे बच्चे और जुड़ सकें।
लोकनृत्य प्रस्तुतियांे मे संस्कृति ने- मेहंदी रचण लागी....गीत पर राजस्थानी नृत्य से प्रारंभ किया। कावि षाह ने- ढोली तारो...., भाव्या सिंह ने- बाजुबंद लड़ उलझी जाये...., शिवान्या ने गुजराती गीत- ढोलना रे ढोलना.... पर गरबा किया। नन्दिनी ने दक्षिण भारत के लोकनृत्य की झलक दिखाई। षाम्भवी दुबे, आर्या सिंह, अदिति अग्रवाल, अमित पाण्डेय, आंशु गुप्ता, डा. अपूर्वा अवस्थी डा.सुमन मिश्रा, कनिका गुरनानी, कीर्ति बाजपेई, मालविका त्रिवेदी, मंजीत कौर, नीता मिश्रा, पूजा विमल, रचना टन्डन, शुभ्रा बाजपेई, माया मिश्रा आदि सहित 80 साहित्य व कलाप्रेमी शामिल हुए। मेला संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने बताया कि आज इन आनलाइन कार्यक्रम मे लखनऊ आकाशवाणी के कलाकारों के साथ ही दिल्ली के भी कलाकार और कहानी प्रेमी जुडे ।
कथाओं का आनन्द और लोकनृत्य की मस्ती
पुस्तक मेला समितियों की प्रतियोगिताएं
कथाओं का आनन्द और लोकनृत्य की मस्ती