लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-
‘सामूहिक मिनी ग्रीन ट्यूबवेल योजना’ प्रारम्भ करने का प्रस्ताव स्वीकृत
मंत्रिपरिषद ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने हेतु वर्ष 2020-21 से निजी लघु सिंचाई कार्यक्रम के अन्तर्गत ‘सामूहिक मिनी ग्रीन ट्यूबवेल योजना’ प्रारम्भ किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
यह योजना नई योजना के रूप में वर्ष 2019-20 से प्रस्तावित की जा रही है। योजना के अन्तर्गत लघु एवं सीमांत श्रेणी के न्यूनतम 10 कृषकों के समूह के लिए सौर ऊर्जा चालित नलकूप का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है। एक नलकूप की लागत 4.69 लाख रुपये आंकलित की गई है, जिसमें सामान्य श्रेणी हेतु केन्द्रांश 0.7305 लाख रुपये तथा राज्यांश 2.4215 लाख रुपये एवं कृषक समाज का अंश 1.5380 लाख रुपये है। एस०सी०पी० हेतु केन्द्रांश 0.7305 लाख रुपये, राज्यांश 2.9855 लाख रुपये एवं कृषक समूह का अंश 0.974 लाख रुपये है।
योजनान्तर्गत नलकूप का कार्य लघु सिंचाई विभाग द्वारा तथा सोलर पम्प की स्थापना कृषि विभाग द्वारा किया जायेगा। कुसुम योजना-बी हेतु कृषि विभाग नोडल विभाग है। एक नलकूप से 6 हेक्टेयर शुद्ध क्षेत्र सिंचित होगा तथा 10 हेक्टेयर सिंचन क्षमता सृजित होगी। योजना के अन्तर्गत 69 मी० तक गहरे नलकूप का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है। नलकूप स्थापना के साथ-साथ पम्प हाउस, जल वितरण प्रणाली हेतु एच०टी०पी०ई० पाइप इत्यादि की व्यवस्था का प्रस्ताव है। नलकूप में जल निकासी हेतु पाँच हाॅर्स पावर के सौर ऊर्जा चालित पम्प की स्थापना किया जाना प्रस्तावित है।
योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एक वर्ष हेतु प्रस्तावित की गई है, जिसके अन्तर्गत 179 नलकूपों हेतु वर्ष 2020-21 में 600 लाख रुपये राशि का बजट प्राविधान है। मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार अतिरिक्त बजट की स्वीकृति प्राप्त कर बड़े जनपदों हेतु 10 एवं छोटे जनपदों हेतु 05 सामूहिक नलकूपों के निर्माण हेतु कार्यवाही की जायेगी। योजना के क्रियान्वयन से आर्थिक दृष्टि से अत्यन्त कमजोर लघु एवं सीमान्त कृषक सौर ऊर्जा चालित नलकूप स्थापित कर सकेंगे तथा ऊर्जा एवं जल की बचत होगी। यह योजना प्रदेश अतिदोहित/क्रिटिकल विकास खण्डों को छोड़कर शेष में क्रियान्वित की जाएगी। इस योजना का मूल्यांकन किया जाएगा। मूल्यांकन में सार्थक परिणाम आने पर आगामी वर्षांें में योजना का विस्तार किये जाने पर निर्णय लिया जाएगा।
फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट, अलीगढ़ के भवन निर्माण हेतु पर्यटन विभाग को निःशुल्क भूमि हस्तांतरित किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति
मंत्रिपरिषद ने फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट, अलीगढ़ के भवन निर्माण हेतु पर्यटन विभाग को निःशुल्क भूमि हस्तांतरित किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जनपद-अलीगढ़ में फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट की स्थापना वर्ष-1984 में की गई थी। यह फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट दिनांक 01 जुलाई 1989 को उत्तर प्रदेश सरकार को हस्तांतरित कर दिया गया। फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट एक शैक्षणिक संस्था है, जो सोसायटी एक्ट के अन्तर्गत पंजीकृत हैं, जो कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पॉलीटेक्निक परिसर में प्रदेश सरकार के अनुदान से संचालित हो रहा है। इस संस्थान का कोई अपना भवन नहीं है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय द्वारा संस्थान को उपलब्ध कराए गए भवन परिसर को तत्काल खाली करने के निर्देश दिए गए हैं।
फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट एक शैक्षणिक संस्था है, जिसमें बेरोजगार युवकों/युवतियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाने के दृष्टिकोण से विभिन्न प्रकार के पर्यटन से जुड़े पाठ्यक्रमों का संचालन किया जाता है। संस्थान में संचालित विभिन्न नियमित पाठ्यक्रमों के अन्तर्गत प्रतिवर्ष लगभग 350 छात्र/छात्रायें शिक्षा प्राप्त करते हैं। इसके अतिरिक्त पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्त-पोषित विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रमों के अन्तर्गत प्रतिवर्ष लगभग 250 अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित किया जाता है, जिससे इस क्षेत्र के बेरोजगार युवक/युवतियों रोजगार प्राप्त करते हैं।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय द्वारा संस्थान परिसर को तत्काल खाली किए जाने के निर्देशों के क्रम में पर्यटन विभाग द्वारा जिलाधिकारी, अलीगढ़ से निःशुल्क भूमि उपलब्ध कराए जाने का अनुरोध किया गया था, जिसके क्रम में जिलाधिकारी, अलीगढ़ द्वारा तहसील कोल के ग्राम रामपुर में गाटा सं0-452 रकबा 2.900 हे0 जो कि राजस्व अभिलेखों में श्रेणी 5-3 अन्य बंजर दर्ज है, को संस्थान के भवन निर्माण हेतु पुनर्ग्रहण का प्रस्ताव राजस्व विभाग, उ0प्र0 शासन को प्रेषित किया गया था, जिसका मूल्यांकन 6.96 करोड़ रुपये है।
राजस्व विभाग, उ0प्र0 शासन द्वारा अपने पत्र संख्या-1068/एक-1-2019-रा0-1 दिनांक 06-01-2020 के माध्यम से यह अवगत कराया गया है कि यदि प्रश्नगत भूमि की अपरिहार्य आवश्यकता हो तो प्रशासकीय विभाग द्वारा निःशुल्क भूमि पुनर्ग्रहण करने हेतु मंत्रिपरिषद का अनुमोदन प्राप्त किया जाना होगा। अतः प्रस्तुत प्रस्ताव के अनुसार फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट, अलीगढ़ के भवन निर्माण हेतु जिलाधिकारी, अलीगढ़ द्वारा चिन्हित भूमि (2.900 हे0) के निःशुल्क हस्तान्तरण हेतु मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है।
जनपद सहारनपुर मंे आसन फील्ड फायरिंग रेंज हेतु भारतीय सेना को 25885.64 हे0 वन भूमि 30 वर्षांें के लिए प्रदान किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति
मंत्रिपरिषद ने जनपद सहारनपुर मंे आसन फील्ड फायरिंग रेंज हेतु भारतीय सेना को 25885.64 हे0 वन भूमि 30 वर्षांें के लिए प्रदान किये जाने के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन अनुभाग-2 के शासनादेश सं0-भा0स0-57/81-2-2020-800 (74)/2016, दिनांक 30 जून, 2020 की शर्त सं0-33 एवं 34 से छूट प्रदान किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
यह स्वीकृति एडमिनिस्ट्रेटिव कमाण्डेन्ट, स्टेशन हेड क्वाटर, सहारनपुर एवं जिलाधिकारी सहारनपुर के पत्रों में किये गये अनुरोध एवं मुख्य वन संरक्षक/नोडल अधिकारी, उत्तर प्रदेश द्वारा उपलब्ध करायी गयी आख्या के क्रम में प्रदान की गयी है। इस निर्णय से भारतीय सेना को सहारनपुर स्थित आसन फील्ड फायरिंग रेंज में युद्धाभ्यास की अनुमति होगी।
ज्ञातव्य है कि जनपद सहारनपुर में आसन फील्ड फायरिंग रेंज हेतु भारतीय सेना को 25885.64 हे0 वन भूमि 30 वर्षांे के लिए गैर वानिकी प्रयोग के नवीनीकरण सम्बन्धी प्रकरण में क्षतिपूरक वृक्षारोपण सम्बन्धी शर्त के अधीन 10 प्रतिशत की धनराशि एवं परियोजना से प्रभावित वनभूमि का वर्तमान बाजार दर पर मूल्य प्रस्तावक विभाग द्वारा वन विभाग के पक्ष में जमा किये जाने से छूट प्रदान करने के सम्बन्ध में मंत्रिपरिषद द्वारा स्वीकृति दी गयी है।