लखनऊ में शाम होते ही सजती है सड़को पर शराबियों की महफिले

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सरकार बनते ही महिलाए और बच्चे शराब बन्दी को लेकर सड़क पर उतरे थे। सूबे में जगह-जगह बवाल हुए। काफ़ी प्रयास के बाद माहौल को देख प्रदेश में आयी योगी सरकार ने तरह-तरह के फरमान जारी किए। जिसमें हाइवे से 500 मीटर की दूरी पर फेंक दिए गए थे देशी व विदेशी शराब के ठेके व बियर की दुकाने। स्कूल और मन्दिर से भी 500 मीटर की दूरी पर भी रोक लगा दी गयी। योगी आदित्यनाथ ने सरकार बनते ही सरकारी दफ़्तर से लगाकर थाना परिसर तक के निरीक्षण में गुटखा व पान की पीच से रंगी दीवारों को देखकर अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई थी । सरकार के बाइस महीने दो पूर्ण होते ही सब कुछ फिर उसी तरह से चलता नजर आ रहा है। आबकारी विभाग और पुलिस की नाक के नीचे शहर के विदेशी ठेकों व बियर की दुकानों के सामने सड़को पर शाम होते ही शराबियो की महफिले सजने लगती हैं। आबकारी विभाग से लगाकर नागरिक पुलिस तक इन पर नकेल नही कस पा रही है। शराब पीकर रोड पर ड्रामा करते पुलिस देखकर भी बनी रहती है अनजान। आबकारी विभाग के सिपाही से लगाकर एरिया इंस्पेक्टर तक करते है दफ़्तर की तरह ड्यूटी। बियर की दुकानों पर बियर पिलाने का लिया जाता है पाँच से दस रुपये। जिसकी शिकायत भी कई बार मुख्यमंत्री के पोर्टल पर की जा चुकी है।भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी कुर्सी पर ही बैठकर बिना जाँच के लगा देते है रिपोर्ट।
स्थानीय लोगों ने ट्वीटर व फ़ोन के माध्यम से आबकारी विभाग से लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस के आलाधिकारीयों तक को शिकायत दर्ज कराई है।
लेकिन थानेदार से लेकर चौकी प्रभारी तक के मिलीभगत से भेजी जाती है अधिकारियों को फर्जी रिपोर्ट। ऐसे मे आए दिन शराब पीकर सड़को पर उत्पात मचाने वाले शोहदो से सड़क पर चलने वाला आम राहगीर हर रोज परेशान होता है।