सरकारी कर्मचारी नेताओं को धमकी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश शासन के वित्त विभाग ने पीजीआई कर्मियों के सातवें वेतनमान के भत्ते एम्स के सामान स्वीकृत ना करने पर आमादा था इसलिए आज वित्त प्रमुख सचिव सहमति देने से कैबिनेट प्रस्ताव के बाद भी शिक्षा अनुभाग 2 से पीजीआई कर्मियों के लिए भेजी गई फाइल को लटका रहे हैं आज भी उनका गुस्सा प्रमाण दे रहा शासनादेश पर सहमति के लिए ढुलमुल रवैया अपनाए हुए हैं इसलिए कर्मचारी भाइयों शासनादेश निकलने में लेट लतीफ हो रहा है प्रमुख सचिव संजीव मित्तल वित्त विभाग आईएस विक मनाने में व्यस्त हैं अनदेखा कर रहे हैं सातवें वेतनमान की बट्टे वाली फाइल पर टालमटोल की प्रक्रिया अभी भी जारी है अध्यक्ष जी पीजीआई कर्मचारी महासंघ वित्त विभाग के इस अड़ियल रवैया का मैं घोर निंदा करता हूं और पुलिस प्रशासन का भी जो कर्मचारियों के आंदोलन में रोड़ा बन कर विशेष रूप से सामने खड़े हो जाते हैं पुलिस प्रशासन कर्मचारियों के मुद्दे पर कर्मचारियों के विरोध में खड़े होकर के कर्मचारी नेताओं को जबरन कार्य बहिष्कार को वापस लेने का दबाव बना बनाया इसलिए पुलिस विभाग की अब वह एसडीएम साहब और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कहां चले गए शासनादेश क्यों नहीं समाचार निकलवा रहे हैं कर्मियों पर सभी आंदोलन पर लाठिया भागने की तैयारी में रहते हैं और इलाज भी करवाने पीजीआई में पहुंचते हैं बिना हिचक यह वही पुलिस वाले हैं जिन्होंने भगत सिंह चंद्रशेखर आजाद आदि कई अमर शहीदों को फांसी पर लटका दिया यह वही पुलिस व्यवस्था है यह पुलिस व्यवस्था अंग्रेजों की बनाई हुई व्यवस्था है जो आज भी भारत में चल रही है जनता आंदोलन करती आवाज उठाती तो अपने लाठी के दम पर उनकी आवाज को बंद कर देती है यह वही अंग्रेजी पुलिस है मैं अंग्रेजी पुलिस व्यवस्था की घोर निंदा करता हूं समाज भारतीय समाज को तभी आजादी मिलेगी जब आईपीसी धारा में विशेष रूप से परिवर्तन किया जाए हम बिना नुकसान किए सरकारी संपति संपत्ति का नुकसान भी नहीं करते फिर भी कर्मचारी नेताओं को धमकाया और मारने की और जेल में घुसने की धमकी दी जाती है यह है हमारा भारती आईपीसी जो लोकतंत्र के बिल्कुल खिलाफ हैं।