शिक्षा और सामाजिक सुधार, समाज को प्रगति के मार्ग पर ले जाने का सशक्त माध्यम: राष्ट्रपति
राष्ट्रपति ने डी.ए.वी. काॅलेज, कानपुर के शताब्दी वर्ष समारोह को सम्बोधित किया

डी.ए.वी. की संस्थाओं ने शैक्षिक  पुनर्जागरण में बड़ी भूमिका निभायी: मुख्यमंत्री

स्वामी दयानन्द सरस्वती जी ने 19वीं सदी के पुनर्जागरण में अग्रणी भूमिका निभायी

भारतीय परम्परा में शतायु होना पूर्णता का प्रतीक

डी.ए.वी. की संस्थाओं ने शैक्षिक  पुनर्जागरण में बड़ी भूमिका निभायी: मुख्यमंत्री

 

लखनऊ, फरवरी। भारत के राष्ट्रपति  रामनाथ कोविंद  ने कहा कि स्वामी दयानन्द सरस्वती जी ने 19वीं सदी के पुनर्जागरण में अग्रणी भूमिका निभायी। वर्ष 1874 में उन्होंने आर्य समाज की स्थापना की। शिक्षा और सामाजिक सुधार, समाज को प्रगति के मार्ग पर ले जाने का सशक्त माध्यम है। इसलिए स्वामी दयानन्द सरस्वती ने सामाजिक कुरीतियों का विरोध किया और ज्ञानवान समाज के लिए वेदों के ज्ञान को व्यावहारिक बताया। वे आन्तरिक, सच्चरित मानसिक विकास और वैज्ञानिक चिन्तन के हिमायती थे। 

राष्ट्रपति  ने यह विचार आज जनपद कानपुर में डी0ए0वी0 काॅलेज के शताब्दी वर्ष समारोह के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि स्वामी दयानन्द सरस्वती जी के आदर्शों का समाज बनाने के लिए अब से 131 वर्ष पूर्व लाहौर में लाला हंसराज ने डी.ए.वी. स्कूल की स्थापना की। इसके उपरान्त पूरे देश में अन्य स्थानों पर डी.ए.वी. शिक्षण संस्थानों की स्थापना की गई। वर्ष 1919 में डी.ए.वी. काॅलेज, कानपुर की स्थापना हुई। 

डी.ए.वीकाॅलेज, कानपुर के शताब्दी समारोह में शामिल होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति  ने कहा कि इस काॅलेज की शिक्षा पद्धति में विरासत और आधुनिकता, हिन्दी और अंग्रेजी, भारतीय ज्ञान परम्परा और पाश्चात्य वैज्ञानिक दृष्टिकोण का अद्भुत सामंजस्य और सहयोग है। इसने अनेक पीढ़ियों को ज्ञानवान बनाया और उनके विचारों व संकल्पों को दिशा दी है। 

राष्ट्रपति  ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व0  अटल बिहारी वाजपेयी जी ने इस शिक्षण संस्थान में शिक्षा प्राप्त की थी। अटल  के परिवार में शिक्षा की ऐसी उत्कट अभिलाषा थी कि उनके पिता और अटल  ने साथ-साथ इस विद्यालय में शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने कहा कि इस काॅलेज के ख्याति प्राप्त शिक्षकों और विद्यार्थियों की सूची काफी लम्बी है। इनमें प्रसिद्ध क्रान्तिकारी  चन्द्रशेखर आजाद, शालिग्राम शुक्ल,  शिव वर्मा, स्वाधीनता सेनानी  ब्रह्मदत्त सिंह,  महावीर सिंह, विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले  आत्माराम, साहित्य के क्षेत्र में प्रसिद्ध डाॅ. गोपालदास ‘नीरज’ आदि शामिल रहे हैं। 

राष्ट्रपति  ने बताया कि उन्हें भी इस शिक्षण संस्थान में वर्ष 1956 से वर्ष 1969 तक शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिला था। उस समय की स्मृतियों की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि वे सब एकान्त अध्ययन के लिए ग्रीन पार्क स्टेडियम का उपयोग करते थे। राष्ट्रपति जी ने कहा कि भारतीय परम्परा में शतायु होना पूर्णता का प्रतीक है। उसके बाद का जीवन, नया जीवन माना जाता है। उन्होंने भरोसा जताया कि डी.ए.वी काॅलेज, कानपुर भी अपने नए जीवन में नई उपलब्धियां प्राप्त करेगा। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रौद्योगिकी के प्रयोग हेतु प्रोत्साहित किया और कहा कि विकास हेतु व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में सामंजस्य आवश्यक है। 

अपने सम्बोधन के प्रारम्भ में राष्ट्रपति  ने पुलवामा में घटित आतंकी घटना में जनपद कानपुर देहात के शहीद श्यामबाबू सहित सभी शहीदों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि इस घटना से देश गहरी पीड़ा में है। उन्होंने शहीद श्यामबाबू की पुत्री की शिक्षा की जिम्मेदारी  कुमकुम स्वरूप द्वारा लिए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आर्य समाज ने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से स्वाधीनता आन्दोलन के दौरान उल्लेखनीय कार्य किया। शिक्षा को आधुनिकता और संस्कारों के साथ जोड़ने का जो कार्य आर्य समाज द्वारा किया गया, उससे स्वाधीनता की आधारशिला तैयार हुई। डी.ए.वी की संस्थाओं ने शैक्षिक पुनर्जागरण में बड़ी भूमिका निभायी। वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी  ने नए भारत के निर्माण के लिए ‘संकल्प से सिद्धि’ का मंत्र दिया है। इसके तहत वर्ष 2022 में देश की आजादी के 75वें वर्ष में गरीबी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, नक्सलवाद, अराजकता आदि समस्याओं का समाधान किया जाना है। 

मुख्यमंत्री  ने कहा कि डी.ए.वी काॅलेज, कानपुर की गौरवशाली परम्परा रही है। इस संस्था के पूर्व छात्र माननीय राष्ट्रपति  रामनाथ कोविंद  वर्तमान में देश का गौरव बढ़ा रहे हैं। हम सभी के प्रेरणास्रोत पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने भी संस्था से शिक्षा ग्रहण की है। इस शिक्षण संस्थान से हम सभी का आत्मीय सम्बन्ध है। राज्य सरकार ने श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की स्मृति में यहां पर ‘सेण्टर आॅफ एक्सीलेंस’ स्थापित करने के साथ अन्य कार्यक्रमों की योजना बनाई है। 

राष्ट्रपति  ने कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर विद्यालय की ओर से राष्ट्रपति जी को स्मृति चिन्ह् भेंट कर सम्मानित किया गया। विद्यालय के प्राचार्य डाॅ. अमित कुमार श्रीवास्तव ने संस्थान की प्रगति का विवरण भी प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर औद्योगिक विकास मंत्री  सतीश महाना, सांसद  मुरली मनोहर जोशी सहित जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण, शिक्षणगण, विद्यार्थीगण एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।