छात्र विधि के क्षेत्र में धैर्य एवं परिश्रम के साथ आगे बढ़े : न्यायमूर्ति डी.के. उपाध्याय
विधि छात्र-छात्राओं के पैरालीगल प्रशिक्षण (इन्टर्नशिप) कार्यक्रम का हुआ आयोजन 

 

लखनऊ।  उच्च न्यायालय इलाहाबाद के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति विक्रमनाथ कार्यपालक अध्यक्ष, उ.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार दिनांक 01.06.2019 से 30.06.2019 तक विभिन्न विधि विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के विधि छात्र-छात्राओं के पैरालीगल प्रशिक्षण (इन्टर्नशिप) कार्यक्रम का आयोजन उ.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आज यहां इन्दिरा भवन स्थित सभाकक्ष में किया गया। 

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित  न्यायमूर्ति  डी.के. उपाध्याय ने विधि के छात्र-छात्राओं को भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उन्हें विधि के क्षेत्र में आगे जाने के लिए धैर्य रखने की जरूरत है। उन्होंने न्यायपालिका की महत्ता को सविस्तार से बताया व छात्र-छात्राओं को विधि की सेवा में आने हेतु प्रेरित किया। विशिष्ट अतिथि  न्यायमूर्ति  अताउर रहमान मसूदी ने विधि के छात्र-छात्राओं को भविष्य की आने वाली चुनौतियों से अवगत कराया तथा इन चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित किया। अध्यक्ष उ.प्र. राज्य लोक सेवा अधिकरण, लखनऊ मा0 न्यायमूर्ति श्री सुधीर कुमार सक्सेना, ने अपने सम्बोधन में कहा कि किसी भी व्यक्ति को उसकी जरूरत के हिसाब से न्याय देना ही न्यायालय का कर्तव्य है और यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम विधिक संस्थाओं को सुरक्षित रखें। प्रमुख सचिव, विधान परिषद डा. राजेश सिंह, ने अपने उद्बोधन में कहा कि न्यायिक सेवा में आने पर यदि हम किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति की सहायता कर सकें तो इस सेवा में आने का उद्देश्य पूर्ण हो जाता है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव संसदीय कार्य संजय खरे, वरिष्ठ निबन्धक उच्च न्यायालय खण्डपीठ, लखनऊ  मानवेन्द्र सिंह, सचिव, उच्च न्यायालय विधिक सेवा उपसमिति,पंकज कुमार सिंह, उपसचिव उ.प्र. न्यायिक सेवा  सुबोध भारती एवं अन्य वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।