दूरदराज से आने वाले मरीजों को नहीं मिला इलाज 

बिहार के गया में लू से बचने के लिए धारा 144 लागू
लखनऊ । ममता बनर्जी के तेवर यदि डाक्टरों के सामने पहले ही नरम पड़ जाते तो आज सैकड़ों बच्चों की जान बचाई जा सकती थी। ममता बनर्जी के तेवर का असर कई प्रदेशों में दिखाई पड़ रहा है। ममता बनर्जी के तेवर से डाक्टरों की हड़ताल पर चले जाने से उत्तर प्रदेश के कई महानगरों में भी असर दिखाई दिया। लखनऊ के केजीएमयू, लोहिया संस्थान,बाराबंकी, कानपुर के हैलेट अस्पताल में डाक्टरों की हड़ताल के चलते जिले के सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से बंद हो गईं, जिससे मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हैलट अस्पताल में ओपीडी सेवाएं चालू न होने से इलाज के अभाव में नाराज मरीजों के तीमारदार सड़कों पर उतर आए। सड़क जाम करते हुए स्वास्थ्य सेवाएं बहाल करने की मांग करने लगे।
केजीएमयू में डॉक्टरों की हड़ताल के चलते दूरदराज से आने वाले मरीजों को इलाज नहीं मिला। जूनियर डॉक्टरों ने नारेबाजी करते हुए ओपीडी के दरवाजे बंद कर लिए। इस दौरान कई अधिकारियों को ओपीडी में बंधक बना लिया गया। केजीएमयू में इमरजेंसी ऑपरेशन टाल दिया गया। वहीं पीजीआई में हड़ताल के चलते मरीज परेशान रहे। 3० मरीजों के ऑपरेशन टल गए सिर्फ 4 मरीजों को ओटी में लिया गया है।
लखनऊ के केजीएमयू, पीजीआई और लोहिया संस्थान में सोमवार को रेजीडेंट डॉक्टर हड़ताल पर रहें। इस दौरान रेजिडेंट ओपीडी सेवाएं ठप हो गई । नîसग होम एसोसिएशन के महासचिव डॉ. अनूप अग्रवाल ने बताया कि करीब 256 अस्पताल पंजीकृत हैं। इन अस्पतालों में रोजाना हजारों मरीजों की ओपीडी होती है। आज ओपीडी का संचालन नहीं हुआ। 3०० से ज्यादा ऑपरेशन होने थ्ो वह नहीं हो सके। वहीं दूसरे तरऊ मेडिकल संस्थानों में करीब 2०० से ज्यादा ऑपरेशन टलने के आसार हैं।
हैलट अस्पताल के ओपीडी में इलाज न मिलने से मरीजों को भारी परेशानी हुई। इस बात से नाराज तीमारदारों ने हैलट अस्पताल के गेट के बाहर मोतीझील से रावतपुर की ओर जाने वाली मुख्य सड़क जाम कर दी। सड़क जाम होने से यातायात बाधित हो गया। जाम की जानकारी पर स्वरुप नगर थाना व हैलट चौकी पुलिस पहुंची। जाम खुलने को लेकर पुलिस की भीड़ से काफी बहस हुई। किसी तरह से भीड़ को समझा-बुझाकर पुलिस ने शांत कराया और जाम खुलवाते हुए यातायात बहाल कराया। इलाज कराने आए मरीज के तीमारदार अभिषेक ने बताया कि मां को श्वास की तकलीफ होने पर इलाज के लिए अस्पताल लाये, लेकिन यहां डाक्टरों ने देखने से मना कर दिया। हड़ताल रखनी है तो रखो, लेकिन मरीजों की जान का भी ख्याल रखना चाहिए। ऐसे इलाज के अभाव में कई लोग अपनों को खो देंगे।
मालूम हो कि पश्चिम बंगाल में तीमारदारों ने मरीज की मौत के बाद रेजिडेंट डॉक्टर की बेरहमी से पिटाई कर दी थी। इसके विरोध में देश भर के मेडिकल कॉलेज आन्दोलन कर रहे हैं।
उधर जानकारी मिली है कि बिहार के गया में लू से बचने के लिए सरकार ने धारा 144 लागू कर दी है।