बचपन हर मनुश्य के जीवन का सबसे अच्छा और यादगार काल होता है :राम नाईक





 राज्यपाल ने दिये बच्चों को प्रेरक संदेष

 

लखनऊ, 22 जुलाई सपने और लक्ष्य हमेषा बड़े ही होने चाहिए। साथ ही उन्हें पूरा करने के लिए हमेें कभी हार नहीं माननी चाहिए। इसमें बाधाएं भले ही कितनी आयें हमें समस्याओं को खुद को हराने न देकर, अपनी हिम्मत के बल पर उनका तोड़ निकालकर लगातार आगे बढ़ते जाना चाहिये। देष-प्रदेष के बच्चों को ये संदेष राज्यपाल राम नाईक ने उनसे मिलने पहुंचे बच्चों के बहाने से दिया। 

राज्यपाल ने बच्चों के बनाये अपने चित्र की प्रषंसा करते हुए बच्चों से कहा कि बचपन हर मनुश्य के जीवन का सबसे अच्छा और यादगार काल होता है। इसे गंवाना नहीं, यह समय पढ़ने, सीखने और खुद में अच्छे संस्कार विकसित करने का होता है, जो हमेषा काम आता है। किसी भी क्षेत्र में सबसे ऊंचाई तक पहुंचने के लिये हमें अपनी पूरी लगन और मेहनत लगा देनी होगी, तभी सफलता मिलेगी। राजभवन में राज्यपाल से मिलने 13 वर्शीया षरमीन, 10 वर्शीया नवेरा और आठ वर्शीय अरीब अपने हाथों से बनाया राज्यपाल का चित्र लेकर पहुंचे थे। राज्यपाल से उनसे बहुत सी बातें करते हुए उन्हें आषीर्वाद दिया। बच्चों ने कार्यकाल समाप्त कर रहे राज्यपाल को बधाईयों के साथ दीर्घायु के लिये षुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर उपस्थित हिन्दी उर्दू साहित्य अवार्ड कमेटी के सचिव अतहर नबी ने भी षिश्टाचार मुलाकात में 'प्राब्लम्स आफ मुस्लिम ओबीसी' विशय पर लिखी एक पुस्तक भी राज्यपाल को षुभकामनाएं देते हुए भेंट की। 
 

 

 





 




 

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