लखनऊ, । भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 65 हजार करोड़ रुपये की 250 से अधिक निवेश परियोजनाओं की नींव रखी। इस दौरान उन्होंने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर सराहना की। लखनऊ के गोमती नगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-2 के तहत निवेश परियोजनाओं की नींव रखने के बाद अमित शाह ने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि योगी जी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनेंगे। उन्हें जब मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया गया था तो कई लोगों ने मुझे फोन करके कहा था कि योगी जी ने कभी म्यूनिसपैलिटी भी नहीं चलाई। कभी मंत्री भी नहीं रहे। वह एक मठ के पीठाधीश्वर हैं, संन्यासी हैं। ऐसे में इतना बड़ा प्रदेश वह कैसे चला पाएंगे। श्री शाह ने कहा, 'आज मुझे खुशी है कि उस समय हमने जो निर्णय लिया था, योगी जी ने उसे सही साबित करके दिखा दिया।' भाजपा अध्यक्ष ने दावा किया कि योगी के कठिन परिश्रम के चलते इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में उत्तर प्रदेश पांच साल में देश का प्रथम राज्य बनेगा। उन्होंने कहा कि उप्र निर्यात के क्षेत्र में देश का अव्वल राज्य बन ही गया है। अब पयर्टन के क्षेत्र में भी यह अपार संभावनाओं वाला प्रदेश बनने की दिशा में अग्रसर है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विकास की सबसे बड़ी बाधा कानून व्यवस्था थी, जिसे मुख्यमंत्री योगी ने दो साल के अंदर ही ठीक कर लिया। श्री शाह ने आगे कहा कि वह गुजरात से आते हैं और इंवेस्टर्स मीट की सबसे पहले शुरुआत हमने गुजरात में ही की थी, लेकिन इतने कम समय में इस सफलता को जमीन पर उतारने में योगी आदित्यनाथ सफल रहे। हमने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी योगीजी पर विश्वास करके उप्र को जो सौंपा था, उस निर्णय पर सुखद संतोष मिल रहा है।
मुख्यमंत्री की सफलता को लेकर गदगद अमित शाह योगी की पीठ थपथपाने में इतने मशगूल हो गये थे कि कार्यक्रम में मौजूद प्रदेश के दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद और डॉ. दिनेश शर्मा का वह नाम ही भूल गये। हड़बड़ी में दोनों उप मुख्यमंत्रियों का नाम वह 'केशव वर्मा और शर्मा' कह गये। अमित शाह के इस संबोधन को लेकर राजधानी में तरह-तरह की चर्चायें शुरु हो गयी हैं। कुछ लोग इसे जुबान का फिसलना मान रहे हैं तो कुछ इसमें भाजपा अध्यक्ष का कोई सियासी संदेश देख रहे हैं।
कार्यक्रम में दोनों उप मुख्यमंत्री के अलावा प्रदेश सरकार के कई और मंत्री, भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह तथा पार्टी के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे लेकिन अमित शाह ने अपने संबोधन में राज्यपाल, मुख्यमंत्री और दोनों उप मुख्यमंत्रियों के अलावा किसी और का नाम नहीं लिया।