दुधमुंही बच्ची को लेकर ड्यूटी करने पहुंची महिला सिपाही को कर दिया निलंबित
वूमेन पॉवर लाइन का हाल 

लखनऊ ।  पिछले वर्ष झांसी के थाना कोतवाली में एक महिला सिपाही और उसकी दुधमुंही बच्ची की फोटो खूब वायरल हुई थी। तब उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया ने खुद इस महिला सिपाही को सम्मानित किया था। साथ ही महिला सिपाही की गृह जनपद के नजदीक पोस्टिंग भी कर दी और उसे मदर कॉप की उपाधि से भी नवाजा गया था। डीजीपी द्वारा सम्मानित होने की वजह थी इस महिला सिपाही की अपनी ड्यूटी के प्रति कर्तव्यनिष्ठा। जो अपनी दुधमुंही बच्ची के प्रति मां का भी फर्ज निभा रही थी और ड्यूटी पूरी ईमानदारी से कर रही थी। लेकिन अब उसी पुलिस विभाग ने एक महिला सिपाही को इसलिए निलंबित कर दिया गया क्योंकि वह अपनी दुधमुंही बच्ची को लेकर ड्यूटी कर रही थी। महिला अधिकारों की रक्षा का दावा करने वाली पुलिस ने यह कार्रवाई यह राजधानी लखनऊ स्थित वूमेन पॉवर लाइन 1090 में तैनात एक महिला सिपाही के खिलाफ की है। सिपाही ने अब हक और इंसाफ के लिए डीजीपी कार्यालय में गुहार लगाई है। डीजीपी ने उसे अपने कार्यालय से संबद्ध करके मामले की जांच शुरू करा दी है। मामला करीब डेढ़ माह पहले का है। छुट्टी न मिलने पर सिपाही सुचिता सिंह अपनी दुधमुंही बच्ची को लेकर 1090 कार्यालय में ड्यूटी करने पहुंची। आरोप है कि इसके चलते उन्हें निलंबित कर दिया गया। महिला सिपाही की शिकायत पर डीजीपी मामले की जांच करा रहे हैं। 1090 में तैनात एक अन्य महिला सिपाही ने भी अपने उत्पीडन का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई है कि जरूरत पर उसने गिड़गिड़ाकर अफसरों से छुट्टी मांगी तब भी उसे डांटकर भगा दिया गया। 1090 में महिलाओं के उत्पीडन के आरोप तब सामने आए हैं जब यहां की मुखिया एडीजी महिला ही हैं। महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए सपा सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में कई अन्य मामले भी सामने आ चुके हैं। महिलाओं के अधिकारों स्थापित वीमेन पॉवर लाइन में अभी हाल ही में भयंकर गर्मी के चलते कुछ पुलिसकर्मी बेहोश हो गईं थीं। दबी जुबान में पॉवर एंजिल्स ने आरोप लगाया था कि अधिकारियों से कई बार कहने के बावजूद वहां एसी अथवा कूलर तक नहीं लगवाए गए हैं। जिसके चलते भयंकर गर्मी में उन्हें परेशानी उठानी पड.ती है।इसके अलावा पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने 1090 में बच्चों के लिए क्रेच बनवाया था ताकि यहां काम करने वाली महिलाएं अपने छोटे बच्चों को क्रेच में छोड़कर आसानी से अपने काम को अंजाम दे सकें। लेकिन अब यह के्रच बंद कर दिया गया है। 1090 के क्रेच को बंद करके बच्चों के सामान को कबाड़ में फेंक दिया गया। ऐसा तब है जब कहा जा रहा है कि मौजूदा डीजीपी ओपी सिंह भी क्रेच बनवाने के पक्ष में हैं। वहीं इस मामले में एडीजी 1090 अंजू गुप्ता ने बताया कि महिला सिपाही सुचिता सिंह अपनी नन्ही बच्ची को लेकर ड्यूटी करने आई थी, इसीलिए उसे निलंबित किया गया है। ये हमारी पॉलिशी है। उन्होंने कहा कि मैं क्रेच नहीं रखना चाहती, इसीलिए बंद किया है, क्योंकि कोई भी महिला पुलिसकर्मी इसका खर्चा ही नहीं देना चाहती और न ही बच्चों को रखना चाहती है। शानू पाल ने आइजीआरएस पर क्यों शिकायत की है, इसकी जांच की जाएगी। अन्य अधिकारी मेडिकल लीव पर छुट्टी पर गए हैं। उत्पीडन संबंधी सारे आरोप गलत हैं।