प्रदेश में खादी के उत्पादन को बढ़ावा दिया जायडा : नवनीत सहगल
उत्पादन आधारित छूट की व्यवस्था से 30 हजार कत्तिन व बुनकरों को किया गया लाभान्वित

इस वर्ष 15 प्रतिशत की छूट को बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया जाना प्रस्तावित

लगभग 70 हजार कत्तिन एवं बुनकरों को मिलेगा लाभ:डा. नवनीत सहगल

 लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने खादी के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बिक्री आधारित छूट के स्थान पर उत्पादन आधारित छूट की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की है। जिसके फलस्वरूप 30 हजार कत्तिन/बुनकर अब तक लाभान्वित हो चुके है और छूट की राशि को सीधे उनके खाते में भेजा गया है। इसकी सफलता को देखते हुए अधिकाधिक रोजगार के सृजन की दृष्टि से इस वर्ष 15 प्रतिशत की छूट को बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया जाना प्रस्तावित है। इससे लगभग 70 हजार कत्तिन एवं बुनकर लाभान्वित होंगे।

यह जानकारी प्रमुख सचिव खादी एवं ग्रामोद्योग डा. नवनीत सहगल ने दी। उन्होंने बताया कि खादी प्रदेश के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन का एक सशक्त माध्यम है। अधिक से अधिक रोजगार सृजन हेतु आवश्यक है कि प्रदेश में खादी के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाय। स्वावलम्बन एवं रोजगार सृजन के दृष्टिगत वित्तीय वर्ष 2017-18 में खादी वस्त्रों की बिक्री पर छूट योजना के स्थान पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग, भारत सरकार की भांति उत्पादन पर छूट आधारित पं0 दीन दयाल उपाध्याय खादी विपणन विकास सहायता योजना लागू की गयी है।

डा0 सहगल ने बताया कि  प्रदेश में खादी का उत्पादन करने वाली संस्थाओं को बोर्ड द्वारा 15 प्रतिशत की दर से पं0 दीन दयाल उपाध्याय खादी विपणन विकास सहायता योजनान्तर्गत छूट प्रदान की जाती है। इस छूट की राशि को तीन भागों में विभाजित किया गया है। संस्था में कार्यरत कत्तिन/बुनकर को उत्पादन प्रोत्साहन हेतु भुगतान 34 फीसदी, संस्था को उत्पादन अवस्थापना को सुदृढ़ किये जाने हेतु 33 प्रतिशत तथा संस्था को विपणन संवर्धन हेतु सहायता 33 प्रतिशत राशि देने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि देश में उत्तर प्रदेश ऐसा पहला राज्य है, जहां सौर ऊर्जा आधारित चर्खों के संचालन को मान्यता प्रदान करते हुए अनुदान की सहायता उपलब्ध करायी जा रही है।

प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रथम बार प्रदेश की खादी संस्थाओं में कार्यरत 86,814 कत्तिन/बुनकरों के बैंकों में खाते खुलवाकर आधार से लिंक कराया गया है, ताकि अनुदान की धनराशि सीधे खाते में भेजी जाये। वित्तीय वर्ष 2018-19 में बिक्री पर छूट के स्थान पर उत्पादन में छूट आधारित उक्त योजना के क्रियान्वयन के फलस्वरूप रू0 4.71 करोड़ की धनराशि वितरित की गयी।