सपा सांसद आजम खां भू-माफिया घोषित
 मामलों की जांच को एसआईटी गठित

 

रामपुर,। समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। एक के बाद एक मुकदमे दर्ज होने के बाद उन पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। पुलिस कप्तान ने अब उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित कर दी है, जो एक-एक आरोप और शिकायतों की गहन पड़ताल करेगी। पुलिस अधीक्षक डॉ अजय पाल शर्मा ने गुरुवार को बताया कि सपा सांसद पर दर्ज विभिन्न मामलों की जांच एसआईटी से करायी जायेगी। उन्होंने जांच पूरी तरह से निष्पक्ष होगी और टीम पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं है। इसके आधार पर उचित कदम उठाया जायेगा।  इस बीच आजम के खिलाफ एक और बड़ा एक्शन लेते हुए उन्हें रामपुर प्रशासन ने उन्हें भू माफिया घोषित किया गया है। जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने बताया कि दबंग प्रवृत्ति अपनाते हुए जमीनों पर कब्जा करने वालों, अवैध कब्जे को नहीं छोड़ने जैसे मामलों में आरोपितों को भू माफिया घोषित किया जाता है। इस मामले में नियमनुसार ऐसा किया गया है। वहीं उपजिलाधिकारी सदर प्रेम प्रकाश तिवारी ने बताया कि आजम खां के खिलाफ तमाम शिकायतों को देखते हुए उनका नाम भू माफिया पोर्टल पर दर्ज करा दिया गया है। प्रशासन कानून के मुताबिक अपना काम कर रहा है।  इस तरह एक सप्ताह में आजम पर जमीन पर कब्जा करने को लेकर 14 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। पूर्व क्षेत्राधिकारी और जौहर यूनिवर्सिटी के मुख्य सुरक्षा अधिकारी आले हसन खां भी आजम के सहयोग के कारण आरोपित बनाये गये हैं। आजम पर धोखाधड़ी, अवैध कब्जा सहित फर्जीवाड़ा के आरोप हैं। बीते दिनों पच्चीस से अधिक किसानों ने उनके खिलाफ इस तरह की शिकायतें की हैं। इसमें कई किसानों की शिकायतों को आधार बनाकर मुकदमे दर्ज किये गये हैं। किसानों ने शपथ पत्र भी दिये हैं, जिसमें आले हसन खां पर उन्हें धमकाने का भी आरोप लगाया गया है। हाले हसन को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस उनके आवास भी गई थी, लेकिन वह नहीं मिले। वहीं उनके बेटे और पत्नी के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने की एफआईआर दर्ज करायी गई है। अधिकारियों के मुताबिक आजम खां के सांसद होने के कारण पुलिस नियमानुसार कानूनी प्रकिया का पालन कर रही है। उधर आजम ने इसे बदले की भावना से किया जा रहा कदम बताया है। उन्होंने कहा कि उनके खिलफ जुल्म ज्यादती की जा रही है। भाजपा पर हमलावर होते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी सोचती है कि नफरत का संदेश फैलाकर वह फायदा हासिल कर लेगी, लेकिन ये उसका गलत ख्वाब है। समाज में इतना बंटवारा करना गलत है।  आजम खां के बेटे विधायक अब्दुल्ला का भी कहना है कि जो भी मुकदमे उनके पिता और जौहर यूनिवर्सिटी के मुख्य सुरक्षा अधिकारी आले हसन खां के खिलाफ दर्ज कराए गये हैं, वे सब फर्जी हैं। उन्होंने आले हसन के परिजनों पर सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोपों को भी झूठा करार दिया है। अब्दुल्ला के मुताबिक जौहर यूनिवर्सिटी के लिए 2006 में खरीदी गई जमीन का भुगतान भी चेक से किया गया। इसके बाद भी अफसरों ने लोगों से शपथ पत्र लेकर झूठे मुकदमे दर्ज कराये हैं। जमीन बेचने वाले पहले ही अदालत में जमीन बिक्री की बात पर हामी भर चुके हैं। अब्दुल्ला के मुताबिक इस तरहे उत्पीड़न के बावजूद उनका परिवार डरने वाला नहीं है।  इससे पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर पार्टी ने अपने विधायकों व विधान परिषद सदस्यों की अगुवाई में 22 सदस्यीय जांच समिति बनायी है, जो 20 जुलाई को मामलों की जांच करने रामपुर पहुंचेगी।  समिति को तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट अखिलेश यादव को सौंपेगी।