UPID के अधिकारी लगा रहे हैं पलीता इन्वेस्टर्स समिट-2 के प्रचार में 

इन्वेस्टर्स समिट-2 के प्रचार में सूचना विभाग के अधिकारी लगा रहे हैं पलीता 


पिछली बार की तरह इस वर्ष ग्रांउड बे्रकिंग सेरेमनी-2 में भी हो सकते हैं घपले



 लखनऊ। "अंधा बांटे रेवड़ी ढूड़-ढूड़ अपने को दे", यह कहावत सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग उत्तर प्रदेश के अधिकारियों पर चरितार्थ हो रही है। केन्द्र व उत्तर प्रदेश योगी सरकार द्बारा आयोजित हुए 28 जुलाई दिन रविवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित ग्रांउड बे्रकिंग सेरेमनी-2 के भूमि पूंजन समारोह में उत्तर प्रदेश के लिए 65000 करोड़ रूपये की 250 से अधिक निवेश परियोजनाओं का ग्रह मंत्री अमित शाह ने शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं के शुरू होने पर प्रदेश के 3 लाख लोगों तक रोजगार मिलेगा। इसके प्रचार की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की है, लेकिन सूचना विभाग के प्रमुख सचिव, सूचना निदेशक, उपनिदेशक दिनेश गर्ग,उपनिदेशक त्रिलोकीराम,उपनिदेशक हेंमत सिंह आदि अधिकारियों ने प्रचाार में पलीता लगा रहे हैं। इसके प्रचाार में सूचना विभाग ने करोड़ों रूपये खर्च कर चुका है, लेकिन इसका प्रचार कुछ ही अखबारों व चैनलों में दिखाई दे रहा है, जबकि बरसाती मेढकों की तरह चल रहे चैनलों और दैनिक अखबारों को मनमाना करोड़ो रूपये का विज्ञापन दिया गया है। जिन चैनलों और फाईल कापी छपने वाले अखबारों को करोड़ों रूपये का विज्ञापन दिया गया है, उन चैनलों और अखबारों को न स्टालों पर तथा न ही चैनलों को टेलीवीजन पर दिखाया जा रहा है। क्योंकि यह चैनल और अखबार झोलाछाप यानी झोले में ही चल रहे हैं। 


मुख्यमंत्री योगी ने यूपी में अपना आत्मविश्वास जगाया है। योगी का कहना कि पांच साल में इन्फ्रास्ट्रक्चर 2०22 तक पर्यटन में होगा नम्बर वन होगा। एक साल में योगी सरकार ने 1.2० लाख करोड़ से ज्यादा की योजनाओं को धरातल पर उतारकर योगी ने बड़ा कार्य किया है। जबकि योगी सरकार के विकास कार्यो की चर्चाएं अन्य प्रदेषों के अलावा देश विदेश में भी याद किया जा रहा है। यदि सूचना विभाग के अधिकारियों का यही हाल रहा तो मुख्यमंत्री की विकास योजनाओं को धरातल पर कैसे उतारा जायेगा। 
 प्रदेश की भाजपा सरकार लाखों-करोड़ों खर्च करके ग्राउंड ब्रेकिग सेरेमनी-2 का आयोजन कर रही है, जिसकी तैयारियों को लेकर सारा सरकारी तंत्र जुटा हुआ है। राजधानी लखनऊ का सारा चेहरा जगमगा उठा है। हरियाली से लेकर रंगबिरगी रोशनी से पूरी राजधानी को सराबोर कर दिया गया। जानकारों का कहना है कि इस वर्ष भी ग्रांउड बे्रकिंग सेरेमनी 2 में घपले होने की आशंकाएं बनी हुई है, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है। 


पिछली बार यह हुए थे घपले  
 


मालूम होना चाहिए कि पिछली बार हुई यूपी इन्वेस्टर्स समिट के दौरान कई घपले हुए थ्ो। सजावट में घपले के आरोपी तत्कालीन उद्यान अधीक्षक धर्मपाल यादव और लेखाकार बृज किशोर पाठक को शासन ने निलंबित कर दिया है। निदेशक उद्यान डॉ. आरपी को निर्देश दिया गया था कि वह उद्यान प्रभारी संजय राठी को भी सस्पेंड करें। निलंबन के साथ इनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआइआर भी दर्ज होगी। साथ ही धर्मपाल यादव उप निदेशक के मौजूदा पद से पदावनत भी कर दिये गये। हालांकि इस आदेश के खिलाफ उन्होंने कोर्ट से स्टे ले लिया था। 
फूलों के सजावट में हुई थी गड़बड़ी
उल्लेखनीय है कि पिछले साल फरवरी में इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में यूपी इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन हुआ था। इसमें एयरपोर्ट से लेकर आयोजन स्थल तक फूलों के सजावट की जिम्मेदारी उद्यान विभाग को मिली थी। इसमें घपले की शिकायत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एपीसी प्रभात कुमार को जांच के आदेश दिए थे। जांच के लिए गठित पीसीएफ के एमडी प्रमोद उपाध्याय और निदेशक वित्त आलोक अग्रवाल की कमेटी ने पिछले दिनों रिपोर्ट शासन को दी थी। रिपोर्ट में मनमाने दर पर गमले और फूलों की खरीद के नाते 85 लाख 54 हजार 26 रुपये की क्षति बताई गई । विभाग ने इस मद में 2.48 करोड़ रुपये का खर्च दिखाया था। इसके एवज में 1. 52 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है। घपले की शिकायत पर 96 लाख रुपये भुगतान रोक दिया गया था। 
वित्त नियंत्रक को दिया गया था कारण बताओ नोटिस
निदेशक उद्यान आरपी सिह ने बताया था कि आंतरिक लेखा एवं लेखा परीक्षा विभाग से लेखाकार बृज किशोर पाठक को निलंबित किए जाने का पत्र भी विभाग को मिल चुका है। इस बारे में शासन के न्याय विभाग से राय मांगी गई है। मामले में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के वित्त नियंत्रक जयमंगल राव को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। पर्यवेक्षणीय दायित्वों का निर्वहन न करने पर तत्कालीन उप निदेशक उद्यान वाहिद अली से भी जवाब-तलब किया गया था। 


इस वर्ष ग्रांउड बे्रकिंग सेरेमनी-2 में पावर प्रोजेक्ट में पांच हजार करोड़ का निवेश करेगा अडानी ग्रुप, टोरेंट ग्रुप छह हजार करोड़ का करेगा निवेश,उप्र के आलू उत्पादन को देखते हुए 500 करोड़ का निवेश करेगी पेप्सिको, लखनऊ में मेदांता ग्रुप का अक्टूबर में शुरू होगा अस्पताल, 2000 करोड़ का निवेश करेगा लुलु ग्रुप आदि कई देश व विदेशी कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में निवेश करने का वादा किया है। यह तो आने वाला समय ही बतायेगा कि यूपी में कितना निवेश होगा और कितने ही बेरोजागारों को रोजगार मिलेगा। 
पिछली बार आयोजित इन्वेस्टर्स समिट के लिए राजधानी के सौदर्यीकरण के लिए 65 करोड़ से अधिक खर्च आया था। इस सम्बंध में पिछली बार जिलाधिकारी ने एक वार्ता में समिट की सचावट के 66.15 करोड़ रूपये खर्च होने की बात कही थी। जिसमें लखनऊ म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ने 24.25 करोड़, लखनऊ डिवेलपमेंट अथॉरिटी ने 13.08 करोड़ और लोक निर्माण विभाग ने 12.58 करोड़ रुपये खर्च किए थे। 
पहले आयोजित हुए इन्वेस्टर्स समिट में 22 चार्टर्ड प्लेन, 12 लग्जरी होटेल्स में 300 कमरे बुक किए गए थे। पूरे शहर में होîडग और रोशनी के लिए झालरें लगाई गई थीं। इन्वेस्टर्स समिट 2018 के आयोजन पर करोड़ों रूपये खर्च करने के बाद जैसा अनुमान था नतीजा उसके बिलकुल विपरीत निकला। 
जिसको लेकर विपक्षी पार्टियों ने सरकार को उस आयोजन के लिए खूब घेरा भी और बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने सरकार की निदा करते हुए उस खर्च को बेफिजूल बताते हुए कहा था कि इतने रुपयों से गरीबों और जरूरतमंदों के लिए कोई काम किया जा सकता था।
 पहले इन्वेस्टर्स समिट में तब सात देशों से लगभग 6000लोगों ने हिस्सा लिया था। दो दिवसीय समिट में 1,045 एमओयू पर साइन किए गए, जिसमें 4.28 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव पास हुआ और 4 लाख करोड़ रुपये का निवेश आने की उम्मीद की गई थी। तथा राज्य में कम से कम 33 लाख नौकरियां पैदा होने की उम्मीद भी जताई गई थी, जो एक प्रकार से स्वप्न साबित हुआ। 
सुभाष चंद्र जैसे उद्यमियों ने 18750 करोड़,कुमार मंगलम बिड़ला ने 25000 हजार करोड़,मुकेश अम्बानी ने 10000 करोड़,आनंद महिद्रा ने 200 करोड़,बिज़नेस टाइकून गौतम अडानी ने 35000 करोड़ का निवेश करने की बाकायदा घोषणा की गई थी। उत्तर प्रदेश में इतने बड़े निवेश होने की घोषणा के बाद भी प्रदेश का कोई भी कायाकल्प नहीं दिखाई दिया। प्रदेश में आज भी उससे ज्यादा बेरोजगारों युवाओं की संख्या और अधिक बढ़ती ही जा रही है। 
 उसी तर्ज पर 28 जुलाई 2019 को आयोजित हो रहे ग्राउंड ब्रेकिग सेरेमनी-2 के कार्यक्रम में भी कई नामचीन उद्योपति शिरकत कर रहे हैं,जिनके द्बारा 65000 करोड़ की 250 से अधिक योजनाओं का शिलान्यास किये जाने का ढिढोरा पीटा जा रहा है। अगर पिछले वर्ष की तरह ही करोड़ों खर्च करने के बाद भी प्रदेश का बेरोजगार नौकरीविहीन रह गया था ऐसे निवेश का कोई फायदा नहीं जो महज दावों और कागजों तक ही सिमित रह जाये। इस मुददे को लेकर विपक्षी पार्टियों ने अभी से प्रदेश सरकार को घ्ोरने की तैयारी कर रहे हैं।