वृक्षारोपण से पर्यावरण शुद्ध होता है: न्यायमूर्ति  गोविन्द माथुर

लखनऊ । शासकीय कार्योें के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा करना भी हमारा दायित्व है। हम सभी को अपने सामाजिक दायित्व को निभाने के लिए पर्यावरण को बचाने हेतु अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना होगा। यह विचार  उच्च न्यायालय इलाहाबाद, खण्डपीठ इलाहाबाद के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोविन्द माथुर ने आज गोमतीनगर स्थित न्यायिक प्रशिक्षण अनुसंधान संस्थान में मुख्य अतिथि के रूप में वृक्षारोपण कार्यक्रम का शुभारम्भ के उपरान्त व्यक्त किये । उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण से पर्यावरण शुद्ध होता है। पर्यावरण हम सभी के जीवन में महत्वपूर्ण होता है। इसलिए पर्यावरण को बचाने में हम सभी को इसके प्रति जागरूक होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के समस्त जनपद न्यायालयों में वृक्षारोपण का कार्यक्रम शुरू हो गया है।
इस वृक्षारोपण कार्यक्रम में इलाहाबाद लखनऊ पीठ के  न्यायमूर्ति  मुनीश्वर नाथ भण्डारी,  न्यायमूर्ति   डीके उपाध्याय, न्यायमूर्ति श्री चन्द्रधारी सिंह ने भी प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा विषयक आयोजित संगोष्ठी का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव न्याय  डीके सिंह, निदेशक, न्यायिक प्रशिक्षण अनुसंधान संस्थान, श्रीमती सरोज यादव, अपर निदेशक संतोष राय, रजिस्ट्रार जनरल इलाहाबाद,  एम.के. जैन सहित प्रदेश के समस्त जनपद न्यायाधीश  उपस्थित रहे।