माइक्रो ब्रिवरी की अधिष्ठापित क्षमता 2.1 लाख बल्क ली0 प्रति वर्ष निर्धारित:संजय आर  भूसरेड्डी
ब्रिवरी तथा माइक्रो ब्रिवरी की स्थापना के लिए लाइसेंस फीस अब बढ़कर क्रमशः 2.5 लाख व 2 लाख रुपये हुई

माइक्रो ब्रिवरी स्थापित होने से अच्छी गुणवत्ता की फ्रेश बीयर उपलब्ध होने के साथ ही रोजगार के नये अवसर भी सुलभ होंगे-संजय आर  भूसरेड्डी

 

लखनऊ, । उत्तर प्रदेश सरकार ने ब्रिवरी स्थापना हेतु लाइसेंस प्रदान करने के लिए लाइसेंस फीस 25 हजार रुपये से बढ़ाकर अब 2 लाख 50 हजार रुपये कर दी है तथा लाइसेंस के नवीनीकरण फीस में भी वृद्धि कर दी है। इसके साथ ही माइक्रो ब्रिवरी स्थापना हेतु लाइसेंस फीस 02 लाख रुपये प्रति वर्ष कर दी गयी है।

यह जानकारी प्रमुख सचिव आबकारी  संजय आर भूसरेड्डी ने दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में माइक्रो ब्रिवरी स्थापना हेतु उत्तर प्रदेश यवासवनी (छठवां संशोधन) नियमावली-2019 जारी की गयी है। जिसके अनुसार यवासवनियों द्वारा यवासवनियों द्वारा बीयर के थोक विक्रय के अनुज्ञापियों से प्राप्त इन्डेन्ट में सन्निहित प्रतिफल शुल्क और अतिरिक्त प्रतिफल शुल्क की धनराशि को 02 कार्यदिवस में राजकोष में जमा न करने पर 5000 रूपये प्रतिदिन की दर से जुर्माना आरोपित किया जायेगा।

श्री भूसरेड्डी ने बताया कि माइक्रो ब्रिवरी की स्थापना हेतु कोई व्यक्ति जो होटल, रिसोर्ट, रेस्टोरेन्ट एवं वाणिज्यिक क्लब हेतु बार लाइसेंसधारी हो, संबंधित जिले के जिलाधिकारी के माध्यम से आबकारी आयुक्त को आवेदन करेगा। उन्होंने बताया कि अनुज्ञापनधारी द्वारा समस्त शर्तें पूरी करने पर जिलाधिकारी द्वारा की गयी संस्तुति के आधार पर आबकारी आयुक्त शासन की पूर्वानुमति से माइक्रो ब्रिवरी हेतु अनुज्ञापन स्वीकृत करेंगे।

प्रमुख सचिव आबकारी ने बताया कि माइक्रो ब्रिवरी हेतु आवेदन पत्र के साथ 50 हजार रूपये की धनराशि देय होगी। लघु यवासवनी हेतु अनुज्ञापन शुल्क 02 लाख रूपये प्रति वर्ष होगा। इसके अतिरिक्त अनुज्ञापी 01 लाख रूपये की प्रतिभूति धनराशि भी उपलब्ध करायेगा। लघु यवासवनी का अनुज्ञापन 01 अप्रैल से शुरू होकर आगामी वर्ष के 31 मार्च तक वैध होगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक आबकारी वर्ष हेतु अनुज्ञापन के नवीनीकरण के लिए 02 लाख रूपये देय होगा। अनुज्ञापन की शर्तों का अनुपालन करने में विफल होने पर अनुज्ञापन बिना किसी क्षति की भरपाई किये ही निरस्त कर दिया जायेगा। अनुज्ञापनधारी, 25 हजार रूपये की फीस जमा करके अनुज्ञापन की वैधता 06 माह हेतु बढ़वा सकता है। उन्होंने बताया कि माइक्रो ब्रिवरी की अधिष्ठापित क्षमता प्रतिदिन 600 बल्क ली0 और वर्ष में 350 कार्य दिवस के आधार पर 2.1 लाख बल्कली0 से अधिक नहीं होगी।

श्री भूसरेड्डी ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में नोएडा, आगरा, वाराणसी व लखनऊ आदि शहरों में देशी/विदेशी पर्यटकों का आवागमन काफी बढ़ा है। अतः प्रदेश में माइक्रो ब्रिवरी स्थापित होने पर जहां अच्छी गुणवत्ता की फ्रेश बीयर उपभोक्ताओं को रेस्टोरेस्ट में उपलबध होगी, वहीं दूसरी तरफ रोजगार के नये अवसर सुलभ होंगे एवं प्रदेश के राजस्व में भी सम्यक् रूप से वृद्धि होगी।