उप निर्वाचनों में प्रत्याशियों के द्वारा जमा की जाने वाली जमानत की धनराशि की वापसी एवं जब्ती के संबंध में निर्देश जारी
उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायतों में सामान्य

 

लखनऊ, । उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायतों में ग्राम पंचायत के प्रधान/सदस्य, क्षेत्र पंचायत/जिला पंचायत के सदस्य, क्षेत्र पंचायत के प्रमुख एवं जिला पंचायत के अध्यक्ष और नगरीय निकायों में नगर निगम के महापौर/पार्षद, नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायत के अध्यक्ष/सदस्य के पदों के सामान्य/उप निर्वाचनों में भाग लेने वाले प्रत्याशियों से जमा कराई जाने वाली जमानत धनराशि की वापसी एवं जब्ती के संबंध में आयोग द्वारा पूर्व में जारी समस्त आदेशों/निर्देशों को अधिक्रमित करते हुए प्रदेश के इन पदों के सामान्य/उप निर्वाचनों में भाग लेने वाले प्रत्याशियों के द्वारा जमा की जाने वाली जमानत की धनराशि की वापसी एवं जब्ती के संबंध में निर्देश जारी किये गये हैं। 

यह जानकारी राज्य निर्वाचन आयुक्त (पंचायत एवं नगरीय निकाय)  मनोज कुमार ने दी है। उन्होंने बताया कि निर्वाचन लड़ने वाले किसी भी प्रत्याशी की जमानत की धनराशि तब तक वापस नहीं की जाएगी जब तक उनके द्वारा संबंधित निर्वाचन में किए गए व्यय का विवरण निर्वाचन परिणाम की घोषणा के दिनांक से 03 माह के अन्दर दाखिल न कर दिया गया हो एवं जमानत धनराशि की वापसी का प्रार्थना पत्र भी उक्त 03 माह की अवधि में न दे दिया गया हो। जिन प्रत्याशियों द्वारा निर्धारित अवधि के अन्दर निर्वाचन में व्यय किए गए विवरण के साथ जमानत धनराशि की वापसी का प्रार्थना पत्र नहीं दिया जाता हे उनकी जमानत धनराशि जब्त कर ली जाएगी। निर्वाचन परिणाम की घोषणा के पश्चात् प्रत्याशी द्वारा प्रस्तुत किए गए निर्वाचन व्यय विवरण के परीक्षण में यदि किसी प्रत्याशी द्वारा निर्धारित अधिकतम व्यय सीमा से अधिक धनराशि व्यय की गई पाई जाती है तो उसकी जमानत धनराशि जब्त कर ली जाएगी। उस प्रत्याशी की जमानत की धनराशि वापस नहीं की जाएगी, जिसने मतदान में पड़े कुल वैध मतों के 1/5 अंश से कम मत प्राप्त किए हों किन्तु निर्वाचित घोषित हुए प्रत्याशी पर कुल वैध मतों के 1/5 अंश से कम मत प्राप्त करने का कोई प्रतिबन्ध नहीं होगा। 

श्री कुमार ने बताया कि यदि कोई प्रत्याशी एक से अधिक पदों पर चुनाव लड़ता है और वह उन सभी यह कुछ पदों पर निर्वाचित घोषित होता है अथवा उन सभी पदों के निर्वाचन में अथवा उनमें से कुछ पदों के निर्वाचन में उसे अलग-अलग कुल पड़े वैध मतों के 1/5 अंश या उससे अधिक मत प्राप्त होते हैं, उस दशा में एक ही जमानत की जमा धनराशि वापस की जाएगी और अन्य जमा धनराशि/धनराशियां जब्त कर ली जाएगी। यदि कोई प्रत्याशी नाम निर्देशन पत्र खरीदने व जमानत धनराशि जमा करने के पश्चात् नाम निर्देशन पत्र दाखिल ही नहीं करता है या नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने के पश्चात् उसका नाम निर्देशन पत्र निरस्त हो जाता है या निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत वह अपना अभ्यर्थन वापस ले लेता है अथवा अन्य किन्हीं कारणों से उसका नाम निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्याशियों की सूची में नहीं आता है तो इन सभी दशाओं में प्रत्याशी द्वारा जमा की गई जमानत धनराशि उसे वापस कर दी जाएगी। यदि कोई प्रत्याशी सामान्य/उप निर्वाचन में एक ही पद के लिए निर्धारित जमानत धनराशि एक से अधिक बार जमा कर देता है और वह निर्वाचित घोषित हो जाता है अथवा वह उस पद के लिए पड़े कुल वैध मतों के 1/5 अंश या उससे अधिक मत प्राप्त कर लेता है तो ऐसी स्थिति में उसके द्वारा जमा की गई सभी जमानत की धनराशियां उसे वापस कर दी जाएगी, किन्तु ऐसे प्रत्याशी के निर्वाचन में पराजित होने और मतदान में पड़े कुल वैध मतों के 1/5 अंश से कम मत प्राप्त करने पर उसके द्वारा जमा की गई ऐसी समस्त धनराशियों में से केवल एक जमानत धनराशि जब्त हो जाएगी और उसी पद हेतु उसके द्वारा जमा की गई अन्य जमानत धनराशियां उसे वापस कर दी जाएगी।

श्री कुमार ने बताया कि यदि मतदान प्रारम्भ होने के पूर्व किसी प्रत्याशी की मृत्यु हो जाती है तो उसके विधिक उत्तराधिकारी को जमानत की धनराशि वापस कर दी जाएगी। इसी प्रकार यदि मतगणना के पश्चात् किसी प्रत्याशी की मृत्यु हो जाती हे और वह निर्वाचित घोषित हो जाता है अथवा उसे वैध मतों का 1/5 अंश अथवा उससे अधिक मत प्राप्त हुए हो तो उसके विधिक उत्तराधिकारी को जमानत की धनराशि वापस कर दी जाएगी। यदि आरक्षित वर्ग के किसी प्रत्याशी द्वारा अनारक्षित वर्ग के प्रत्याशी के लिए निर्धारित धनराशि के बराबर जमानत की धनराशि जमा कर दी गई है तो आरक्षित वर्ग के प्रत्याशी हेतु निर्धारित जमानत की धनराशि से जितनी अधिक धनराशि जमा की गई है वह उसे वापस कर दी जाएगी। इस आदेश से समस्त प्रत्याशियों को नाम निर्देशन पत्र जमा करते समय ही अवगत करा दिया जाएगा। 

श्री कुमार ने बताया कि प्रत्याशियों द्वारा प्रार्थना पत्र जमा करने के समय ही उनके प्रार्थना पत्रों की जांच कर ली जाए और यदि किसी प्रकार की त्रुटि हो या अपूर्ण हो तो उसे पूर्ण करा लिया जाए। जिला पंचायतों के अध्यक्षों एवं क्षेत्र पंचायतों के प्रमुखों के निर्वाचन में प्रतिभूति (जमानत) की धनराशि की वापसी यथास्थिति उप्र, जिला पंचायत (अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का निर्वाचन और निर्वाचन विवादों का निपटारा) नियमावली, 1994 या उप्र क्षेत्र पंचायत (प्रमुख तथा उप प्रमुख का निर्वाचन और निर्वाचन विवादों का निपटारा) नियमावली, 1994 में की गई व्यवस्था के अनुसार ही की जाएगी। सभी प्रकार की जमानत धनराशि जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी अथवा उनके द्वारा प्राधिकृत अधिकारी द्वारा एक समेकित आदेश करते हुए जब्त कर संबंधित शासकीय प्राप्ति के मद में जमा कर दी जाएगी। जमानत धनराशि की वापसी वित्तीय हस्त पुस्तिका खण्ड-5 के भाग-1 के प्रस्तर-346 के अन्तर्गत होगी।