आय के साधन  को बढ़ाने की रणनीति पर अधिकारी काम करें : राजेन्द्र प्रताप सिंह
विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आमजन को जोड़ते हुए उनके

लखनऊ। गरीबी उन्मूलन में आय सृजन व बुनियादी सेवाओं की उपलब्धता के दृष्टिगत प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, मनरेगा, दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्रामीण पेयजल, रूर्बन मिशन तथा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना आदि है, जो भारत सरकार के महत्वपूर्ण फ्लैगशिप कार्यक्रम हैं। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री समग्र ग्राम विकास योजना, अम्बेडकर विशेष रोजगार योजना, मिशन अन्त्योदय आदि अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रम हैं, जिसके माध्यम से लक्षित वर्गों की आये में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ उन्हें बुनियादी सुविधाएं मुहैया करायी जा रही हैं।

प्रदेश के ग्राम विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह 'मोती' सिंह आज यहां सचिवालय स्थित कक्ष संख्या 80 में सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी)-2030 के गोल नं0-1 'इण्ड पावर्टी' सहित ग्राम्य विकास विभाग की सहभागिता वाले अन्य गोल्स की भौतिक प्रगति एवं अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर समीक्षा कर रहे थे। समीक्षा बैठक में ग्राम्य विकास विभाग के अलावा 33 अन्य विभागों के नोडल अधिकारी उपस्थित थे। ग्राम्य विकास मंत्री ने कहा कि सतत विकास लक्ष्य के अनुसार सरकार ने गरीबी उन्मूलन पर जोरदार प्रहार करने की रणनीति बनाई है। इसमें कम आमदनी व विभिन्न प्रकार के अभावों के कारण बहुआयामी गरीबी से ग्रस्त निर्धनतम परिवारों के बच्चों, महिलाओं, दिव्यांगों और बुजुर्गों, जो सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टि से निचले पायदान पर है, उनकी गरीबी को दूर करने हेतु राज्य की ओर से प्रभावी हस्तक्षेप करने का निर्णय लिया है। उन्होंने गोल्स से संबंधित विभागों द्वारा तैयार की गई रणनीति और कार्ययोजना के मुख्य बिन्दुओं पर निर्धारित लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए पूरी तन्मयता के साथ कार्य करने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।

श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश में गरीबी, कुपोषण एवं लोगों की बुनियादी आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए हमारी जिम्मेदारी है कि प्रदेश से गरीबी को पूरी तरह से समाप्त किया जाय। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि इसमें हमें तभी सफलता मिलेगी जब सरकार द्वारा चलायी जा रही जनकल्याणकारी एवं विकासोन्मुख योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंच सके।

ने कहा कि सभी संबंधित विभाग अपनी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आमजन को जोड़ते हुए उनके आय के साधन को बढ़ाने की रणनीति पर काम करें। उन्होंने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत तालाबों को इस प्रकार विकसित किया जाय जिसमें मत्स्य पालन कर जहां एक ओर स्थानीय आय में वृद्धि हो वहीं बाहर से मछली के आयात से भी निजात मिले। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को स्वास्थ्य एवं पोषण के संबंध में जागरूक कर उनके माध्यम गरीब एवं कमजोर वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य एवं पोषण के प्रति जानकारी दिये जाने पर भी काम किया जाय।

उन्होंने कहा कि सड़कों का निर्माण रिसाइकिल प्लास्टिक के माध्यम से कराया जाय। इससे जहां कूड़ा बटोरने वालों की आय में बढ़ोत्तरी होगी, वही पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ दूर दराज के गांव को स्वास्थ्य, शिक्षण एवं औद्योगिक केन्द्रों आदि से जोड़ा जा सकेगा। प्रदेश की भौगोलिक एवं जलवायु संबंधी विशेषताओं को ध्यान में रखकर स्थायी एवं टिकाऊ सड़कों का निर्माण किया जाय। उन्होंने कहा कि ऐसे पौधों को लगाये जाने को प्रोत्साहन दिया जाय, जिनका आर्थिक महत्व अधिक हो।