अग्निशमन विभाग की नकली एनओसी बनाने में एफएसओ और फायर वेंडर गिरफ्तार  

डेढ़ साल में गिरोह ने बनाईं 450 से अधिक फर्जी एनओसी  


नोएडा, । नोएडा में फायर एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) दिलाने के नाम पर संगठित गिरोह का खुलासा हुआ है। रविवार को पुलिस ने इस मामले में फायर स्टेशन फेज-1 के एफएसओ कुलदीप कुमार और एक फायर वेंडर को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह के लोग फर्जीवाड़ा करके अब तक 450 से अधिक एनओसी जारी कर चुके हैं। एसएसपी वैभव कृष्ण ने रविवार को बताया कि सोशल मीडिया पर दो व्यक्तियों के बीच एनओसी के लिए पैसे के लेन-देन की बात हो रही थी। इस बाबत मुख्य अग्निशमन अधिकारी अरुण कुमार ने उन्हें पत्र भेजकर आशंका जताई कि ऑडियो में एफएसओ कुलदीप कुमार और फायर वेंडर अरविंद गुप्ता की आवाज़ है। इसकी जांच क्षेत्राधिकारी प्रथम श्वेताभ पांडेय से कराई गयी। क्षेत्राधिकारी प्रथम ने बताया कि पूछताछ में एफएसओ कुलदीप कुमार और अरविंद गुप्ता ने स्वीकार किया कि ऑडियो में उनकी ही आवाज है। उसमें पैसे के लेन-देन की जो बातचीत हो रही है, वह मई माह की है।
पूछताछ में अरविंद गुप्ता ने बताया कि ऑडियो क्लिप में सेक्टर-48 स्थित मदरहुड हास्पिटल की बिल्डिंग के फायर सेफ्टी एनओसी देने के लिए एफएसओ को 80 हजार रुपये देने की बात हो रही है। यह भी कहा गया कि कुलदीप कुमार ने मदरहुड हॉस्पिटल का भ्रमण किया था और उसमें कुछ कमियां पाई थी। उसी के बदले में उन्होंने पैसे की मांग की थी। यह हॉस्पिटल आरएचईए हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित है।

एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि जांच के दौरान मुख्य अग्निशमन अधिकारी अरुण कुमार ने जानकारी दी कि मदरहुड हॉस्पिटल की बिल्डिंग की एनओसी आरएचईए हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड, मदरहुड हॉस्पिटल यूनिट ऑफ संवेदना हेल्थ सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के लिए की गई थी जबकि बिल्डिंग ओनर डिटेल में आवेदक का नाम आरएचईए हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड दर्ज किया गया है लेकिन ईमेल आईडी फायर वेंडर अरविंद गुप्ता और मोबाइल नंबर उसके कार्यालय में नियुक्त अभिषेक नाम के कर्मचारी का है। यह इसलिए किया गया कि एनओसी से संबंधित जो भी प्रगति या एनओसी उसकी ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर पर मिले।
एसएसपी ने बताया कि जांच में कुलदीप कुमार और अरविंद गुप्ता पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप प्रथमदृष्टया सही पाए गए है। क्षेत्राधिकारी-3 विमल कुमार ने एफएसओ कुलदीप कुमार और फायर वेंडर अरविंद गुप्ता के साथ-साथ अन्य सात के खिलाफ थाना सेक्टर-20 में मुकदमा दर्ज कराया है। उसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। 

पूछताछ में कुलदीप कुमार और अरविंद गुप्ता ने बताया कि एनओसी के लिए विभाग के पोर्टल में बिल्डिंग ओनर डिटेल पेज पर बिल्डिंग ओनर का नाम खुद या अपने किसी सहयोगी का दर्ज करते थे और ईमेल आईडि व मोबाइल नंबर अपना या अपने किसी सहयोगी का अंकित करते थे जबकि पता उसी बिल्डिंग का दर्ज करते थे, जिसकी एनओसी लेनी होती है। ऐसा वास्तविक मालिक को भ्रमित कर उससे अधिक पैसे वसूलने के लिए किया जाता था।