मण्डलों में 01 अक्टूबर, 2019 से
लखनऊ। खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में मूल्य समर्थन योजनान्तर्गत धान क्रय नीति में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, आगरा, अलीगढ़, झाॅसी, लखनऊ (जनपद सीतापुर, हरदोई एवं लखीमपुर खीरी) मण्डलों में 01 अक्टूबर, 2019 से तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश के कानपुर, लखनऊ (जनपद लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली) अयोध्या, देवीपाटन, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, विन्ध्याॅचल, वाराणसी, प्रयागराज, चित्रकूट मण्डलों में 01 नवम्बर, 2019 से धान क्रय किया जाना है। खाद्य एवं रसद विभाग के अपर आयुक्त संतोष कुमार ने यह जानकारी दी है कि कृषक पंजीयन 25 जुलाई, 2019 से आरम्भ हो चुका है। खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में धान क्रय केन्द्रों पर धान की बिक्री हेतु कृषक को खाद्य विभाग के पोर्टल बिेण्नचण्हवअण्पद पर पंजीकरण कराना होगा।![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgYOU2FANs4LmpXzEHhwrDTgYtFF2_T1mTOFBJSpB0383Svn9VMhx88q4HAMjWFU7SVh4lab8KBGBbAK00wPVwronoUtHdB2POeb36REFd5woMNJP3aQmR6G36nVguSuFxei27R0gjLIFqh/)
अपर आयुक्त खाद्य एवं रसद ने बताया कि धान विक्रय हेतु कृषक को पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। किसानों की सुविधा के दृष्टिगत् कृषक पंजीकरण माॅड्यूल में नवीन व्यवस्था के अन्तर्गत किसान के प्रथम नाम के साथ-साथ मध्य नाम एवं उपनाम जैसा कि बैंक खातें में दर्ज हो, अंकित किया जा सकेगा, खतौनी में अंकित प्रथम नाम के मैच होने पर पंजीकरण हो सकेगा। उन्होंने बताया कि पंजीकरण किये गये नाम तथा भू-लेख (खतौनी) में दर्ज नाम में भिन्नता होने की दशा में प्रोविजनल रजिस्टेªशन सम्भव होगा, किन्तु ऐसी दशा में उप जिलाधिकारी के स्तर से सत्यापन के उपरान्त ही कृषक अपनी उपज का विक्रय कर सकेंगे।
संतोष कुमार के अनुसार क्रय नीति में इस वर्ष प्रथम बार बटाईदार एवं अनुबन्ध पर खेती लेने वाले कृषकों से भी खरीद की जायेगी एवं ऐसे कृषकों को भी पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। उन्होंने किसान बन्धुओं से अनुरोध किया है कि सीबीएस युक्त राष्ट्रीयकृत एवं अनुसूचित बैंको में ही अपना खाता खुलवाकर पंजीयन फार्म में अपना बैंक खाता संख्या एवं आईएफएस कोड विशेष सावधानी से भरें। पूर्व में पंजीकृत किसान बन्धु भूमि खाता संख्या पंजीयन में दर्ज कर अपने कुल रकबे को एवं बोये गये धान के रकबे को अंकित/संशोधित कर सकेंगे। उन्होंने यह भी अनुरोध किया है कि समस्त किसान बन्धु केन्द्र पर धान लाने के पूर्व ही पंजीकरण करा लें, जिससे उनकी जमीन, बोया गया धान व बैंक एकाउण्ट का सत्यापन समय से हो जाये एवं उनको क्रय केन्द्रों पर धान विक्रय करने में असुविधा न हो तथा क्रय के 72 घण्टे के अन्दर उनके बैंक खाते में विक्रय किये गये धान का मूल्य प्राप्त हो सके, अन्यथा की स्थिति में 07 दिन का समय लग सकता है। किसान बन्धुओं को चाहिए कि वे अधिकाधिक संख्या में धान विक्रय हेतु पंजीकरण करायें।